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मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के बयान ने पकड़ा तूल, मारवाड़ी समाज ने जताया कड़ा विरोध, जानिए क्या दिया था वित्त मंत्री ने बयान..?

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वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के विवादित बयान ने तूल पकड़ लिया है. मारवाड़ी समाज ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. देवघर में आयोजित ‘झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच’ के सातवें सत्र (2018-21) की पांचवीं कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहा

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रांची/देवघर: वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के विवादित बयान ने तूल पकड़ लिया है. मारवाड़ी समाज ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. देवघर में आयोजित ‘झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच’ के सातवें सत्र (2018-21) की पांचवीं कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहा. कहा गया कि मारवाड़ी समाज ने धर्मशालाओं व अस्पतालों का निर्माण कराया है. जितना राजस्व मारवाड़ी समाज की अोर से राज्य और राष्ट्र को मिलता है, उतना किसी से नहीं. इसके बावजूद शोषण की बातें कही जायेंगी, तो मारवाड़ी समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. मुख्य अतिथि और मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष अोम प्रकाश अग्रवाल ने कहा : सूबे के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव रांची व झारखंड से परिचित हैं.

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उन्होंने निंदनीय बयान दिया है कि झारखंड में मारवाड़ियों और बिहारियों के आने के बाद से आदिवासियों का शोषण हुआ है. श्री अग्रवाल ने कहा कि जैसे ही इस तरह के बयान की सूचना आयी, मैंने मंत्री से संपर्क साधा. उन्होंने इस तरह के बयान से इनकार किया और कहा कि अखबारवालों ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया है. इस पर राजस्व मंत्री को खंडन करने की सलाह दी गयी. उन्हें यह भी बताया गया कि ऐसा नहीं करने पर झारखंड के साथ-साथ पूरे राष्ट्र में इसका विरोध होगा. राज्य में मारवाड़ी व बिहारी के साथ-साथ गुजराती, पंजाबी, दक्षिण भारतीय सभी एक साथ रहते हैं. ऐसे में हम सरकार से पूछना चाहेंगे कि जातीयता का उल्लेख क्यों किया गया?

  • वित्त मंत्री के विवादित बयान की कड़ी निंदा, जताया गया विरोध

  • देवघर में आयोजित झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच की कार्यकारिणी की बैठक में उठा मामला

आज मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष से मिलेंगे वित्त मंत्री : विवादास्पद टिप्पणी छपने के बाद शनिवार को वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया से फोन पर बातचीत की. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी भी समाज को आहत करने की नहीं थी. मारवाड़ी समाज के प्रति उनके मन में कोई दुर्भावना नहीं है. श्री उरांव रविवार को देवघर में प्रांतीय अध्यक्ष से भेंट करेंगे.

इधर, इस मुद्दे को लेकर मारवाड़ी समाज की बैठक हुई. वहीं मारवाड़ी समाज के वरिष्ठ लोगों ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, इरफान अंसारी व अन्य वरिष्ठ नेताओं के समक्ष अपना रोष व्यक्त किया है. बैठक में समाज से अपील की गयी है कि इस बयान को जल्दबाजी में अन्यथा में न लें और शांति-व्यवस्था बनाये रखें.

कांग्रेसियों ने प्रदेश अध्यक्ष के बयान से किया किनारा : प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के बयान से कांग्रेस के कई नेताओं ने किनारा कर लिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने कहा है कि डॉ उरांव का बयान उनके निजी विचार हैं. कांग्रेस तोड़ने की नहीं, जोड़ने की राजनीति करती है. यदि डॉ उरांव ने सच में ऐसा बयान दिया है, तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय और कार्यकारी अध्यक्ष मानस िसन्हा ने भी डॉ उरांव के बयान को उनका निजी विचार बताया है.

जमीन की लूट की छूट किसी को नहीं – डॉ उरांव : डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि रांची में बिहारियों और मारवाड़ियों के आकर भरने संबंधी उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. मेरा बिहार या बिहारियों से कोई विद्वेष नहीं. मैं खुद बिहारी था. पूरा झारखंड कभी बिहार ही था. भाजपा के शासन में आदिवासियों की जमीन छीनने की साजिश की गयी. सीएनटी/एसपीटी एक्ट में संशोधन की कोशिश हुई, पर अब जमीन की लूट की छूट किसी को नहीं मिलेगी. बचपन में मैंने पढ़ा था कि देश भर के दो शहर रांची और इंफाल आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं. इंफाल आज तक आदिवासी बहुल शहर है, लेकिन रांची शहर में आदिवासियों की संख्या आज कम हो गयी है.

Posted by: Pritish Sahay

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