28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

शास्त्रीय संगीत के उस्ताद गुलाम मुस्तफा का 89 साल की उम्र में निधन

Advertisement

पद्म विभूषण से सम्मानित भारतीय शास्त्रीय संगीतकार उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का 89 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया. भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण सम्मान दिया था. उन्होंने कई मशहूर गायकों को सीखाया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पद्म विभूषण से सम्मानित भारतीय शास्त्रीय संगीतकार उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का 89 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया. भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण सम्मान दिया था. उन्होंने कई मशहूर गायकों को सीखाया था.

- Advertisement -

खान साहब ने रात 12.37 में अंतिम सांस ली उस वक्त वह मुंबई के बांद्रा स्थि अपने घर पर थे. अचानक उनकी तबीयत खराब हुई डॉक्टर को बुलाया गया लेकिन तबतक उनका निधन हो चुका था.

3 मार्च को उनका जन्मदिन था इस दिन वह अपना 90 वां जन्मदिन मनाते. ना सिर्फ इस परिवार को बल्कि संगीत जगह को उनके निधन से गहरी क्षति पहुंची है. उनके निधन की जानकारी बहू नम्रता गुप्ता खान ने दी. उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की पहचान अलग थी. उनकी आवाज में वो जादू था जिसमें लोग खो जाते थे. अपनी आवाज से वह सभी को दिवाना बना देते थे. जो ठहराव और सुकून उनकी आवाज में थी अब वह कहीं सुनने को नहीं मिलेगी.

Also Read: इंडिगो के विमान में आयी तकनीकी खराबी, आपात लैंडिंग करायी गयी

उनके निधन की जानकारी सामने आने के बाद लता मंगेशकर, उस्ताद अमजद अली खान, ए आर रहमान सहित कई लोगों ने खेद प्रकट किया और अपने अनुभव भी साझा किये. भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा था.

बहू नम्रता गुप्ता खान के साथ मिलकर लिखे गए अपने संस्मरण ‘ए ड्रीम आई लिव्ड एलोन’ में उन्होंने कब्रिस्तान में रियाज की कहानी बतायी थी. लॉचिंग के दौरान उन्होंने बताया कि मेरी उम्र करीब 12 बरस रही होगी. रियाज के लिए मैं कब्रिस्तान जाता था क्योंकि उस दौरान मुझमें डर और झिझक बहुत ज्यादा थी.

Also Read: वेब सीरीज तांडव को लेकर राजनीति शुरू, भाजपा सांसद ने की बैन करने की मांग

उन्होंने बताया था कि मेरे उस्ताद रोज दोपहर के खाने के बाद सोते थे और मुझसे घर जाकर रियाज करने कहते थे, लेकिन घर में बहुत शोर-गुल होता था, इसलिए कब्रिस्तान बिलकुल सुनसान और सही जगह थी रियाज के लिए. मैं वहां खुलकर गा सकता था.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें