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जमीन विवाद : रिटायर फौजी ने चलायी गोली वकील का साला घायल, बुंडू के युवक की मौत

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खेलगांव थाना क्षेत्र के लालगंज में एक पुराने जमीन विवाद मामले में खूनी खेल, खेलगांव थाना क्षेत्र में चली गोली

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रांची : खेलगांव थाना क्षेत्र के लालगंज में एक पुराने जमीन विवाद को लेकर सोमवार को खूनी खेल खेला गया. सुबह 7:30 बजे लालगंज निवासी रिटायर फौजी मैनेजर तिवारी ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से ताबड़तोड़ फायरिंग की. इसमें मुहल्ले में किराये के मकान में रहनेवाले सूरज कुमार महतो (24) की मौत हो गयी. जबकि, स्थानीय व अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला के साले अमरेंद्र कुमार मिश्रा (42) गंभीर रूप से घायल हो गये.

घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी अपनी बुलेट से टाटीसिलवे की ओर फरार हो गया. उसकी पत्नी सुमन तिवारी और छोटे बेटे अभिषेक तिवारी को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. संभव है कि इन्हें गिरफ्तार कर लिया जाये. पुलिस ने मौके से चार खोखे बरामद किये हैं.

जानकारी के अनुसार, मैनेजर तिवारी मूल रूप से बिहार के छपरा जिले का रहनेवाला है. फौज से रिटायर होने के बाद वह लालगंज में मकान बना कर परिवार के साथ रहता है. यहीं रहनेवाले अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला के साथ उसका 2014 से 13 फीट के कॉमन रास्ते को लेकर विवाद चल रहा है.

रास्ते पर मैनेजर तिवारी का कब्जा है. सोमवार को एक बार फिर विवाद बढ़ा और मैनेजर तिवारी लाइसेंसी पिस्तौल लेकर अपनी पत्नी और बेटे के साथ विवादित जमीन पर पहुंच गया. यहां रह रहे सुरक्षा गार्डों ने उसे रोका, तो उसने अनाप-शनाप कहते हुए फायरिंग शुरू कर दी. मौके पर अधिवक्ता के साले और स्थानीय ‘प्रतिमा पूजा भंडार’ के संचालक अमरेंद्र कुमार मिश्रा मौके पर पहुंचे, तो मैनेजर तिवारी ने उन पर गोलियां चला दी. उनकी पसलियों में दो गोलियां लगीं. वह वहीं जमीन पर गिर गये.

हल्ला सुनकर पड़ोस के मकान में किराये पर रहनेवाला बुंडू का कुंजू गांव निवासी सूरज कुमार महतो भी मौके पर पहुंचा. रिटायर फौजी ने उसके सीने में भी पांच गोलियां उतार दीं. घटना की सूचना पाकर तत्काल खेलगांव थाना की पीसीआर मौके पर पहुंची. दोनों घायलों को इलाज के लिए मेडिका अस्पताल ले जाया गया, जहां सूरज को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.

जबकि गंभीर स्थिति में अमरेंद्र कुमार मिश्रा का मेडिका में इलाज किया जा रहा है. वहां पर उनकी सर्जरी कर गोलियां निकाल दी गयी हैं. घटना के बाद सिटी एसपी सौरभ, सिटी डीएसपी प्रभात रंजन बरबार, थाना प्रभारी मुक्ति नारायण सिंह मौके पर गये. इसके बाद थाना में पीड़ित और आरोपी पक्ष से पूछताछ की. कांके विधायक समरी लाल भी खेलगांव थाना पहुंचे थे.

बुंडू की लड़की के साथ भागा था सूरज :

सूरज कुमार महतो बुंडू के कुंजू गांव का था. यह नवंबर में बुंडू की एक लड़की को लेकर भागा था. इस मामले में इसके पिता श्रीहरि महतो ने बुंडू थाना में 31 नवंबर को बेटे के गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया था. रविवार की सुबह बेटे के मौत की खबर सुनकर वे बुंडू से परिजनों के साथ खेलगांव थाना पहुंचे थे.

बुंडू की लड़की के साथ भागा था सूरज : सूरज कुमार महतो बुंडू के कुंजू गांव का था. यह नवंबर में बुंडू की एक लड़की को लेकर भागा था. इस मामले में इसके पिता श्रीहरि महतो ने बुंडू थाना में 31 नवंबर को बेटे के गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया था. रविवार की सुबह बेटे के मौत की खबर सुनकर वे बुंडू से परिजनों के साथ खेलगांव थाना पहुंचे थे.

उन्होंने कहा कि चार माह पहले बेटा ट्रैक्टर लिया था. नवंबर में लापता होने के बाद उन्होंने थाना में सनहा कराया था. उसके बाद से सूरज अपनी मंगेतर के साथ लालगंज में किराये के घर में रहता था. सोमवार को पुलिस से बेटे की हत्या की सूचना मिली तब वे खेलगांव थाना पहुंचे.

पुलिस बुलायी, पर आने से पहले घटना को दिया अंजाम : घटना से कुछ देर पहले मैनेजर तिवारी ने खेलगांव थाना प्रभारी को फोन कर कहा था कि कुछ लोग विवाद कर रहे है. पुलिस भेजें. थाना प्रभारी मुक्ति नारायण सिंह ने तत्काल पीसीआर को मौके पर रवाना किया. पीसीआर मौके पर पहुंचती इससे पहले ही मैनेजर तिवारी घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो चुका था.

तीनों गार्ड ने बताया किस बात पर शुरू हुआ झगड़ा :

वकील की जमीन पर रहने वाले तीनों गार्ड शिवेश्वर महतो, सुरेंद्र मंडल व बिरेंद्र महतो ने पुलिस के समक्ष बयान दिया है. इनलोगों ने बताया कि रविवार की सुबह मैनेजर तिवारी, इनकी पत्नी सुमन तिवारी व बेटा अभिषेक, वकील साहब के प्लॉट पर लगे गेट की जंजीर तोड़ने आया था.

जब मैनेजर तिवारी जंजीर तोड़ रहे थे, तो इनलोगों ने कहा कि वकील साहब के सामने जो करना है कीजियेगा, अभी मत कीजिए. लेकिन वह नहीं माने. इस बीच वकील साहब के साले वहां आ गये. मैनेजर तिवारी ने पिस्टल से उनको गोली मार दी.

लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा पुलिस ने की थी :

रंगदारी सहित अन्य आरोप में मैनेजर तिवारी को खेलगांव पुलिस ने 23 अक्तूबर 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इसके बाद 29 अक्तूबर 2020 खेलगांव थाना की ओर से मैनेजर तिवारी के पिस्टल व रायफल का लाइसेंस रद्द करने का प्रतिवेदन उपायुक्त सह दंडाधिकारी रांची को भेजा गया था.

लेकिन उसका लाइसेंस रद्द करने की बात सामने नहीं आयी. जेल से 10 नवंबर 2020 जमानत पर मैनेजर तिवारी बाहर आये थे. जमीन विवाद को लेकर 22 मार्च 2020 धारा 107 के तहत कार्रवाई के लिए खेलगांव पुलिस ने प्रतिवेदन भेजा था.

पहले पति को, फिर सूरज को मारी गोली :

प्रतिभा मिश्रा (35 वर्ष), पति अमरेंद्र कुमार मिश्रा ने मेडिका अस्पताल में पुलिस को लिखित बयान दिया. इस आधार पर खेलगांव थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. कहा है कि लालगंज स्थित घर पर वह पति के साथ थीं. सुबह 07:20 में हल्ला सुनकर मेरे पति अमरेंद्र कुमार मिश्रा घर से बाहर निकले.

तब पड़ोस में रहने वाले मैनेजर तिवारी, उनकी पत्नी सुमन तिवारी व छोटा बेटा अभिषेक तिवारी उसके घर के पास अशोक कुमार शुक्ला के कैंपस में रहने वाले गार्ड के साथ झंझट कर रहे थे. इस दौरान मैनेजर तिवारी हाथ में पिस्टल लेकर गोली चला रहा था. इस दौरान उसकी पत्नी व बेटा बोला कि मिश्रा घर से बाहर निकला है, उसको गोली मारो.

इसके बाद मैनेजर तिवारी ने मेरे पति पर गोली चला दी. गोली उनके पंजरे में लगी और वह गिर गये. इसी क्रम में बगल के घर में किराये पर रहने वाला बुंडू का युवक सूरज कुमार महतो वहां पहुंचा. उसे भी मैनेजर तिवारी ने गोली मार दी. जिससे वह भी जमीन पर गिर गया. इसके तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को मेडिका अस्पताल इलाज के लिए तत्काल ले गयी.

जहां इलाज के क्रम में सूरत कुमार महतो की मौत हो गयी. जबकि मेरे पति इलाजरत है. प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि मैनेजर तिवारी ने अप्रैल-2020 में फोन करके गोली मारने व पूरे परिवार को बर्बाद करने की धमकी दी थी. इस संबंध में अमरेंद्र कुमार मिश्रा ने खेलगांव थाना में सूचना दी थी. इसी तरह नौ नवंबर-2020 की रात मैनेजर तिवारी व उसके छोटे बेटे ने लालगंज स्थित मेरी पूजा सामग्री की दुकान प्रतिमा पूजा भंडार में आग लगा दी थी.

इस मामले में खेलगांव थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. मैनेजर तिवारी का बड़ा भाई मुख्तयार तिवारी भी दुकान पर आकर धमकी देता था. कहता था मैनेजर तिवारी से उलझोगे, तो पूरे परिवार को बर्बाद कर देंगे. रास्ते की जमीन पर मैनेजर ने कर लिया था कब्जा : शुक्ला

वकील अशोक शुक्ला ने कहा कि उनके व मैनेजर तिवारी की जमीन के बीच में 13 फुट का कॉमन रास्ता था. उस रास्ते पर उन्होंने कब्जा कर लिया था. मामले की शिकायत करने पर पुलिस ने 107 के लिए प्रतिवेदन दिया था. एसडीओ कोर्ट से मामले में सीओ से रिपोर्ट मांगी गयी थी.

सीओ ने रिपोर्ट दी थी. जिसमें अतिक्रमण की बात कही गयी थी. सुनवाई के दौरान एसडीओ कोर्ट की ओर से सीओ को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश 144 के तहत दिया गया था. उनके स्तर पर कार्रवाई नहीं करने पर मामला 147 में कनवर्ट कर दिया गया. फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है. विवाद को लेकर पूर्व में भी मैनेजर तिवारी के खिलाफ थाने में शिकायत की गयी थी.

Posted by : sameer oraon

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