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प्रभात खबर पड़ताल: कभी शानदार हुआ करती थीं, आज हैं बदहाल, जानिए भागलपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत

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ऐतिहासिक शहर भागलपुर की स्वास्थ्य सुविधाएं कभी शानदार हुआ करती थीं. समर्पण ऐसा था कि कई जगह लोगों ने अपनी जमीन दी, भवन भी बनवाये थे, ख्यातिप्राप्त डॉक्टर भी गांवों में सेवा देते थे. अब हालत बदल गये हैं. सबकुछ कागजों पर बेहतर है. विधायक जी सीना तानते हैं, पर अपने गांव की व्यवस्था नहीं बदलते. जनता तबाह है. पढ़ें यह पड़ताल.

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ऐतिहासिक शहर भागलपुर की स्वास्थ्य सुविधाएं कभी शानदार हुआ करती थीं. समर्पण ऐसा था कि कई जगह लोगों ने अपनी जमीन दी, भवन भी बनवाये थे, ख्यातिप्राप्त डॉक्टर भी गांवों में सेवा देते थे. अब हालत बदल गये हैं. सबकुछ कागजों पर बेहतर है. विधायक जी सीना तानते हैं, पर अपने गांव की व्यवस्था नहीं बदलते. जनता तबाह है. पढ़ें यह पड़ताल.

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1) जंगल के बीच स्वास्थ्य केंद्र: एपीएचसी, तेलघी

चंदन कुमार चौधरी, खरीक:

बिहपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक इंजीनियर शैलेंद्र के गांव तेलघी के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली से जूझ रहे हैं. गांव का इकलौता अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कई वर्षों से पशुओं की शरणस्थली बनकर रह गया है. चहारदीवारी बरसों से टूटी हुई है. अस्पताल में आवारा कुत्तों और पशुओं की भीड़ रहती है. स्वास्थ्य केंद्र परिसर के सामने और चारों तरफ जंगल उग आये हैं. इस कारण यहां सांप और बिच्छुओं की भरमार है. यह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल टीकाकरण केंद्र बनकर रह गया है. यह पहले केवल टीकाकरण के दिन ही खुलता था. अभी कोविड का टीका हो रहा तो खुल रहा है, पर इलाज की व्यवस्था नहीं है. हालत यह लोग यहां केवल टीकाकरण कराने के लिए आते हैं. अस्पताल की व्यवस्था एएनएम के भरोसे है.

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Also Read: जदयू विधायक के घर में 500 रुपये महीने के भाड़े पर चलता है सरकारी अस्पताल, बीमार पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्र को अपग्रेड होने का इंतजार नूनू बाबू ने दी थी जमीन, अपने पैसे से भवन भी बनवाया था

तेलघी के नूनू बाबु ने अपने पिता विद्या प्रसाद सिंह की स्मृति में अस्पताल के लिए 22 कट्ठा जमीन दान किया था. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पैसे से भवन का भी निर्माण कराया था. यह सब अपने इलाके में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए किया गया था.

सुविधा देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, सुधार दिखने लगेगा : विधायक

बिहपुर विधानसभा के विधायक ई कुमार शैलेंद्र ने कहा कि एपीएचसी में 24 घंटे चिकित्सक की मौजूदगी करवाने और सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के लिए वे पहल कर रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के लिए 30 बेड और सभी प्रकार की सुविधा करवाने के लिए उन्होंने मंत्री का भी ध्यान आकृष्ट किया है. उनको जानकारी मिली है कि इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.

लाख रुपये से मदद को भी थे तैयार, पर कुछ नहीं हुआ

तेलघी पंचायत की मुखिया शांति देवी और मुखिया प्रतिनिधि सुमित कुमार के अनुसार यहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने विधायक, सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी, बीडीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी काे कहा, पर कुछ नहीं हुआ. मुखिया के अनुसार उन्होंने चिकित्सा प्रभारी को व्यवस्था करने के लिए एक लाख रुपये का सहयोग अपनी ओर से भी करने की बात कही, पर कोई फायदा नहीं हुआ..

2) बंद है स्वास्थ्य केंद्र बंधे रहते हैं पशु: प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र, हथियौक

शुभंकर/डबलू,सुलतानगंज:

सुलतानगंज विधानसभा क्षेत्र के जदयू विधायक प्रो ललित नारायण मंडल के गांव मंझली का प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र, हथियौक बेहाल है. स्वास्थ्य उप केंद्र का भवन जर्जर हो गया है. यहां लोग पशु भी बांधने लगे हैं. ग्रामीण शिवचरण यादव ने बताया कि यहां सही व्यवस्था नहीं है. असियाचक पंचायत के मंझली गांव की आबादी लगभग 5000 है, जबकि पूरे पंचायत की आबादी 15000 के लगभग है. इसी प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे इलाज यहां होता था. लेकिन अब लोग आठ से दस किलोमीटर दूर सुलतानगंज इलाज को जाते हैं. ग्रामीणों के अनुसार लगभग 20 साल से स्वास्थ्य उप केंद्र बंद है. यहां पदस्थापित हेल्थकर्मी दूसरे स्थान पर बैठती हैं.

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1980 में बना प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र

लगभग तीन कट्टा में भवन है. ग्रामीण शिवचरण यादव, जिगर कुमार, दीनबंधु यादव, संजीव कुमार ने बताया कि जर्जर उप स्वास्थ्य केंद्र में अभी सिर्फ गाय बांधने का काम हो रहा है. वर्ष 1980 में प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र बनाया गया था. उस समय डॉक्टर रहते थे. अभी सब कुछ बंद हो चुका है. केंद्र में गोबर, गोयठा, भूसा, गाय बंधे मिले.

सिविल सर्जन को आवेदन दिया है

प्रखंड जदयू अध्यक्ष सदानंद कुमार ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा सिविल सर्जन को आवेदन दिया गया है. लेकिन अब तक इस पर कोई पहल नहीं हो पायी है. वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उषा कुमारी ने भी सिविल सर्जन को इसके भवन निर्माण को लेकर सीएस को पत्र भेजा है.

बोले विधायक 

सुलतानगंज के जदयू विधायक प्रो ललित नारायण मंडल ने कहा कि भवन निर्माण को लेकर सिविल सर्जन को पत्र भेजा गया है. अपने स्तर से स्वास्थ्य मंत्री से भी भवन निर्माण के बाद बेहतर व्यवस्था किये जाने की मांग की जायेगी. ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाये जाने को लेकर पूरा प्रयास किया जा रहा है.

3) भौंकते हैं कुत्ते, लटका है ताला: बलुआचक उप स्वास्थ्य केंद्र

कुमार सर्वोत्तम,जगदीशपुर

नाथनगर विधायक अली अशरफ सिद्दीकी का घर जगदीशपुर प्रखंड के बलुआचक जमगांव में है. गांव के लोगों के मुताबिक 80 के दशक में यहां पर उप स्वास्थ्य केंद्र की शुरुआत हुई, लेकिन तीन दशक बाद भी इसका अपना भवन नहीं है. यह बलुआचक पुरैनी पंचायत के पुराने पंचायत भवन के दो कमरों में चल रहा है. यह भवन भी जर्जर हो चुका है. केवल यह टीकाकरण के समय खुलता है. बाकी दिन यहां पर ताला लटका हुआ रहता है. रात में यहां पर कुत्ते भौंकते हैं. फिलहाल एएनएम मीरा कुमारी की ड्यूटी है.

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सीएम से बात हुई है : विधायक

नाथनगर विधायक अली अशरफ सिद्दीकी ने कहा कि इलाके के सभी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बदहाल है. उन्होंने खुद सबका निरीक्षण कर देखा है. स्थिति सुधरे इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी लिखा गया है. व्यवस्था में सुधार के लिए सीएस से भी वार्ता हुई है.

4) कभी होता था प्रसव, अब केवल टीका : एपीएचसी, जानीडीह, कहलगांव

प्रदीप विद्रोही/ निलेश, कहलगांव

भागलपुर सांसद अजय कुमार मंडल के पैतृक निवास कहलगांव के जानीडीह पंचायत में है अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र. चार से पांच साल पूर्व तक यह छह बेड का अस्पताल हुआ करता था. यहां प्रसव भी कराया जाता था. एक चिकित्सक व एक एएनएम की प्रतिनियुक्ति थी. समाजसेवी उदय भारती बताते हैं कि वर्ष 1992 में यहां जिले के प्रख्यात चिकित्सक डॉ चन्द्रमौली उपाध्याय पहले चिकित्सक रूप में पदस्थापित हुए थे. डॉ अंबिका प्रसाद, डॉ लखन मुर्मू जैसे चिकित्सक भी यहां अपनी सेवा दे चुके हैं, पर अब यह टीकाकरण केंद्र बन कर रह गया है.

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पंचायत भवन में है केंद्र :

जानीडीह पंचायत भवन में चलनेवाले इस केंद्र के दवा भंडार कक्ष को आरटीपीएस सेंटर बना दिया गया है. नर्स केवल टीकाकरण कर चली जाती है.

सिविल सर्जन से आग्रह किया है : सांसद

सांसद अजय कुमार मंडल ने बताया कि उन्होंने केंद्र की स्थिति सुधारने के लिए टेलीफोन पर दो बार भागलपुर के सिविल सर्जन से आग्रह किया है. आश्वासन भी मिला है. कोविड का खतरा टलते ही जानीडीह एपीएचसी में चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति की जायेगी.

5)ओटी है पर उपयोग नहीं, मर जाते हैं दुर्घटना में घायल: ईशीपुर, बाराहाट अति प्रा स्वास्थ केंद्र

शंकर दयाल ठाकुर,पीरपैंती

गोड्डा-पीरपैंती मुख्य मार्ग (एनएच 133) के किनारे प्रखंड के सबसे समृद्ध बाजार में आयुष्मान योजना से संबद्ध अति प्रा स्वास्थ केंद्र, ईशीपुर बाराहाट की इमारत आकर्षित करती है. पर हकीकत यह है कि यह केवल इमारत भर रह गयी है. यहां अब इलाज की कोई खास व्यवस्था नहीं. बिहार-झारखंड के बॉडर पर स्थित इस अस्पताल की व्यवस्था एक आयुष (यूनानी) चिकित्सक के भरोसे है. पहले कुछ रोगी दवा के लिए आते भी थे, पर अब उनमें भी कमी हो गयी है. यहां ऑपरेशन थिएटर, छह बेड, जांच के लिए लैब भी है, पर उपयोगिता नहीं. सड़क की बदहाली के कारण यहां अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं, गंभीर रूप से घायलों की भागलपुर जाने के क्रम में ही मौत हो जाती है. अगर यहां व्यवस्था होती तो कुछ जान बच सकती थी. यहां के लैब टेक्नीशियन को कोरोना जांच के लिए रेफरल अस्पताल, पीरपैंती डेपुटेशन पर भेज दिया गया है. फिलहाल रेफरल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दोनों एक ही परिसर से संचालित हैं.

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गौरव लौटायेंगे : विधायक

पीरपैंती विधायक ई ललन कुमार ने कहा कि इस केंद्र को वह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनवायेंगे. इसके पुराने गौरव को स्थापित करने में अपनी पूरी शक्ति लगायेंगे. दिक्कत है उसे दूर करायेंगे.

6) विधायक के घर में चलता है इस्माइलपुर प्रखंड का अस्पताल 

ऋषभ कृष्णा मिश्रा, नवगछिया

इस्माइलपुर प्रखंड के छोटी परवत्ता गांव का स्वास्थ्य उपकेंद्र, गोपालपुर विधानसभा के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल के घर में चल रहा है. उपकेंद्र जाने के दो रास्ते हैं. एक रास्ता विधायक जी के आवासीय परिसर होते हुए जाता है. विधायक गोपाल मंडल ने पांच सौ रुपये प्रतिमाह भाड़ा पर स्वास्थ्य विभाग को अपना भवन उपलब्ध कराया है अस्पताल चलाने के लिए. अधिकारियों के अनुसार विधायक ने अब तक भाड़ा नहीं लिया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार उक्त उपकेंद्र एल वन श्रेणी का है, जो आबादी के हिसाब से कमतर है. वो उपकेंद्र को अपग्रेड करने की जरूरत बताते हैं, पर कुछ नहीं हो रहा. गुरुवार को कमरों में ताला लगा था.

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अस्पताल का हाल 

गुरुवार को उपकेंद्र के पास मिले चितरंजन कुमार ने बताया कि पिछले 10 दिनों से सुबह में दो घंटे के लिए स्वास्थ्यकर्मी आते हैं. कोरोनकाल से पहले कभी कभार ही स्वास्थ्यकर्मी आते थे. चितरंजन ने बताया कि इन दिनों कुछ रोगियों को सुबह में दवा दी जा रही है. हालांकि दोपहर 12 बजे उपकेंद्र पर कोई नहीं था और कमरों में ताला लटका हुआ था. केंद्र पर न तो किसी प्रकार सूचना बोर्ड था और न ही एएनएम का मोबाइल नंबर ही अंकित था. .

बोले मुखिया प्रतिनिधि

परबत्ता पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सह छोटी प्रवक्ता निवासी मनोज कुमार उर्फ महेश फौजी ने कहा कि गांव से इस्माइलपुर और नवगछिया काफी दूर है, इसलिए अस्पताल में 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा मुहैया होनी चाहिए..

कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी

इस्माइलपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राकेश रंजन ने कहा कि आबादी के हिसाब से परवत्ता पंचायत के स्वास्थ्य उपकेंद्र को अपग्रेड करने की आवश्यकता है, लेकिन यह स्वास्थ्य केंद्र भाड़े के मकान में चल रहा है जमीन की उपलब्धता के लिए वह पहल कर रहे हैं.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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