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Jharkhand News : झारखंड के इन गांवों के लोगों की जिंदगी पांच महीने रहती है बंधक, पढ़िए क्या है पूरा मामला

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Jharkhand News, Hazaribagh News, हजारीबाग न्यूज (जयनारायण) : झारखंड के हजारीबाग जिले के सीतागढ़ का ‘बीएसएफ फायरिंग रेंज’ 56 साल से आठ गांवों के दो हजार लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. फायरिंग प्रैक्टिस और मोर्टार ट्रेनिंग के कारण डरे-सहमे ग्रामीण साल के औसतन पांच महीने अपने घरों में कैद रहते हैं. बीएसएफ की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक ट्रेनिंग अवधि के दौरान ग्रामीणों का घर से निकलना सख्त मना है.

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Jharkhand News, Hazaribagh News, हजारीबाग न्यूज (जयनारायण) : झारखंड के हजारीबाग जिले के सीतागढ़ का ‘बीएसएफ फायरिंग रेंज’ 56 साल से आठ गांवों के दो हजार लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. फायरिंग प्रैक्टिस और मोर्टार ट्रेनिंग के कारण डरे-सहमे ग्रामीण साल के औसतन पांच महीने अपने घरों में कैद रहते हैं. बीएसएफ की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक ट्रेनिंग अवधि के दौरान ग्रामीणों का घर से निकलना सख्त मना है.

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इन लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अब तक न तो जिला प्रशासन और न ही बीएसएफ की ओर से कोई पहल की गयी है. यहां के ग्रामीण इसी दहशत में जी रहे हैं. हजारीबाग सदर प्रखंड स्थित सीतागढ़ में बीएसएफ फायरिंग रेंज की स्थापना वर्ष 1964 में की गयी थी. उसी समय से कई पीढ़ियां इस व्यवस्था का दंश झेलती आ रही हैं.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि साल के 10 महीने (धनरोपनी के दो महीने छोड़ कर) फायरिंग रेंज में ट्रेनिंग चलती है. यह ट्रेनिंग कभी नौ दिन, तो कभी 15 दिनों तक रोजाना करीब सात घंटे तक चलती है. ट्रेनिंग में लगातार मोर्टार के गोले दागे जाते हैं. इस दौरान बच्चे न तो स्कूल जा पाते हैं, न ही कामकाजी लोग व किसान हाट-बाजार और खेत-खलिहान में जा सकते हैं.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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