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बिहार में बढ़ रही है 15 साल तक के बीमार बच्चों की तादाद, अधिकतर हाइ फीवर के शिकार, जानिये क्या कहते हैं डॉक्टर

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बीते एक हफ्ते में पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, गार्डिनर रोड आदि अस्पतालों में 500 से अधिक बच्चे तेज बुखार, डीहाइड्रेशन और प्लेटलेट काउंट में अचानक गिरावट को लेकर अस्पताल पहुंच चुके हैं.

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आनंद तिवारी, पटना. इन दिनों वायरल फीवर बड़ी तेजी से फैल रहा है. इस बुखार से सबसे अधिक एक साल से 15 साल तक के बच्चे ग्रसित हो रहे हैं. बुखार में तापमान 103 डिग्री तक पहुंच जाता है. बीते एक हफ्ते में पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, गार्डिनर रोड आदि अस्पतालों में 500 से अधिक बच्चे तेज बुखार, डीहाइड्रेशन और प्लेटलेट काउंट में अचानक गिरावट को लेकर अस्पताल पहुंच चुके हैं.

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आंकड़ों के मुताबिक इन अस्पतालों में पहुंचने वाले कुल वायरल बुखार से पीड़ित रोगियों में करीब 60% संख्या सिर्फ बच्चों की है. यानी कुल 100 मरीज में 60 मरीज सिर्फ बच्चे हैं. डॉक्टरों व परिजनों के मुताबिक इस बुखार से ठीक होने में बच्चों को 10 से 12 दिनों से ज्यादा समय लग रहा है. जबकि कोई भी वायरल बुखार 4 से 5 दिनों में ठीक हो जाता है. पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व एम्स में 60% बेड वायरल फीवर की चपेट में आने वाले बच्चों से भरे हैं. अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी है.

डॉक्टर बोले, बच्चों को लेकर ये सावधानियां बरतें

  • बच्चों को जंक फूड नहीं दें

  • जन्मजात दिल, किडनी, लिवर, थैलेसीमिया, हिमोफीलिया से पीड़ित बच्चों को सावधानी रखनी है

  • घर और आसपास सफाई रखें, पानी एकत्र न होने दें

  • तले-भुने से परहेज करें

  • साफ या उबला पानी खूब पीएं, दिन में कम से कम 8-10 गिलास

  • बुखार होने पर नापते रहें और चार्ट बनाएं व डॉक्टर को दिखाएं

  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दर्द की या अन्य दवा न लें

  • बच्चे भरपूर नींद लें, संभव हो तो एक्सरसाइज व योग करें

बच्चों में इस तरह के दिख रहे हैं लक्षण

  • पांच दिनों से अधिक समय तक 100 डिग्री से अधिक बुखार

  • हाथ, पैर, शरीर पर दाने

  • आंखों का लाल हो जाना

  • लो बीपी और सिर में तेज दर्द

  • दस्त, उलटी व पेट में दर्द

एमआइएससी सिंड्रोम के भी पहुंच रहे बच्चे

मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआइएससी) से पीड़ित बच्चों की संख्या भी इन दिनों बढ़ गयी है. आइजीआइएमएस में अब तक करीब एक दर्जन से अधिक बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा चुका है. जबकि पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में भी रोजाना तीन से चार ऐसे बच्चे पहुंच रहे हैं.

इन बच्चों में ज्यादा समय तक बुखार, उलटी, दस्त, पेट में दर्द, स्किन रैश, थकान, दिल की धड़कन तेज होना, सांसें तेज चलना, आंखों में लालपन, होठों व जीभ पर सूजन या लालिमा, हाथ या पैरों में सूजन, सिरदर्द, चक्कर आना या सिर चकराना आदि जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं.

आइजीआइसी के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एनके अग्रवाल ने कहा कि वायरल के चक्कर में अधिकांश लोग बच्चों को कुछ दिन तक अपने घर में ट्रीटमेंट कराते हैं. इसलिए ठीक होने में 10 से 12 दिन लग रहे हैं. जांच में किसी में मलेरिया, टायफाइड तो किसी में कोविड व डेंगू बीमारी निकलती है. हालांकि डॉक्टर की सलाह पर अधिकांश बच्चे होम ट्रीटमेंट में ठीक हो जा रहे हैं.

Posted by Ashish Jha

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