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कोरोना संकट के बीच पंजाब में राजनीतिक हलचल तेज
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कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने सबकी राय सुनी
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सोमवार सुबह 11 बजे से पंजाब कांग्रेस के विधायकों एवं मंत्रियों से मुलाकात का सिलसिला आरंभ किया
Punjab Congress Crisis : कोरोना संकट के बीच पंजाब में राजनीतिक हलचल तेज हो चली है. साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में कई विधायकों ने बागी तेवर अपनाने का काम किया है. इस बीच कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर उनकी राय सुनी है.
इस मुलाकात के बाद अब ये देखने वाली बात होगी कि यह कलह शांत होता है या मनमुटाव आगे बढता है. सूत्रों की मानें तो गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित कांग्रेस के वाररूम में इस समिति ने सोमवार सुबह 11 बजे से पंजाब कांग्रेस के विधायकों एवं मंत्रियों से मुलाकात का सिलसिला आरंभ किया और देर शाम तक करीब 25 नेताओं से बातचीत का दौर जारी रहा.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस समिति के प्रमुख थे. कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल थे. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो, सोमवार सुबह सबसे पहले सुनील जाखड़ ने समिति के सामने अपने विचार रखे. इसके बाद कई मंत्रियों समेत 20 से अधिक विधायक समिति के समक्ष पहुंचे.
सूत्रों ने बताया कि यह समिति मंगलवार को भी पंजाब प्रदेश कांग्रेस के विधायकों एवं मंत्रियों की राय लेने का काम करेगी. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह समिति मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बातचीत करेगी.
आपको बता दें कि हाल के कुछ हफ्तों में अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar