16.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 04:11 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड की महिला खिलाड़ियों ने लौटायी हॉकी की चमक, इन खिलाड़ियों ने बढ़ाया मान, जानिए क्या है अगला लक्ष्य

Advertisement

राज्य की खिलाड़ियों ने हताशा का दौर देखा. लेकिन अब इस दूसरे दौर में निराशा के बादल छंटने लगे हैं और झारखंड की युवा महिला खिलाड़ियों की प्रतिभा का दुनिया फिर से लोहा मानने लगी है. इसके साथ ही झारखंड हॉकी की पुरानी चमक फिर से लौटने लगी है. ओलिंपियन निक्की प्रधान के रियो ओलिंपिक में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने के बाद से नयी आशा जगी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

खेल झारखंड की पहचान है. खास कर हॉकी के खेल में यहां के युवाओं की जिंदगी बसती है. 80 और 90 के दशक को याद करें, जब भारतीय महिला टीम में चार-पांच खिलाड़ी झारखंड से जरूर शामिल रहती थीं. लेकिन, 90 के दशक के बाद यहां की महिला खिलाड़ियों की चमक राष्ट्रीय स्तर पर फीकी पड़ने लगी. उनकी प्रतिभा झारखंड तक ही सीमित रह जाने लगी.

राज्य की खिलाड़ियों ने हताशा का दौर देखा. लेकिन अब इस दूसरे दौर में निराशा के बादल छंटने लगे हैं और झारखंड की युवा महिला खिलाड़ियों की प्रतिभा का दुनिया फिर से लोहा मानने लगी है. इसके साथ ही झारखंड हॉकी की पुरानी चमक फिर से लौटने लगी है. ओलिंपियन निक्की प्रधान के रियो ओलिंपिक में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने के बाद से नयी आशा जगी है. ऐसा लग रहा है कि 80 का दौर दोबारा लौट आया है.

फिलहाल कई खिलाड़ियों ने भारतीय महिला हॉकी टीम में दस्तक दी है और अपना लोहा भी मनवाया है. तोक्यो में होनेवाले ओलिंपिक में निक्की प्रधान के साथ-साथ झारखंड की दूसरी खिलाड़ी सलीमा टेटे भी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी.

निक्की के बाद खुल गया भारतीय टीम का रास्ता: झारखंड से निक्की प्रधान पहली महिला ओलिंपियन हैं. झारखंड के लिए और यहां की हॉकी के लिए ये पहली उपलब्धि है. इनके भारतीय टीम में शामिल होने के बाद देश के हॉकी प्रशासकों को लगने लगा कि यहां की हॉकी खिलाड़ियों में भी दमखम है और वह भारतीय टीम में शामिल होकर देश को पदक जीता सकती हैं. इसके बाद संगीता कुमारी को एशिया कप में भारतीय टीम की तरफ से अपना परफॉरमेंस दिखाने का मौका मिला. सलीमा टेटे ने एशियन यूथ ओलिंपिक क्वालीफाइंग खेला. इस बार तोक्यो ओलिंपिक में भारतीय टीम का हिस्सा हैं.

अलका डुंगडुंग भी भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया टूर पर गयीं. अल्फा केरकेट्टा ने एशिया कप अंडर-18 भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ खेला. दीपिका सोरेंग को भारतीय महिला हॉकी कैंप में जगह मिली और इसके बाद सुप्रिया मुंडू भारतीय हॉकी टीम के कैंप तक पहुंचीं. इन सभी खिलाड़ियों के भारतीय टीम में जाने के बाद जूनियर खिलाड़ियों के लिए रास्ते खुल गये हैं.

किसान की बेटी सलीमा ने खेला है यूथ ओलिंपिक: सिमडेगा की सलीमा टेटे ने अपने गांव से ही हॉकी खेलना शुरू किया. इसके बाद उन्हें राज्यस्तरीय और फिर सबजूनियर हॉकी में झारखंड टीम की ओर से खेलने का मौका मिला. नौ नेशनल प्रतियोगिता खेल चुकी सलीमा को 2016 में भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ खेलने का मौका मिला. इसके बाद इसी साल एशिया कप अंडर-18 में भारतीय टीम की उपकप्तान बनी और कांस्य पदक जीता. इस साल सलीमा और निक्की तोक्यो ओलिंपिक में जलवे बिखेरती दिखेंगी.

आठ नेशनल खेलने के बाद संगीता को मिली जगह:सिमडेगा के करंगागुड़ी की रहनेवाली संगीता कुमारी हॉकी की स्ट्राइकर हैं. आवासीय सेंटर सिमडेगा से प्रशिक्षण लेनेवाली संगीता अभी तक झारखंड टीम की तरफ से आठ सबजूनियर और नेशनल प्रतियोगिता में खेल चुकी है. वहीं पिछले साल इनका चयन भारतीय महिला हॉकी टीम अंडर-18 के लिए हुआ था और ये भारतीय टीम की तरफ से सर्वाधिक गोल कर चुकी हैं. इससे पहले भी संगीता 2016 में जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल हो चुकी हैं.

अब ब्लू टर्फ में अभ्यास करने मिलेगा मौका:झारखंड के हॉकी खिलाड़ी जिस गति से आगे बढ़ रहे हैं, उसके लिए यहां की सरकार भी मदद के लिए आगे आ रही है. इसलिए हॉकी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. रांची और खूंटी के खिलाड़ी अब पुराने स्टेडियम के हरे टर्फ पर नहीं, बल्कि विश्वस्तरीय ब्लू टर्फ पर अभ्यास करेंगे. इसके लिए खेल निदेशालय की ओर से तैयारी हो गयी है. हालांकि टर्फ लगाने के लिए ग्लोबल टेंडर किया जायेगा. विभाग की ओर से इस पर कितना खर्च आयेगा, यह अभी तय नहीं किया गया है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनेगा एस्ट्रो टर्फ स्टेडियम: मोरहाबादी स्थित हॉकी स्टेडियम के टर्फ को तो बदला ही जायेगा. इसके साथ पूरे स्टेडियम का भी कायाकल्प होगा. अब इस स्टेडियम को राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जायेगा. यहां दर्शकों को बैठाने की क्षमता बढ़ायी जायेगी. वर्तमान में इस स्टेडियम में केवल पांच हजार दर्शक ही बैठ सकते हैं. इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी स्टेडियम में दी जायेंगी.

एक और ग्राउंड बनकर तैयार: एस्ट्रोटर्फ हॉकी का एक और मैदान पूरी तरह तैयार है. बरियातू गर्ल्स स्कूल में एक एस्ट्रो टर्फ तैयार किया गया है. यहां बरियातू हॉकी सेंटर की खिलाड़ियों को अभ्यास करने का मौका मिल सकेगा. इस एस्ट्रो टर्फ को तैयार करने में छह करोड़ की लागत आयी है. यहां पर स्थित सेंटर से कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ियों ने भारतीय हॉकी टीम में अपनी जगह बनायी है.

इन हॉकी खिलाड़ियों ने बढ़ाया झारखंड का मान : सावित्री पूर्ति, विश्वासी पूर्ति, अलमा गुड़िया, दयामणि सोय, सलोमी भेंगरा, सलोमी पूर्ति, एसमणि सांगा, मसीरा सुरीन, एडलिन केरकेट्टा, सुमराय टेटे, असुंता लकड़ा.

  • पिछले चार साल में भारतीय हॉकी टीम में झारखंड की कई खिलाड़ियों को मिला मौका

  • नेशनल प्रतियोगिता में भी झारखंड की बेटियों ने छोड़ी छाप

  • झारखंड की खिलाड़ियों को मिल रही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान

  • तोक्यो ओलिंपिक में निक्की प्रधान संग सलीमा टेटे भी करेंगी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व

ब्वॉयज हॉकी के सीनियर खिलाड़ी को भारतीय टीम में पहुंचाना लक्ष्य: हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह का कहना है कि गर्ल्स हॉकी में झारखंड की खिलाड़ियों ने पूरे देश में एक उदाहरण पेश किया है. लड़कियों ने कमाल कर दिया है, जिस पर पूरे झारखंड को गर्व है. 2014 के बाद हॉकी के ब्वॉयज और गर्ल्स खिलाड़ियों के परफॉरमेंस में काफी बदलाव आया है. जूनियर ब्वॉयज में तो हॉकी के खिलाड़ियों ने कमाल किया है, लेकिन सीनियर वर्ग में झारखंड के खिलाड़ी थोड़ा पीछे हैं. मेरा अब यही लक्ष्य है कि यहां के सीनियर स्तर पर खिलाड़ियों को भारतीय हॉकी टीम में इंट्री मिले.

Also Read: झारखंड में डेल्टा प्लस वेरिएंट का खतरा! एक माह से अटकी है जांच रिपोर्ट, कैसे बनेगी तीसरी लहर के लिए रणनीति..

Posted by; Pritish Sahay

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें