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बिना जंग लड़े ही जीत गया तालिबान! जानें क्यों हथियार डाल आत्मसमर्पण कर दी पूरी अफगान सेना

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तालिबान की पुन:वापसी कोई एकाएक घटना नहीं है. 20 साल तक छिपे रहने के दौरान तालिबान ने एक योजना बनाई और उसी पर अमल कर उसने फिर से आतंक का राज स्थापित कर दिया

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Taliban Terror, Afghanistan Crisis: 20 साल के बाद एक बार फिर पूरे अफगानिस्तान पर तालिबानी आतंकियों का कब्जा हो गया है. अमेरिकी सेना के हटते ही महज कुछ दिन के अंदर एक बार फिर अफगानिस्तान पर तालिबान का परचम लहराने लगा है. लेकिन तालिबान की पुन:वापसी कोई एकाएक घटना नहीं है. 20 साल तक छिपे रहने के दौरान तालिबान ने एक योजना बनाई और उसी पर अमल कर उसने फिर से आतंक का राज स्थापित कर दिया.उसने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की,ट्राइबल लोगों के भरोसे में लिया और आत्मघाती बम विस्फोटों से शहरों में भय फैलाया.

कैसे हो गया अचानक पतन: दुनिया के देश आश्चर्य जता रहे है कि कैसे अफगानिस्तान की सेना का इतनी जल्दी पतन हो गया. हालांकि सैन्य पतन को लेकर तालिबान नेता,अफगान राजनेताओं,राजनयिकों और अन्य जानकारों की बात से पता चलता है कि कट्टर इस्लामी आतंकवादी संगठन तालिबान ने अपनी वापसी की तैयारी सालों से शुरू कर दी थी.

राजनीतिक पतना की पूरी हुई मंशा: इस घटना को लेकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दक्षिण एशिया सुरक्षा विश्लेषक असफंदयार मीर का कहना है कि तालिबान लड़ाई नहीं लड़ना चाहता था.वो लड़ाई के बदले एक राजनीतिक पतन चाहता था और हुआ भी कुछ ऐसा ही.तालिबान की बढ़त की रफ्तार ने सबको हैरान कर दिया. अफगानिस्तान के प्रभुत्व वाले शहर और कस्बे एक एक कर तालिबान के कब्जे में आते चले गये.

क्यों भाग गये अफनानी सैनिक: इधर, अपनी जीत की जश्न में डूबा तालिबान कह रहा है कि कुछ जगहों को छोड़कर सेना ने हमारा सामना किये बिना ही आत्मसमर्पण कर दिया. एक अमेरिका नियाय के रिपोर्ट के मुताबिक,कुछ जगहों पर अफगान बलों ने तालिबान का सामना भी किया,जबकि अन्य जगहों पर तो उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया या अव्यवस्था में भाग गए.तालिबान राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने अपनी जीत को बेजोड़ करार दिया है.उनका कहना है कि,हम ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जिसकी कभी उम्मीद नहीं थी.

20 साल के इंतजार को चंद दिनों में किया पूरा: आतंकी संगठन तालिबान की वापसी एक दिन की घटना नहीं थी, 20 साल सत्ता से बेदखल रहने के बाद तालिबान ने आर्थिक स्थिति मजबूत की, आज वो दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन बन गया है.शहरों में बस विस्फोट कर दहशत का माहौल कायम किया.अपने खुद के न्यायालयों और कर प्रणालियों को प्रांतीय क्षेत्रों पर लागू किया.नये नये हथियारों की खरीद की. इसके मदौलत तालिबान ने बिना संघर्ष के ही फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया.

कैसे काम करता है तालिबान: तालिबान के प्रवक्ता जैबिउल्लाह मुजाहिद के अनुसार, तालिबान का सर्वोच्च नेता मलावी हिबातुल्लाह अखुंदजादा है. वो राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों का भी मुख्य अधिकारी है. इसके तीन सहायक – मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, मुल्ला मोहम्मद याकूब और सिराजुद्दीन हक्कानी हैं. बरादर जहां राजनीतिक मामलों के आयोग देखता है.

Posted by: Pritish Sahay

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