32.1 C
Ranchi
Saturday, March 1, 2025 | 02:32 pm
32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

लोहरदगा के किसान करने लगे हैं आधुनिक तरीके से खेती, हो रही है दोगुनी उपज

Advertisement

हाइब्रिड बीज की कीमत अधिक होने के कारण किसान उसे वैज्ञानिक पद्धति से लगाते हैं. वैज्ञानिक पद्धति से की गयी खेती से किसानों की उपज दोगुनी होने लगी है, जिससे किसान उत्साहित है. अब किसान माॅनसून के भरोसे नहीं रहते, बल्कि समय के महत्व को समझते हुए निर्धारित समय के अनुरूप बिचड़ा व रोपनी के काम में लग जाते है. समय-समय पर किसानों को विभिन्न एनजीओ व कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसका लाभ किसान उठाते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

लोहरदगा : जिले में लगातार हो रही बारिश से खेतों में रोपनी के लिए भरपूर मात्रा में पानी की व्यवस्था हो गयी है. जिन किसानों ने पहले रोपनी के लिए बिचड़ा डाले थे, उन किसानों का बिचड़ा तैयार हो गया है. वैसे किसान जिनका बिचड़ा तैयार है, उनकी खेतों में रोपनी का काम शुरू हो गया है. जिले के अधिकांश किसान अब हाइब्रिड बीज से खेती करते हैं, ताकि उपज अधिक हो सके.

हाइब्रिड बीज की कीमत अधिक होने के कारण किसान उसे वैज्ञानिक पद्धति से लगाते हैं. वैज्ञानिक पद्धति से की गयी खेती से किसानों की उपज दोगुनी होने लगी है, जिससे किसान उत्साहित है. अब किसान माॅनसून के भरोसे नहीं रहते, बल्कि समय के महत्व को समझते हुए निर्धारित समय के अनुरूप बिचड़ा व रोपनी के काम में लग जाते है. समय-समय पर किसानों को विभिन्न एनजीओ व कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसका लाभ किसान उठाते हैं.

राज्य के बाहर गये किसान जो तकनीक बाहर से सीख कर आ रहे हैं, उसका फायदा भी जिले के किसानों को मिल रहा है. किसान अब पुरानी परंपरा को छोड़ कर वैज्ञानिक तरीके से खेती करने लगे हैं. कृषि विभाग द्वारा दी गयी श्रीविधि की तकनीक से किसान लाभान्वित हो रहे हैं. इधर, एनजीओ द्वारा किसानों को एसआरआइ विधि द्वारा खेती लगाने की नयी तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया है. इस विधि को किसान अपना रहे हैं. इस विधि से धान का बिचड़ा एक निर्धारित दूरी पर लगाया जाता है.

इस विधि से श्रीविधि से भी अधिक उत्पादन किसानों को मिल रहा है. किसानों का कहना है कि अब हल बैल से खेती की परंपरा समाप्त हो रही है. ट्रैक्टरों से खेत तैयार किये जा रहे हैं, तो जीरो सीड ड्रिल मशीन के माध्यम से बीज की बुआई किसानों द्वारा की जा रही है. धनकटनी के समय भी महिला मजदूरों की जरूरत कम पड़ने लगी है. धान काटने वाली मशीन जिले के किसानों के पास उपलब्ध हो गयी है, तो मिशनी के लिए हल बैल छोड़ कर थ्रेसर का उपयोग किसान करने लगे हैं.

इससे कृषि कार्य में आसानी हुई है. साथ ही समय की भी बचत हो रही है. कोरोना काल के कारण अन्य प्रदेश नहीं जानेवाले युवा खेती में जुट गये है. इससे भी कृषि तकनीक को बढ़ावा मिला है. जिले से बड़ी संख्या में युवा पंजाब, उत्तरप्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में पलायन करते थे, जहां खेती की आधुनिक तकनीक युवक सीख चुके हैं, वे युवा कोरोना काल में अपने गांव घरों में ही और वहां के तकनीक का उपयोग कर रहे हैं. उनके इस तकनीक से उत्पादकता में वृद्धि हुई है. इसे देख कर गांव के अन्य लोग भी प्रेरित होकर उनके द्वारा सुझाये गये तकनीक को अपना रहे हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर