सोशल मीडिया पर एक मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि इसकी गूंज बिहार के राजनीतिक गलियारे तक सुनाई दी. एक पिता अपने बच्चे के शव को बोरे में बंद कर पैदल जा रहा था. ये कोई आरोपी नहीं, हत्यारा नहीं बल्कि सिस्टम के खोखलेपन का शिकार बदकिस्मत पिता था जिसे एक दुर्घटना में अपने बेटे को तो खोने का गम था ही उससे कहीं अधिक भारी था उसके लिए अपने एक-एक कदम को आगे बढ़ाना जिसमें सिस्टम ने मजबूरन बोरे में बंद कर अपने ही बच्चे का शव उसके हाथ थमा दिया था.
मामला भागलपुर के गोपालपुर क्षेत्र का बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें तेजू यादव नाम का एक व्यक्ति अपने 13 वर्षिय बेटे के क्षत-विक्षत शव को प्लास्टिक के बोरे में लेकर पैदल थाने जा रहा था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान नवगछिया के गोपालपुर के करारी तिनटंगा गांव निवासी हरिओम यादव के रूप में की गई है. जिसकी मौत गंगा नदी में डूबने के कारण हुई थी.
मृतक का शव 3 मार्च को कटिहार जिले के कुर्सेला थाना के खेरिया गंगा घाट पर पाया गया था. पास के थाने की पुलिस भी वहां पहुंची. लेकिन गोपालपुर थाना और कुर्सेला थाना के एसआई ने मिलकर मृतक के पिता को सलाह दे दी कि वो बेटे का शव लेकर खुद भागलपुर के सदर अस्पताल जाये.
साधन का अभाव पिता के लिए मजबूरी का कारण बना और वो अपने बेटे का शव एक बोरे में बंद कर पैदल ही कुर्सेला पहुंच गया. मामले ने तूल पकड़ा तो कटिहार सदर के एसडीपीओ से पूरे प्रकरण की जांच कराई गई जिसमें दोनों पुलिसकर्मियों को गलत और संवेदनहीन पाया गया. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए गोपालपुर थाना के एसआई राजदेव रमन व कुर्सेला के एसआई नंदलाल चौधरी को निलंबित कर दिया गया.
Posted By: Thakur Shaktilochan