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वेज रिवीजन पर नहीं बनी बात, फिर मिली नयी तारीख, बीएसएल-सेल के 56 हजार कर्मचारी निराश

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बोकारो (सुनील तिवारी) : वेज रिवीजन को लेकर सेल प्रबंधन व एनजेसीएस की वर्चुअल मीटिंग तीन घंटे तक चली. इसके बावजूद बैठक में वेज रिवीजन पर बात नहीं बन सकी. बैठक की ओर टकटकी लगाये बैठे बीएसएल-सेल के 56 हजार कर्मी को निराशा हाथ लगी. अब 23 दिसंबर को हैदराबाद में फिजिकल मीटिंग होगी, जिसमें सभी मान्यता प्राप्त यूनियन के एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे. वेज रिवीजन जनवरी 2017 से लंबित है.

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बोकारो (सुनील तिवारी) : वेज रिवीजन को लेकर सेल प्रबंधन व एनजेसीएस की वर्चुअल मीटिंग तीन घंटे तक चली. इसके बावजूद बैठक में वेज रिवीजन पर बात नहीं बन सकी. बैठक की ओर टकटकी लगाये बैठे बीएसएल-सेल के 56 हजार कर्मी को निराशा हाथ लगी. अब 23 दिसंबर को हैदराबाद में फिजिकल मीटिंग होगी, जिसमें सभी मान्यता प्राप्त यूनियन के एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे. वेज रिवीजन जनवरी 2017 से लंबित है.

सेल प्रबंधन व एनजेसीएस की वर्चुअल बैठक में 01.01.2017 से लंबित वेतनमान पुनरीक्षण समेत सभी लंबित मुद्दों जैसे एचआर, पेंशन, पदनाम पर चर्चा हुई. सबसे पहले पिछले एनजेसीएस मीटिंग के मिनट्स पर चर्चा हुई. सभी यूनियन ने मिनट्स में लिखे एकतरफा केवल मैनेजमेंट की बात को गलत ठहराया. यूनियन प्रतिनिधियों की बातों को भी अंकित करने का आग्रह किया. साथ हीं साथ ग्रेच्युटी सीलिंग समेत कुछ मिनट्स के अंश को हटाने की मांग रखी.

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बैठक में प्रबंधन की तरफ से सेल चेयरमैन एके चौधरी ने 10 वर्ष का वेज रिवीजन करने का प्रस्ताव दिया. साथ हीं यह भी कहा कि हम 01 जनवरी 2017 से एरियर नहीं दे सकते. इससे कंपनी घाटे में आ जायेगी. इस पर यूनियन नेताओं ने कहा : वेतन समझौता पांच वर्ष का हो. 01 जनवरी 2017 से एरियर चाहिए. सिलिंग को हम नहीं मानते. इससे पहले भी ऐसे वेज रिवीजन हुए है, जिसमें एरियर दो किस्तों में दिया गया है. प्रबंधन ने एमजीबी का भी कोई प्रस्ताव नहीं दिया.

सेल चेयरमैन से सभी प्रतिनिधियों ने मैनेजमेंट के प्रस्ताव को जानने का आग्रह किया. चेयरमैन ने अपने संबोधन में सेल की वर्तमान व भविष्य को सभी के सामने रखा. 10 साल के समझौते, पदनाम, एचआरए समेत 01.1.2017 से एरियर के मुद्दे के बारे में बताया. सभी ट्रेड यूनियन से एक कॉमन चार्टर ऑफ डिमांड की बात कही ताकि इसी फाइनेंसियल साल तक सभी मुद्दे का समाधान तय हो सके. यूनियन ने पूछा : 10 साल के समझौते में कर्मियों को क्या मिलेगा ?

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सेल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि 31/12/20 तक सेल कर्मियों के पदनाम मुद्दे का हल मीटिंग के माध्यम से हो जाय, ऐसा प्रस्ताव आया है. साथ हीं अलग-अलग यूनियन के अलग-अलग पदनाम प्रस्ताव से सहमति में देरी की बात हुई. कुछ यूनियन ने तो पुराने पदनाम को हीं लागू रखने की बात रखी है. इसका एनजेसीएस नेताओं ने विरोध किया और सभी कर्मियों के लिए एक सम्मानजनक पदनाम की मांग की. प्रॉफिट लिंक्ड अत्यधिक बोनस की चर्चा हुई.

बैठक में बोकारो से एटक से महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह सहित आदि नारायण, विनोद सोनी, इंटक से बोकारो से वीरेंद्र चौबे सहित डॉ जी संजीवा रेड्डी, एसके बघेल, वंश बहादुर सिंह, हरजीत सिंह, एचएमएस से बोकारो से राजेंद्र सिंह सहित संजय वढावकर, शशाधर नायक, सीटू से तपन सेन, बीएमएस से डॉ बीके राय सहित अन्य नेता उपस्थित थे. बीएसएल के 9500 सहित सेल के 56 हजार कर्मी बैठक की ओर टकटकी लगाये बैठे थे. लेकिन, निराशा हाथ लगी.

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कर्मियों को 10 वर्ष का वेतन समझौता स्वीकार नहीं, क्योंकि इसके पूर्व 1997 से 2006 तक के लिए जब 2002 में 10 वर्षीय समझौता किया गया था, तब पूरे इस्पात उद्योग सहित सेल की स्थिति भी अच्छी नहीं थी. लेकिन, 2005 में इस्पात की मांग में अचानक तेजी आने से सेल की स्थिति सुधर गई और तब से सेल निरंतर लाभ कमाने लगा. इसके लाभ का हिस्सा कर्मियों को नहीं मिला. पिछला दो वेतन समझौता पांच वर्ष का किया गया था.

कर्मियों को पता है कि 10 वर्ष के वेतन समझौता व दो पांच वर्षीय वेतन समझौता के बीच क्या अंतर है. इसलिये यूनियन व कर्मी पांच वर्ष पर वेतन समझौता के पक्ष में हैं. उधर, प्रबंधन ने पिछले बैठक के मिनट्स में स्पष्ट रूप से डीपीई के दिशा-निर्देश का भी उल्लेख किया है, जिसमें यह कहा गया है कि कर्मियों के लिए दो पांच वर्षीय वेतन समझौता करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि उनका वेतनमान और अधिकारियों के वेतनमान में कोई टकराव न हो.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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