17.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 09:53 pm
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बोकारो-जमशेदपुर से दूसरे राज्यों में भेजी जा रही ऑक्सीजन, रांची में दर-दर भटक रहे हैं लोग

Advertisement

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद ही इस बात को स्वीकार भी किया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान झारखंड में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. उस हिसाब से अस्पतालों में सुविधाएं कम पड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि खासकर, ऑक्सीजनयुक्त बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और आईसीयू की कमी सबसे अधिक देखी जा रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान झारखंड की राजधानी रांची में ऑक्सीजन के लिए कोरोना मरीजों के परिजन दर-दर भटक रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, झारखंड की राजधानी रांची में जितने कोरोना मरीजों की मौत हो रही है, उनमें से करीब 40 फीसदी मरीज ऑक्सीजन की कमी से अपनी जान गंवा रहे हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से इसकी घरेलू जरूरतों को नजरअंदाज करते हुए बोकारो और जमशेदपुर से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.

आलम यह कि झारखंड के बोकारो से ग्रीन कोरिडोर बनाकर रेलवे की ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन से शुक्रवार को करीब 46.34 टन जीवन रक्षक गैस उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भेजी गई. शनिवार की सुबह रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ पहुंच गई है.

बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद ही इस बात को स्वीकार भी किया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान झारखंड में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. उस हिसाब से अस्पतालों में सुविधाएं कम पड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि खासकर, ऑक्सीजनयुक्त बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और आईसीयू की कमी सबसे अधिक देखी जा रही है.

रांची में 40 फीसदी मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौत

कोराना की दूसरी लहर के बीच शुक्रवार सुबह 10 बजे तक पूरे राज्य में करीब 602 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अकेले रांची में ही मरने वालों की संख्या 60 से ज्यादा है. अब तक जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें करीब 40 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत समय पर पर्याप्त मात्रा में हाइ फ्लो ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण हुई है.

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और हाई फ्लो ऑक्सीजन की कमी भी मौत की अहम वजह बतायी जा रही है. राजधानी के दो बड़े सरकारी अस्पतालों के अलावा दर्जन भर निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेडों की संख्या 1389 हैं. वहीं, गंभीर मरीजों के लिए अतिरिक्त 528 आईसीयू बेड हैं. आपातकालीन परिस्थिति के लिए रिजर्व 21 बेड को छोड़ सभी बेड भरे पड़े हैं यानी किसी अस्पताल में गंभीर संक्रमितों के इलाज के लिए कोई जगह नहीं है.

क्या कहती है झारखंड सरकार की गाइडलाइन

कोरोना पीड़ित के इलाज की जो गाइडलाइन है, उसमें मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट भी शामिल है, चूंकि वायरस फेफड़ों को संक्रमित कर सांस की तकलीफ बढ़ाता है, जिससे नसें ब्लॉक हो जाती है. इस वजह से शरीर में ऑक्सीजन लेवल तेजी से घटने लगता है. उन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन की जरूरत होती है. इसके लिए वेंटिलेटर से ऑक्सीजन थैरेपी देकर ऑक्सीजन देने का प्रयास किया जाता है. इसके जरिए मरीज को एक मिनट में 60 लीटर तक ऑक्सीजन दी जा सकती है.

किसे देनी पड़ती है ऑक्सीजन

रांची स्थित सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विकास गुप्ता का कहना है कि 85 से नीचे के ऑक्सीजन लेवलवाले संक्रमितों को हाई फ्लो ऑक्सीजन की जरूरत होती है. यह जान बचाने में कई गुणा कारगर है. नेजल विधि और वेंटीलेटर से कई गुना अधिक ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचाई जाती है, जबकि मास्क के जरिए फेफड़ों में प्रति मिनट पांच से 12 लीटर ऑक्सीजन ही पहुंचता है. इसलिए सामान्य सिलिंडर थोड़ी देर के लिए मामूली राहत दे सकता है.

अपर मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को दी ऑक्सीजन बेड बढ़ाने का निर्देश

विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने राज्य के सभी उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि कोशिश करें कि जिले के मरीजों का इलाज जिले में ही हो. सरकार कोविड सर्किट बना रही है. इसके तहत जिलों में सुविधाएं भी बढ़ानी हैं. सरकार से जो भी सहयोग की जरूरत है, उपायुक्त उसे बताएं.

Also Read: गरीबों को बड़ी राहत : देश के 80 करोड़ परिवारों को फ्री में फिर अनाज देगी मोदी सरकार, मई और जून में मिलेंगे भरपूर फायदे

Posted by : Vishwat Sen

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें