14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 02:57 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

इलाज में किसे दें प्राथमिकता, बूढ़ों को या जवान को? कोरोना ने बढ़ाई डाॅक्टरों की परेशानी, जानें क्या कहते हैं डाॅक्टर…

Advertisement

एक डाॅक्टर ने कहा कि मैंने अपने 35 साल के करियर में ऐसी नैतिक दुविधा का सामना नहीं किया था जैसा कि आज कर रहा हूं. इलाज में किसे प्राथमिकता दिया जाये? एक डाॅक्टर के नाते हम सीनियर सिटीजन को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि उनके सर्वाइल के चांस कम होते हैं और जवान लोग अधिकतर स्वस्थ हो जाते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोरोना की दूसरी लहर देश में भयावह हो गयी है और कर्नाटक जैसे राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. स्थिति यह है कि आईसीयू बेड और आॅक्सीजन की कमी आम समस्या के रूप में सामने आयी है. ऐसे में डाॅक्टर्स दुविधा में हैं, उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि वे किसे बचायें बूढ़ों को या फिर जवानों को.

टाइम्स आॅफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार डाॅक्टर्स अभी वरिष्ठ लोगों को बेड की सुविधा दे रहे हैं और उनके इलाज को प्राथमिकता दे रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस है कि वे जवानों का ठीक से इलाज नहीं कर रहे हैं और उनके परिजनों को दुखी कर रहे हैं.

एक डाॅक्टर ने कहा कि मैंने अपने 35 साल के करियर में ऐसी नैतिक दुविधा का सामना नहीं किया था जैसा कि आज कर रहा हूं. इलाज में किसे प्राथमिकता दिया जाये? एक डाॅक्टर के नाते हम सीनियर सिटीजन को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि उनके सर्वाइल के चांस कम होते हैं और जवान लोग अधिकतर स्वस्थ हो जाते हैं. लेकिन हमारे सामने भी यह सवाल है कि आखिर उनके परिजनों को कौन जवाब देगा.

हमारे यहां ECMO मशीन एक था. 44 साल का एक मरीज उसपर पिछले एक सप्ताह से रिकवर हो रहा था, उसकी हालत स्थिर थी. एक मरीज आयी जो 22 साल की उसे भी ECMO मशीन की जरूरत थी, लेकिन मशीन एक होने के कारण उसने हमारी आंखों के सामने दम तोड़ दिया.

हालांकि कई डाॅक्टर्स ने कहा कि वो मरीज की स्थिति पर तय करते हैं कि उन्हें किसका इलाज पहले करना है. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि जब अस्पतालों में सुविधाओं की कमी है तो मरीजों को कष्ट हो रहा है और सबको इलाज नहीं मिल पा रहा है.

Also Read: अब एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए कोरोना टेस्ट जरूरी नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय की नयी गाइडलाइन, पाॅजिटिविटी रेट का ये है हाल…

गौरतलब है कि इटली में जब कोरोना अपने चरम पर था और अस्पतालों की स्थिति खराब थी, तो डाॅक्टरों ने बूढ़ों का इलाज करना बंद कर दिया था और वे सिर्फ जवान लोगों की जान बचा रहे थे, क्योंकि वहां मौत बहुत ज्यादा हो रही थी.

Posted By : Rajneesh Anand

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें