26.4 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 03:38 pm
26.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Corona Impact: पटना हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहे फरियादी, जानिए कैसे मिल रही राहत

Advertisement

कोरोना महामारी के गहराते संकट से पटना हाइकोर्ट के कामकाज पर भी प्रभाव पड़ा है.वकील से लेकर वादी तक परेशान हैं. केस लगातर पेंडिंग चल रहे हैं. वादी अब अपने मामलों को पटना उच्च न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोरोना महामारी के गहराते संकट से पटना हाइकोर्ट(Patna High Court) के कामकाज पर भी प्रभाव पड़ा है. संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोरोना के पहले और फिर दूसरे लहर में भी हाईकोर्ट में फिजिकल हियरिंग (Physical Court) बंद किया गया. जिससे वकील से लेकर वादी तक परेशान हैं. केस (Patna High Court Case) लगातर पेंडिंग चल रहे हैं. वादी अब अपने मामलों को पटना उच्च न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) का रुख कर रहे हैं.

- Advertisement -

पटना हाइकोर्ट का कामकाज पिछले वर्ष 2020 के मार्च महीने से ही प्रभावित है. कोरोना वायरस महामारी के कारण कोर्ट का कामकाज सही से चालू नहीं हो पाया है. बड़ी संख्या में वादी अब केवल अपने मामलों को पटना उच्च न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहे हैं. हाइकोर्ट में उनके मामले को बेहद जरुरी नहीं मानते हुए अभी सुनवाई के लिए नहीं लिया जा रहा है. ऐसे में वादी सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा रहे हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक मामला कंस्ट्रकशन कंपनी से जुड़ा दिखा. दरअसल बिहार सरकार ने हाल में ही कमलादित्य कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को 10 लंबे वर्षों के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया. जिसके बाद कंपनी ने अदालत का रुख किया. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इस मामले को अत्यावश्यक नहीं मानते हुए सुनवाई के लिए नहीं लिया. कंपनी ने अंतत: सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. जहां 11 अगस्त को कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया और थोड़ी राहत दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि फर्म का मामला बेहद जरूरी है और पटना उच्च न्यायालय से अनुरोध भी किया कि इस मामले को जल्द से जल्द देखा जाए.

Also Read: RJD Controversy: तेजस्वी यादव नहीं बन पायेंगे मुख्यमंत्री! तेजप्रताप यादव ने जताई आशंका, कारणों का किया खुलासा

वहीं पटना हाइकोर्ट से बेल के लिए इंतजार करने वाले भी अब सुप्रीम कोर्ट जाकर गुहार लगा रहे हैं कि उनके मामले को पटना हाइकोर्ट सुचिबद्ध करे. एक मामला राजेश कुमार नाम के वादी से जुड़ा है जिन्हें अपनी अग्रिम जमानत याचिका को उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उच्च न्यायालय को आदेश की तारीख से तीन सप्ताह के भीतर कुमार की अग्रिम जमानत पर सुनवाई के लिए प्रार्थना पर विचार करने का निर्देश दिया गया.

एक अन्य उदाहरण ओम प्रकाश धानुका का है जो थक हारकर सुप्रीम कोर्ट चले गए क्योंकि उनकी अग्रिम जमानत याचिका उनके वकीलों के बार-बार अनुरोध के बाद भी पटना हाइकोर्ट में सूचीबद्ध नहीं की जा रही थी. उनकी शिकायत पर सुनवाई के बाद, इस साल 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ ने उच्च न्यायालय से धानुका की अग्रिम जमानत याचिका को सूचीबद्ध करने और एक सप्ताह के भीतर उसकी योग्यता के आधार पर निपटाने का अनुरोध किया.

मेसर्स द्विवेदी एंड संस और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच एक मध्यस्थता मामला लंबे समय से उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए लंबित है. इस मामले की सुनवाई के लिए विचार नहीं किया गया था. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया जहां खंडपीठ ने 6 अगस्त को उच्च न्यायालय को आदेश दिया कि मामला मध्यस्थता की कार्यवाही से संबंधित है जिसे शीघ्रता से समाप्त किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस विशेष अनुमति याचिका को सुनते हुए पटना उच्च न्यायालय से मामले को जल्द से जल्द सुनवाई के लिए लेने का अनुरोध किया.

बता दें कि, पटना उच्च न्यायालय डेढ़ साल से अधिक समय के बाद भी अभी तक पूरी तरह फिजिकल मोड में काम करना शुरू नहीं कर पाया है. अदालत में कोविड-19 महामारी के कारण मार्च, 2020 के मध्य से केवल अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई हो रही है. उच्च न्यायालय में लंबित मामलों बढ़ गये हैं.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें