28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Pegasus Spyware क्या है? WhatsApp के रास्ते कैसे करता है जासूसी?

Advertisement

What Is Pegasus Spyware, How It Works? भारत में पेगासस स्पाईवेयर चर्चा में है. 2019 में WhatsApp यूजर्स को मैसेज मिला कि उनके फोन को Pegasus से ट्रैक किया जा रहा है. कई देशों की सरकार इसका इस्तेमाल कर रही हैं. Pegasus Spyware क्या है और यह व्हाट्सऐप के जरिये आपके फोन में कैसे घुस जाता है?

Audio Book

ऑडियो सुनें

What Is Pegasus Spyware, How It Works? भारत में पेगासस स्पाईवेयर इन दिनों बड़ी चर्चा में है. पहली बार यह 2019 में खबरों में तब आया था, जब कई WhatsApp यूजर्स को व्हाट्सऐप की ओर से मैसेज मिला कि उनके फोन को Pegasus की मदद से ट्रैक किया जा रहा है. इस लिस्ट में कई पत्रकार और कार्यकर्ता शामिल थे. इसके बाद से Pegasus सॉफ्टवेयर लगातार चर्चा में है. रिपोर्ट्स की मानें, तो कई देशों की सरकार इसका इस्तेमाल कर रही हैं. अब ताजा खबर यह है कि भारत में 40 से ज्यादा पत्रकार, कार्यकर्ता और बाकी प्रमुख लोगों पर शिकंजा है. आइए जानते हैं कि यह Pegasus Spyware क्या है और यह व्हाट्सऐप के जरिये आपके फोन में कैसे घुस जाता है.

- Advertisement -

Pegasus क्या है?

पेगासस एक स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जिसे एक इजरायली कंपनी एनएसओ (NSO Group) ने डेवलप किया है. यह कंपनी साइबर वेपन्स बनाने के लिए जानी जाती है. NSO Group ने कंफर्म किया है वह Pegasus सॉफ्टवेयर को सिर्फ सरकार को बेचती है और इसके मिसयूज के लिए जिम्मेदार नहीं है. यह स्पाईवेयर फोन के जरिये लोगों की जासूसी करता है. सितंबर 2018 में टोरंटो के सिटीजन लैब ने बताया कि पेगासस स्पाईवेयर इतना खतरनाक है कि बिना यूजर के परमिशन के वह फोन में इंस्टॉल हो जाता है और इसके जरिये जासूसी शुरू हो जाती है. सिटीजन लैब ने उस वक्त बताया था कि दुनियाभर के लगभग 45 देशों में यह स्पाईवेयर ऐक्टिव था.

कैसे काम करता है पेगासस?

पेगासस स्पाईवेयर जासूसी करने के लिए टारगेट के फोन पर एक्सप्लॉइट लिंक भेजता है. टारगेट उस लिंक को क्लिक कर देता है, तो जिस मालवेयर या कोड के जरिये जासूसी होती है, वह फोन में इंस्टॉल हो जाता है. कई बार उस लिंक को क्लिक करने की भी जरूरत नहीं पड़ती. मोबाइल फोन में इंस्टॉल होकर यह पूरे फोन पर कब्जा कर लेता है. फोन यूजर्स की सारी डिटेल्स उसके पास आ जाती हैं. यह यूजर की एंड टू एंड एनक्रिप्टेड चैट को भी ऐक्सेस कर सकता है. यूजर्स की ऐप एक्टिविटी को ट्रैक कर सकता है. इसके अलावा, यह आपकी लोकेशन, डेटा और वीडियो कैमरा के डेटा को भी प्रभावित करने में सक्षम है.

Also Read: Whatsapp यूजर्स अब HD क्वालिटी में सेंड कर सकेंगे फोटो ,कंपनी ने किया यह खास इंतजाम
पेगासस स्पाइवेयर कैसे बचें से?

सबसे पहले तो यह जान लें कि तमाम कंपनियों ने ऐप्स और फोन के सिक्योरिटी फीचर्स बहुत बेहतर बना दिये हैं. अगर आप अपने आईफोन या एंड्रॉयड में ऐप्स के लेटेस्ट वर्जन का इस्तेमाल करेंगे, तो आपके फोन के हैक होने की आशंका कम हो सकती है. इसलिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट की सिक्योरिटी चेक करते रहें. अगर आपको कोई भी संदिग्ध मैसेज या लिंक आये, तो उस पर क्लिक करने से पहले सौ बार सोच लें.

Also Read: WhatsApp Update: बिना फोन के भी 4 डिवाइस में यूज कर सकेंगे व्हाट्सऐप, फोन बंद होने पर भी होगी चैटिंग
Also Read: WhatsApp पर ऐसे मैसेज करेंगे, तो आपका अकाउंट भी हो सकता है बैन

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें