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मीनाक्षी लेखी के बयान पर गरमायी सियासत, किसान नेताओं ने जताया विरोध, बोले- मवाली नहीं, अन्नदाता है

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Farmers Protest कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को विवादास्‍पद बयान दिया है. उन्होंने किसानों की तुलना मवालियों से करते हुए कहा है, इस तरह का प्रदर्शन अपराध की श्रेणी में आता है. किसानों नेताओं ने इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी है.

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Farmers Protest कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को विवादास्‍पद बयान दिया है. मीनाक्षी लेखी ने किसानों की तुलना मवालियों से करते हुए कहा है कि इस तरह का विरोध प्रदर्शन अपराध की श्रेणी में आता है. केंद्रीय मंत्री के इस बयान का विरोध करते हुए किसानों नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी है.

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किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के बयान पर बोलते हुए कहा कि मवाली नहीं किसान हैं. किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए. किसान देश का अन्नदाता है. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा किसान संसद लगाने पर राकेश टिकैत ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है. उन्होंने कहा कि जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे. सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी.

वहीं, मीनाक्षी लेखी द्वारा किसानों की तुलना मवालियों से करने पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी देश के 80 करोड़ किसानों का अपमान है. अगर हम बदमाश हैं, तो मीनाक्षी लेखी जी को वह अन्न खाना छोड़ देना चाहिए, जो हम उगाते हैं. मीनाक्षी लेखी पर हमला जारी रखते हुए शिव कुमार कक्का ने साथ ही कि उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए. हमने किसानों की संसद में उनके बयान पर निंदा प्रस्ताव पारित किया है.

गौर हो कि कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वे किसान नहीं मवाली हैं. इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था. आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया. मीनाक्षी लेखी के इस बयान पर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस ने उनके बयान पर तीखा विरोध जाहिर किया है. वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता मुकेश शर्मा ने मीनाक्षी लेखी को अपने बयान पर मांफी मांगने को कहा. उन्‍होंने ट्वीट किया, शर्म करो! मीनाक्षी लेखी जी किसान मवाली नहीं, बल्कि अन्नदाता है. इसलिए माफी मांगो या इस्तीफा दो.

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