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क्रिप्टो करेंसी से जुड़े जोखिम

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क्रिप्टो करेंसी से जुड़े जोखिम

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सतीश सिंह

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मुख्य प्रबंधक

आर्थिक अनुसंधान विभाग भारतीय स्टेट बैंक

satish5249@gmail.com

रिजर्व बैंक का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी की अपनी कोई कीमत नहीं होती है और इसके माध्यम से अवैध कारोबार करने की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं. जनवरी, 2021 को एक बिटकॉइन की कीमत 11 प्रतिशत बढ़कर लगभग 24 लाख रुपये के स्तर पर पहुंच गयी़ वर्ष 2020 में इसकी कीमत में 300 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है़ सिर्फ दिसंबर महीने में ही बिटकॉइन ने निवेशकों को 50.37 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है.

एक अनुमान के अनुसार, एक बिटकॉइन की कीमत वर्ष 2030 तक एक करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है़ फरवरी, 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 5,000 क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 119.46 अरब डॉलर का है और तकरीबन 350 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ बिटकॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बनी हुई है़

जून, 2020 तक दुनिया में लगभग इसके 20 मिलियन उपयोगकर्ता थे, जबकि भारत में बिटकॉइन के पांच मिलियन से ज्यादा उपयोगकर्ता है़ं भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करनेवाले 30 वर्ष से कम उम्र के निवेशकों की संख्या 70 प्रतिशत से अधिक है़

अपने यहां बिटकॉइन के कारोबार पर भारतीय रिजर्व बैंक ने 2018 में प्रतिबंध लगाया था, जिसे बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने हटा दिया़ हालांकि भारत में अन्य क्रिप्टो करेंसी पर अभी भी प्रतिबंध लगा हुआ है़ बीते वर्ष मीडिया के हवाले से कहा गया था कि 2019 में क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाला बिल संसद में पेश किया जायेगा, लेकिन इसे अभी तक संसद पटल पर रखा नहीं जा सका है़ क्रिप्टो करेंसी का कारोबार डिजिटली किया जाता है.

शेयर बाजार में किसी शेयर की कीमत उस कंपनी की माली हालात देखकर तय होती है, लेकिन क्रिप्टो करेंसी की कीमत तय करने का कोई आधार नहीं है़ वर्तमान करेंसी की तरह क्रिप्टो करेंसी का मुद्रास्फीति से कोई लेना-देना नहीं है़ बाजार के उतार-चढ़ाव से भी यह मुक्त है़ गैरकानूनी तरीके से इसका लेन-देन होने के कारण इससे जुड़े विवाद में किसी को सजा नहीं दी जा सकती है़

चूंकि यह किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से जुड़ा नहीं है, इसलिए इसका कोई नियामक भी नहीं है़ बीते वर्ष तात्कालिक वित्त सचिव सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में क्रिप्टो करेंसी पर गठित अंतर-मंत्रालयी समिति ने इसे प्रतिबंधित करने, करेंसी से संबंधित किसी तरह की गतिविधि में शामिल होने पर 25 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या 10 वर्ष की कैद या फिर दोनों की सिफारिश की थी़

क्रिप्टो करेंसी के पूरी तरह चलन में आने के बाद निश्चित तौर पर देश व दुनिया की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आयेगा़ माना जा रहा है कि क्रिप्टो करेंसी के वैध करेंसी बनने के बाद बैंकों का अस्तित्व खत्म हो जायेगा़ आर्थिक क्षेत्र के बहुत सारे मानक भी बदल जायेंगे़ ऐसे में सवाल है कि वैसे लोग जो आज क्रिप्टो करेंसी से अंजान हैं, वे अपने पैसे कहां रखेंगे,

जरूरत पड़ने पर कर्ज कहां से लेंगे, विवाद होने पर निपटारा कौन करेगा़ इन सभी प्रश्नों का उत्तर क्रिप्टो करेंसी के पैरोकारों के पास नहीं है़ इसमें निवेश करना भी जोखिम भरा है़ कई बार इसकी कीमत कुछ घंटों में 40 से 50 प्रतिशत गिर जाती है़ आज इसका ज्यादातर इस्तेमाल गैरकानूनी तरीके से हो रहा है़

बीते वर्ष बेंगलुरु में देश का पहला बिटकॉइन एटीएम खोलने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था़ इस एटीएम के जरिये कारोबारी अपने क्रिप्टो वॉलेट में रुपये जमा कराकर क्रिप्टो करेंसी में कारोबार करना चाहते थे़ क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ‘उनोकॉइन’ वर्तमान में 30 क्रिप्टो करेंसियों में कारोबार करने की सुविधा दे रहा है़ भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों के कारण यह एक्सचेंज क्रिप्टो कारोबार को बढ़ाने के लिए नये विकल्पों की लगातार तलाश कर रहा है़

इसी के तहत क्रिप्टो एटीएम के रूप में नया विकल्प सामने आया था़ इस करेंसी के कारोबार में हो रही वृद्धि यह बताती है कि इसके कारोबारी भी इसपर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है़ं बिना किसी नियामक के ही कारोबारी भारत में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार कर रहे है़ं कारोबारी इस पर प्रतिबंध लगाने से अच्छा इसका नियमन और इस संबंध में स्पष्ट कानून चाहते है़ं

जबकि रिजर्व बैंक का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी की अपनी कोई कीमत नहीं होती है और इसके माध्यम से अवैध कारोबार करने की बहुत ज्यादा संभावनाएं है़ं बैंक का यह भी कहना है कि इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाना संभव नहीं है़ इस करेंसी को सहेजने के लिए बनाये गये इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट के साथ भी सुरक्षा संबंधी चुनौतियां जैसे हैंकिंग,

पासवर्ड चोरी और मालवेयर हमले आदि मौजूद है़ं चूंकि, इस करेंसी को किसी टकसाल में ढाला नहीं जाता है, इसलिए इसका लेन-देन दूसरी करेंसियों की तरह वैधानिक नहीं है़ क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन सार्वजनिक होता है, पर उपयोगकर्ता की पहचान गुप्त रखने के कारण यूजर की पहचान करना मुश्किल है़ यह करेंसी प्रयोग के प्राथमिक चरण में है़

भले ही बिटकॉइन को आभासी मुद्रा युग का नवीनतम वर्जन माना जा रहा है, लेकिन यह मौजूदा डिजिटल तंत्रों से कई कदम आगे है़ कैशा ने जनवरी, 2020 में यूनाइटेड मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के साथ सयुंक्त रूप से क्रिप्टो बैंक ‘यूनीकैश’ शुरू किया है, जो यूजर को खाते से क्रिप्टो करेंसी में लेन-देन की अनुमति देता है़ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बिटकॉइन के कारोबार पर लगे प्रतिबंध को हटाने के बाद से भारत में इसका कारोबार बेरोकटोक चल रहा है़ करेंसी से जुड़े जोखिमों को देखते हुए सरकार को कड़े दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए़

Posted By : Sameer Oraon

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