12.7 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 05:13 am
12.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ELSS vs PPF : इन दो बचत योजनाओं से टैक्स बेनिफिट के साथ मिलता है बेहतर रिटर्न, आइए जानते हैं कैसे मिलेगा फायदा?

Advertisement

ELSS vs PPF News : निवेश के लिए मौजूदा विकल्पों में शायद ही कोई ऐसा होगा, जो टैक्स सेविंग्स स्कीम्स से बेहतर हो. इस तरह की बचत योजनाएं न केवल लोगों को टैक्स बचाने में मदद करती हैं, बल्कि निवेश पर अच्छा रिटर्न भी दिलाती है. टैक्स सेविंग्स के लिहाज से निवेश करने के लिए फिलहाल दो योजना इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) बेहतर मानी जा सकती है. इसका कारण यह है कि ये दोनों योजना बेहतरीन बेहतर दीर्घकालिक रिटर्न और टैक्स बेनिफिट दिलाती हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

ELSS vs PPF News : निवेश के लिए मौजूदा विकल्पों में शायद ही कोई ऐसा होगा, जो टैक्स सेविंग्स स्कीम्स से बेहतर हो. इस तरह की बचत योजनाएं न केवल लोगों को टैक्स बचाने में मदद करती हैं, बल्कि निवेश पर अच्छा रिटर्न भी दिलाती है. टैक्स सेविंग्स के लिहाज से निवेश करने के लिए फिलहाल दो योजना इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) बेहतर मानी जा सकती है. इसका कारण यह है कि ये दोनों योजना बेहतरीन बेहतर दीर्घकालिक रिटर्न और टैक्स बेनिफिट दिलाती हैं.

- Advertisement -

जानिए क्या है ELSS

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम एकमात्र ऐसा म्यूचुअल फंड है, जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 (सी) के तहत आता है. बचत के लिए निवेश करने के हिसाब से यह योजना इसलिए भी लोकप्रिय है, क्योंकि इसमें इसमें धारा 80 (C) के तहत सभी तरह के टैक्स सेविंग्स स्कीम्स में सबसे कम लॉक-इन पीरियड है. यह ज्यादातर हाई रिस्क उठाने वाले लोगों द्वारा पसंद किया जाता है, क्योंकि ईएलएसएस का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है. इसलिए, इस विशेष योजना में निवेश पर रिटर्न बाजार से जुड़ा होता है. इस योजना में निवेश करने पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत टैक्स बेनिफिट मिलेगा, जिसके तहत 1,50,000 रुपये तक के योगदान को कराधान से मुक्त किया जाता है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ : इस योजना के बारे में विशेषज्ञों की राय यह है कि ये योजना उन लोगों के लिए बेहतर है, जो टैक्स बेनिफिट के साथ-साथ अच्छा रिटर्न भी प्राप्त करना चाहते हैं. इसमें तीन साल के शॉर्ट टर्म का लॉकइन पीरियड है, जिसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है. वर्ष 2018 के बजट में दिए गए दिशानिर्देशों अनुसार, हालांकि, इस योजना को टैक्स फ्री नहीं किया गया है, लेकिन इसमें एक साल की अवधि में 1 लाख रुपये अधिक लाभ होने पर 10 फीसदी की दर से एलटीसीजी टैक्स लागू होता है. अब जो व्यक्ति इस योजना में निवेश करना चाहता है, उसे इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि यह फिक्स्ड डिपॉजिट या पीपीएफ की तुलना में ज्यादा जोखिम भरा निवेश है. लेकिन, इसकी खासियत यह है कि इसमें निवेश करने पर सबसे अधिक रिटर्न भी मिलता है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

पब्लिक प्रोविडेंट फंड या पीपीएफ निवेश सबसे अधिक लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है. यह न केवल कराधान से मुक्त हैं, बल्कि सुरक्षित भी है. इस योजना में एनआरआई को छोड़कर सभी भारतीय कर निवेश कर सकते हैं. पीपीएफ में निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80 (C) के तहत टैक्स कटौती का दावा किया जा सकता है. बता दें कि कोरोना महामारी के दौर देश में उपजी आर्थिक मंदी के कारण इस साल पीपीएफ की ब्याज दर फिलहाल 7.10 फीसदी पर आ गई है. पीपीएफ योजना के तहत आप एक वित्तीय वर्ष में 500 से 1.5 लाख रुपये के बीच निवेश कर सकते हैं.

यह आप पर निर्भर करता है कि इस योजना में निवेश करने पर आप मासिक किस्तों में या फिर महीने में एक बार रकम जमा करा सकते हैं. इस योजना में निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि यह एक दीर्घकालिक योजना है. इस योजना में निवेश करने पर छठे साल से खाते से आंशिक निकासी किया जा सकता है. हालांकि 15 साल की परिपक्वता अवधि पूरा होने के बाद पूरी रकम निकाली जा सकती है. इसका लॉकइन पीरियड 15 साल है. इसके बाद आप इसे पांच साल के लिए बढ़ा सकते हैं. इसकी खासियत यह है कि इस योजना से ईएलएसएस के विपरीत आप जो ब्याज पाते हैं, वह पूरी तरह से टैक्स फ्री है.

दोनों योजनाओं में से आपके लिए कौन है बेहतर

दरअसल, यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस तरह की निवेश योजनाओं की तलाश कर रहा है. हालांकि, बचत के ख्याल से दोनों योजनाएं बेहतर है. इन योजनाओं में केवल पीपीएफ ही ऐसी योजना है, जो आपको टैक्स फ्री रिटर्न दिलाती है. हालांकि, पीपीएफ का लॉकइन पीरियड ईएलएसएस के तीन साल के लॉकइन पीरियड के मुकाबले बहुत अधिक है. पीपीएफ में निवेश पर बेहतर रिटर्न भी मिलता है. वहीं ईएलएसएस में रिटर्न डाइनेमिक है और यह बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है. इसके अलावा, ईएलएसएस में निवेश करने का जोखिम पीपीएफ की तुलना में अधिक है, जिसमें रिटर्न बहुत कम है. अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं. अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप इन दोनों बचत योजनाओं में से किसे चुनना पसंद करेंगे.

Also Read: PM Kisan Scheme : दो हजार रुपये की किस्त के लिए लाखों किसानों का इंतजार हुआ खत्म, लिस्ट में ऐसे चेक करें अपना नाम

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें