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Coronavirus in Jharkhand : 30 फीसदी लंग्स इंफेक्शन तक में नहीं होती सांस की परेशानी, RTPCR रिपोर्ट निगेटिव होने पर भी ना हों लापरवाह

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Coronavirus in Jharkhand (धनबाद) : कोरोना की दूसरे लहर में वायरस अटैक के बाद भी बहुत लोगों को तत्काल परेशानी नहीं होती. सामान्यत: 25 से 30 फीसदी लंग्स इंफेक्शन होने के बाद भी सांस संबंधी परेशानी नहीं आती. लक्षण आने के 6-7 दिन बाद ही यह असली रूप दिखाता है. इसके बाद मरीजों की स्थिति बिगड़ने लगती है. यह हमेशा जरूरी नहीं है कि RT PCR जांच रिपोर्ट निगेटिव आये मरीज स्वस्थ ही हों. ऐसे में लक्षण आने के बाद 7 से 14 वें दिन विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. यह कहना है प्रसिद्ध कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ सूरज हनुमंत चवन का.

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Coronavirus in Jharkhand (संजीव झा, धनबाद) : कोरोना की दूसरे लहर में वायरस अटैक के बाद भी बहुत लोगों को तत्काल परेशानी नहीं होती. सामान्यत: 25 से 30 फीसदी लंग्स इंफेक्शन होने के बाद भी सांस संबंधी परेशानी नहीं आती. लक्षण आने के 6-7 दिन बाद ही यह असली रूप दिखाता है. इसके बाद मरीजों की स्थिति बिगड़ने लगती है. यह हमेशा जरूरी नहीं है कि RT PCR जांच रिपोर्ट निगेटिव आये मरीज स्वस्थ ही हों. ऐसे में लक्षण आने के बाद 7 से 14 वें दिन विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. यह कहना है प्रसिद्ध कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ सूरज हनुमंत चवन का.

प्रभात खबर से बातचीत करते अशर्फी हॉस्पिटल के डॉ चवन ने कहा कि कोरोना का वर्तमान रूप काफी खतरनाक है. यह वायरस शरीर में मुख्यत: नाक से ही प्रवेश करता है. प्रवेश करने के बाद तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करता है. हालांकि, पहले 5 दिनों तक यह नाक से गला के बीच में ही रहता है. इसलिए लंग्स तक पहुंचने में इसे 6-7 दिन लग जाता है. किसी-किसी मरीज को ही तीसरे दिन से ही परेशानी आती है.

लंग्स में भी 25 से 30 फीसदी संक्रमण के बाद भी मरीज को सांस संबंधी परेशानी नहीं आती. ऑक्सीजन सैचुरेशन भी 95 के आस-पास रहता है. इसलिए मरीज और उनके परिजन लक्षण आने के दिन के बाद सातवें दिन से सतर्क हो जायें. लक्षण के रूप में सामान्यत: बुखार, लूज मोशन, सर्दी -खांसी हो रहा है. साथ ही बहुत को कमजोरी भी महसूस होती है.

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डॉ चवन ने कहा कि ऑक्सीजन सैचुरेशन कम हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर के अनुसार, ऑक्सीजन सैचुरेशन जब 95 से कम होने लगे, तो समझ लीजिये की लंग्स में संक्रमण 30 फीसदी से अधिक हो गया है. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. HRCT भी करा सकते हैं.

6-7 दिन बाद होने वाले HRCT में कोरोना से हुए इंफेक्शन का सही स्थिति की जानकारी मिलती है. डॉक्टर से सलाह लेकर ही स्टेरॉयड का सेवन शुरू करें. आजकल बहुत लोग खुद से ही सोशल साइटों पर देख कर कई तरह के स्टेरॉयड ले रहे हैं, जो कि बाद में परेशानी का सबब बन रहा है. होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज खास कर दवा लेने में काफी सावधानी बरतें.

एक सप्ताह में शरीर से बाहर निकलता है वायरस

कॉर्डियोलॉजिस्ट के अनुसार, सामान्यत: कोरोना वायरस एक सप्ताह बाद शरीर से निकल जाता है. कुछ लोगों में इसका प्रभाव 10 से 14 दिनों तक देखा जाता है. खास बात यह है कि यह वायरस घुसता भी है नाक के जरिये और निकलता भी नाक के ही जरिये.

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वैक्सीन ही रामबाण, इसे जरूर लें

क्या बीपी, शुगर, हार्ट के मरीज भी कोरोना निरोधी वैक्सीन ले सकते हैं के जवाब में डॉ चवन ने कहा कि बिल्कुल ले सकते हैं. वैक्सीन ही इस महामारी से सबसे बड़ा बचाव का अस्त्र है. इसलिए दोनों डोज लें. साथ ही सामान्य आदमी घर से बाहर निकलते वक्त डबल सर्जिकल मास्क का उपयोग करेंगे, तो काफी हद तक बचेंगे.

बाहर निकलने के बाद कोशिश करें कि किसी भी चीज को हाथ से नहीं छुएं. सैनिटाइजर का लगातार प्रयोग करते रहें. साथ ही खान-पान में हरी पत्तेदार सब्जियां एवं फल खास कर विटामिन सी युक्त फल जैसे संतरा आदि खायें. नींबू भी विटामिन सी का बड़ा स्रोत है. इसका भी इस्तेमाल करते रहें. नन वेज से इम्यूनिटी बढ़ने के सवाल पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, बल्कि वेज खाना ही ज्यादा लाभदायक साबित हो रहा है.

Posted By : Samir Ranjan.

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