32.1 C
Ranchi
Thursday, March 13, 2025 | 02:13 pm
32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

मां-पिता का सिर से साया उठने के बाद दिव्यांग बच्चों की परवरिश हुई मुश्किल, लगाई मदद की गुहार

Advertisement

झारखंड के सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड में दो दिव्यांग बच्चों की परवरिश में परेशानी आ रही है. इनके माता-पिता नहीं हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद का आग्रह किया है. इन्हें राशन के अलावा किसी सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News, सरायकेला न्यूज (प्रताप मिश्रा) : झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में सिर से मां-पिता का साया उठने के बाद दो दिव्यांग बच्चों की परवरिश मुश्किल हो गयी है. एक तो अनाथ, ऊपर से दिव्यांग. किसी तरह इनका पालन पोषण हो रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है.

चार वर्ष पूर्व मां छोड़कर कहीं चली गयी थी, वहीं पत्नी के छोड़कर चले जाने के कारण बच्चों के पिता का गम में दो वर्ष पूर्व निधन हो गया. अब ये बच्चे अनाथ हैं और उनका पालन पोषण मुश्किल हो गया है. ये दोनों बच्चे दिव्यांग हैं. सरायकेला के राजनगर प्रखंड के डांडु गांव निवासी दोनों बच्चे किशन टुडू (10 वर्ष) व उसकी बहन मायताला टुडू (8 वर्ष) दिव्यांग हैं. खानदान के लोग किसी तरह इनकी परवरिश कर रहे हैं.

Also Read: Train News : झारखंड के संताल के यात्रियों का सफर होगा आसान, अब रोजाना चलेगी जसीडीह दुमका ट्रेन,ये है अपडेट

सरकारी योजना के नाम पर सिर्फ इन्हें राशन मिलती है. भाजपा नेता रमेश हांसदा अपनी साइकिल यात्रा के दौरान इन बच्चों से मिले और पूरे मामले की जानकारी ली. भाई की एक आंख में रोशनी नहीं है, जबकि बहन बोल नहीं पाती है. साइकिल यात्रा के क्रम में गांव पहुंचे रमेश हांसदा को ग्रामीणों ने बताया कि जब ये काफी छोटे छोटे थे, तो इनकी मां इन्हें पिता के भरोसे छोड़कर कहीं चली गयी. जिसकी काफी खोजबीन की गयी, परंतु कहीं भी पता नहीं चला.

Also Read: झारखंड के गढ़वा शहर को जाम मुक्त करने का सपना होगा पूरा ! फोरलेन बाइपास के निर्माण में क्या है पेंच

पत्नी के जाने के गम में पिता कोंदा टुडू गुमशुम रहने लगा व दो वर्ष पूर्व इसका भी निधन हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि दोनों बच्चों को सिर्फ राशन मिलती है और किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिलती है. इनके पास दिव्यांग प्रमाण पत्र भी नहीं है, जिसके कारण सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है. ग्रामीणों ने बताया कि दोनों बच्चों का समुचित इलाज हो तो दोनों की जिंदगी संवर सकती है. उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. सांसद प्रतिनिधि बिशु हेम्ब्रम व मोतीलाल गौड़ ने डान्दू गांव पहुंच कर दिव्यांग बच्चों से मुलाकात कर सूखा राशन उपलब्ध कराया.

Also Read: झारखंड में भाकपा माओवादी गंगा प्रसाद राय ने हथियार के साथ किया सरेंडर, कई मामलों में थी तलाश

सरायकेला के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर ने कहा कि इन बच्चों के बारे में उन्हें सूचना नहीं थी. जल्द ही टीम दौरा कर बच्चों की समस्या से अवगत होगी और सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा.

Also Read: Jharkhand Weather Forecast : झारखंड में अगले 3 दिनों तक कैसा रहेगा मौसम, कब होगी भारी बारिश,आज यहां होगी बारिश

Posted By : Guru Swarup Mishra

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम वीडियो
News Snaps
News Reels आप का शहर