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डीडीसी चुनाव में गुपकर गठबंधन के प्रत्याशियों संग किये जा रहे आचरण को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र

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नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को सूबे में होनेवाले जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा को पत्र लिखा. साथ ही उन्होंने पत्र के जरिये गुपकर गठबंधन के उम्मीदवारों के साथ किये जा रहे आचरण को लेकर आपत्ति जतायी है.

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नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को सूबे में होनेवाले जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा को पत्र लिखा. साथ ही उन्होंने पत्र के जरिये गुपकर गठबंधन के उम्मीदवारों के साथ किये जा रहे आचरण को लेकर आपत्ति जतायी है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा के नाम पर केंद्रशासित प्रदेश में लोकतंत्र को बाधित करने के लिए उनके पीपुल्स एलायंस के प्रत्याशियों को डीडीसी चुनाव से पहले कैनवास की अनुमति नहीं दी जा रही.

पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है कि पीपुल्स एलायंस के प्रत्याशियों को सुरक्षा के नाम पर सुरक्षित स्थानों पर भेज कर सुरक्षित स्थानों तक ही सीमित कर दिया गया है. वे बाहरी लोगों के संपर्क में नहीं आ रहे, जिनसे उन्हें वोट मांगना है. साथ ही कहा कि कुछ चुनिंदा लोगों को सुरक्षा प्रदान करना और अन्य लोगों को नजरबंद कर देना लोकतंत्र में हस्तक्षेप के समान है.

अब्दुल्ला ने लिखा है कि गुपकर गठबंधन में शामिल पार्टियां पूर्व में सत्ता का नेतृत्व भी किया है और सरकार चलाने का अवसर भी मिला है. हिंसा वाले स्थान पर सुरक्षा को लेकर उत्पन्न चुनौतियों से वाकिफ हैं.

उन्होंने कहा है कि, ”इस तरह की चुनौतियां कोई नयी नहीं हैं. ऐसी स्थितियां यहां पिछले तीन दशकों से बनी हुई हैं. लेकिन, सरकार के पास ऐसी व्यवस्था थी, जो किसी भी विचारधारा या किसी भी दल का प्रतिनिधित्व करते हों, सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करती थीं.

उन्होंने लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र का विकास देश के किसी अन्य हिस्से की तुलना में खास है. यहां की राजनीतिक यात्रा “रक्तरंजित” रही है. हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खून बहे हैं, जिन्होंने लोकतंत्र की खातिर अपनी जान दे दी.

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