15.2 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 01:43 am
15.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Nirjala Ekadashi Katha: आज है निर्जला एकादशी व्रत, भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए जरूर पढ़ें ये कथा

Advertisement

Nirjala Ekadashi June 2021: आज 21 जून दिन सोमवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 01 बजकर 31 मिनट के उपरांत द्वादशी तिथि हो जाएगी. इस एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भक्त निर्जला व्रत रखते है और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते है. निर्जला एकादशी को भीम एकादशी भी कहा जाता है. आज भक्त बिना जल ग्रहण किए निर्जल रहकर व्रत करते है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Nirjala Ekadashi June 2021: आज 21 जून दिन सोमवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि दोपहर 01 बजकर 31 मिनट के उपरांत द्वादशी तिथि हो जाएगी. इस एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भक्त निर्जला व्रत रखते है और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते है. निर्जला एकादशी को भीम एकादशी भी कहा जाता है. आज भक्त बिना जल ग्रहण किए निर्जल रहकर व्रत करते है. मान्यता है कि जो जातक यह व्रत करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और यश, वैभव और सुख की प्राप्ति होती है. वहीं, इस व्रत के प्रभाव से अनजाने में किए गए पाप कट जाते हैं. मान्यता है कि इस व्रत के दौरान निर्जला एकादशी व्रत की कथा जरूर सुनना चाहिए…

- Advertisement -

निर्जला एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भीमसेन व्यासजी से कहने लगे कि हे पितामह! भ्राता युधिष्ठिर, माता कुंती, द्रोपदी, अर्जुन, नकुल और सहदेव आदि सब एकादशी का व्रत करने को कहते हैं, परंतु महाराज मैं उनसे कहता हूं कि भाई मैं भगवान की शक्ति पूजा आदि तो कर सकता हूं, दान भी दे सकता हूं परंतु भोजन के बिना नहीं रह सकता.

Also Read: Nirjala Ekadashi 2021: आज है निर्जला एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत नियम और पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट…

इस पर व्यासजी कहने लगे कि हे भीमसेन! यदि तुम नरक को बुरा और स्वर्ग को अच्छा समझते हो तो प्रति मास की दोनों एक‍ा‍दशियों को अन्न मत खाया करो. भीम कहने लगे कि हे पितामह! मैं तो पहले ही कह चुका हूं कि मैं भूख सहन नहीं कर सकता. यदि वर्षभर में कोई एक ही व्रत हो तो वह मैं रख सकता हूं, क्योंकि मेरे पेट में वृक नाम वाली अग्नि है सो मैं भोजन किए बिना नहीं रह सकता. भोजन करने से वह शांत रहती है, इसलिए पूरा उपवास तो क्या एक समय भी बिना भोजन किए रहना कठिन है.

आप मुझे कोई ऐसा व्रत बताइए जो वर्ष में केवल एक बार ही करना पड़े और मुझे स्वर्ग की प्राप्ति हो जाए. श्री व्यासजी कहने लगे कि हे पुत्र! बड़े-बड़े ऋषियों ने बहुत शास्त्र आदि बनाए हैं जिनसे बिना धन के थोड़े परिश्रम से ही स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है. इसी प्रकार शास्त्रों में दोनों पक्षों की एका‍दशी का व्रत मुक्ति के लिए रखा जाता है. व्यासजी के वचन सुनकर भीमसेन नरक में जाने के नाम से भयभीत हो गए और कांपकर कहने लगे कि अब क्या करूं? मास में दो व्रत तो मैं कर नहीं सकता, हां वर्ष में एक व्रत करने का प्रयत्न अवश्य कर सकता हूं. अत: वर्ष में एक दिन व्रत करने से यदि मेरी मुक्ति हो जाए तो ऐसा कोई व्रत बताइए.

Also Read: Nirjala Ekadashi 2021 Today Live Updates: आज है निर्जला एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजन सामग्री और एकादशी तिथि से जुड़ी पूरी जानकारी…

यह सुनकर व्यासजी कहने लगे कि वृषभ और मिथुन की संक्रां‍‍ति के बीच ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की जो एकादशी आती है, उसका नाम निर्जला है. तुम उस एकादशी का व्रत करो. इस एकादशी के व्रत में स्नान और आचमन के सिवा जल वर्जित है. आचमन में छ: मासे से अधिक जल नहीं होना चाहिए अन्यथा वह मद्यपान के सदृश हो जाता है. इस दिन भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि भोजन करने से व्रत नष्ट हो जाता है. यदि एकादशी को सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्योदय तक जल ग्रहण न करे तो उसे सारी एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त होता है. द्वादशी को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके ब्राह्मणों का दान आदि देना चाहिए. इसके पश्चात भूखे और सत्पात्र ब्राह्मण को भोजन कराकर फिर आप भोजन कर लेना चाहिए. इसका फल पूरे एक वर्ष की संपूर्ण एकादशियों के बराबर होता है.

व्यासजी कहने लगे कि हे भीमसेन! यह मुझको स्वयं भगवान ने बताया है. इस एकादशी का पुण्य समस्त तीर्थों और दानों से अधिक है. केवल एक दिन मनुष्य निर्जल रहने से पापों से मुक्त हो जाता है. जो मनुष्य निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं उनकी मृत्यु के समय यमदूत आकर नहीं घेरते वरन भगवान के पार्षद उसे पुष्पक विमान में बिठाकर स्वर्ग को ले जाते हैं. अत: संसार में सबसे श्रेष्ठ निर्जला एकादशी का व्रत है. इसलिए यत्न के साथ इस व्रत को करना चाहिए. उस दिन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए और गौदान करना चाहिए.

इस प्रकार व्यासजी की आज्ञानुसार भीमसेन ने इस व्रत को किया. इसलिए इस एकादशी को भीमसेनी या पांडव एकादशी भी कहते हैं. निर्जला व्रत करने से पूर्व भगवान से प्रार्थना करें कि हे भगवन! आज मैं निर्जला व्रत करता हूं, दूसरे दिन भोजन करूंगा. मैं इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करूंगा, अत: आपकी कृपा से मेरे सब पाप नष्ट हो जाएं. इस दिन जल से भरा हुआ एक घड़ा वस्त्र से ढंक कर स्वर्ण सहित दान करना चाहिए.

जो मनुष्य इस व्रत को करते हैं उनको करोड़ पल सोने के दान का फल मिलता है और जो इस दिन यज्ञादिक करते हैं उनका फल तो वर्णन ही नहीं किया जा सकता. इस एकादशी के व्रत से मनुष्य विष्णुलोक को प्राप्त होता है. जो मनुष्य इस दिन अन्न खाते हैं. वे चांडाल के समान हैं. वे अंत में नरक में जाते हैं. जिसने निर्जला एकादशी का व्रत किया है वह चाहे ब्रह्म हत्यारा हो, मद्यपान करता हो, चोरी की हो या गुरु के साथ द्वेष किया हो मगर इस व्रत के प्रभाव से स्वर्ग जाता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें