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खेतों में मजदूरी व सब्जी बेचने को मजबूर है अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी झालो कुमारी, नहीं ले रहा कोई सुध

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Jharkhand news, Hazaribagh news : अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी झालो कुमारी खेतों में मजदूरी कर रही है. वर्ष 2013 में भारतीय फुटबॉल टीम से फ्रांस के फुटबॉल मैदान में जलवा दिखाया था. फुटबॉल मैदान में दनादन गोल दागते दिखाई देनेवाली खिलाड़ी अब हजारीबाग जिले के बडकागांव बाजार में सब्जी बेच रही है. धान रोपनी, धान कटनी और धान का बोझा खलिहान तक पहुंचाने तक की मजदूरी कर रही है. इसके लिए उसे 200 रुपये प्रतिदिन मजदूरी मिलती है. बाकी दिनों में सब्जी की खेतों में मजदूरी करती है.

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Jharkhand news, Hazaribagh news : हजारीबाग (जमालउद्दीन) : अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी झालो कुमारी खेतों में मजदूरी कर रही है. वर्ष 2013 में भारतीय फुटबॉल टीम से फ्रांस के फुटबॉल मैदान में जलवा दिखाया था. फुटबॉल मैदान में दनादन गोल दागते दिखाई देनेवाली खिलाड़ी अब हजारीबाग जिले के बडकागांव बाजार में सब्जी बेच रही है. धान रोपनी, धान कटनी और धान का बोझा खलिहान तक पहुंचाने तक की मजदूरी कर रही है. इसके लिए उसे 200 रुपये प्रतिदिन मजदूरी मिलती है. बाकी दिनों में सब्जी की खेतों में मजदूरी करती है.

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इस अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को डीसी से लेकर सचिव एवं मंत्री तक नौकरी एवं प्रोत्साहन का आश्वासन मिलता रहा, जो आज तक पूरा नहीं हुआ है. झालो का सपना भारतीय फुटबॉल टीम से खेलने के बाद खेल मैदान से जीवन के अंतिम समय तक जुड़े रहने का था. युवा लड़कियों को खिलाड़ी बनाना चाहती थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण यह सपना अधूरा रह गया है.

नौकरी के लिए लगायी फरियाद, मिला सिर्फ आश्वासन

झालो कुमारी ने बताया कि पूर्व खेल मंत्री अमर बाउरी, खेल सचिव मनीष रंजन, राहुल शर्मा, निदेशक नरेंद्र कुमार, सांसद जयंत सिन्हा समेत कई अधिकारियों के समक्ष फरियाद लगायी, लेकिन सभी लोगों ने सिर्फ आश्वासन दिया है. अंडर 19 बालिका फुटबॉल वर्ल्ड कप में फ्रांस में खेलने पर सीसीएल हजारीबाग चरही एसोपी आरएन झा ने आश्वासन दिया था कि सीसीएल इसे गोद लेगी, लेकिन अभी तक नहीं लिया. झालो कहती हैं अब मुझे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बडकागांव की विधायक अंबा प्रसाद से उम्मीदें है.

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शिक्षित है झालो

चरही पुरना पानी निवासी मोगल महतो की बेटी झालो कुमारी एक अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर है1 झालो ने वर्ष 2012 में मैट्रिक राजकीय बालिका स्कूल, हजारीबाग से किया. इसके बाद वर्ष 2014 में संत कोलंबस कॉलेज, हजारीबाग से इंटर की और वर्ष 2020 में प्रतिष्ठा कर्णपुरा कॉलेज, बडकागांव से स्नातक की है. वर्ष 2016 बड़कागांव के कदमाडीह निवासी किशन कुमार महतो से उसकी शादी हुई.

कक्षा 7 से फुटबॉल खेल का सफर हुआ शुरू

झालो कुमारी का चयन जिला टीम अंडर 14 फुटबॉल में कक्षा 7 में पढ़ाई के दौरान हुआ था. आवासीय खेलकूद छात्रावास में फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में भी चयन हुआ. इंटर तक इसी छात्रावास में रह कर पढ़ाई एवं फुटबॉल खेली. सातवीं राष्ट्रीय सब जूनियर बालिका फुटबॉल चैंपियनशिप में झारखंड टीम से खेलने उत्तराखंड गयी. इसके अलावा महाराष्ट्र, पुणे और अन्य राज्यों में भी फुटबॉल खेली. स्कूल नेशनल प्रतियोगिता में भाग ली. वर्ष 2013 में इंडिया टीम की ओर से खेलने फ्रांस गयी. ब्राजील, रोमानिया, डेनमार्क समेत कई देशों के साथ फुटबॉल मैच भी खेल चुकी है झालो. झालो लेफ्टआउट पॉजिशन से फुटबॉल खेलती थी.

झारखंड सरकार की खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी : झालो कुमारी

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी झालो कुमारी सबसे ज्यादा आहत झारखंड सरकार के पर्यटन कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की ओर से खिलाडियों को सीधी नियुक्ति के लिए निकाले गये विज्ञापन फॉर्म ऑनलाइन देखने से है. कहती हैं सरकार के इस प्रावधान से हमजैसे खिलाडियों को नौकरी नहीं मिलेगी, क्योंकि इस नियुक्ति प्रक्रिया में विद्यालय खेलकूद, नेहरू हॉकी और सुब्रतो कप समेत झारखंड सरकार के खेल विभाग द्वारा जो भी खेल प्रतियोगिता होते हैं. इस प्रतियोगिता के तहत स्टेट, नेशनल, इंटरनेशनल खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए कोई स्थान नहीं दिया गया है. इस खेल नीति नियोजन में सिर्फ एसोसिएशन द्वारा संचालित खेल को मिला है. कहती हैं कि हमलोग जिला टीम, राज्य स्तरीय टीम से काफी संघर्ष के बाद चयनित होते हैं. इसके बाद नेशनल और इंटरनेशनल स्तर में खेलते हैं. ताइक्वांडो, बुशो, कराटे, शूटिंग जैसे खेल एसोसिएशन द्वारा आयोजित खेल में राज्य स्तरीय टीम का सीधे चयन हो जाता है. नेशनल और इंटरनेशनल खेल में भाग लेते हैं. ऐसे खिलाडियों के लिए नौकरी का प्रावधान है, लेकिन हमजैसे लोग गांव से संघर्ष कर इंटरनेशनल फुटबॉल खेले हैं. उसके लिए कोई स्थान नहीं है.

Posted By : Samir Ranjan.

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