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UP Elections 2022: बूथ स्तर पर ही विपक्ष के बड़े नेता चारों खाने होंगे चित्त, BJP ने बनायी खास रणनीति

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UP Elections 2022: यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने खास रणनीति तैयार की है. इस रणनीति के तहत विपक्षी नेता बूथ स्तर पर ही चारों खाने चित्त होंगे.

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UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. बीजेपी (BJP) कार्यकर्ताओं को सदस्यता अभियान (Membership Campaign) को अगले स्तर तक ले जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं. जिस तरह से बीजेपी जमीनी स्तर की तैयारियों में खुद को शामिल कर रही है, उससे साफ हो गया है कि बूथ स्तर (Booth Level) पर बड़े नेता और छोटे कार्यकर्ताओं की फौज दोनों शामिल होगी. पार्टी की रणनीति बड़े नेताओं को टक्कर देने के अलावा बूथ स्तर पर भी विपक्षी नेताओं से भिड़ने की है.

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वार्ड और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बढ़ाने का अभियान

बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत हर जिले में वार्ड और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बढ़ाने का अभियान शुरू किया है. क्षेत्र के जिम्मेदार नेताओं को उनकी योजना के बारे में निर्देश दे दिए गए हैं. इन निर्देशों में हर बूथ स्तर पर नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है. प्रत्येक बूथ और वार्ड स्तर पर कम से कम 50 लोगों को पार्टी की सदस्यता दी जाएगी.

जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण का रखा गया ध्यान

पार्टी ने जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का भी ध्यान रखा है. यानी जिस इलाके में एक खास जाति का दबदबा है, उसी जाति के कार्यकर्ता-नेता को जिम्मेदारी दी गई है, ताकि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी जीत की राह को मजबूत कर सके. यह रणनीति भाजपा के बूथ जीत अभियान (BJP Booth Victory Campaign) का हिस्सा है, जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा 23 अगस्त को शुरू किया जाना था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की मृत्यु के कारण यह अमल में नहीं आ सका.

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बीजेपी नेताओं को दी गई जिम्मेदारी

अब बीजेपी नेताओं को अपने स्तर पर काम कर इस अभियान को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है. बूथ कमेटियों के गठन के साथ ही भाजपा संगठन मंत्री सुनील बंसल, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत यूपी भाजपा के बड़े चेहरों ने अभियान को आगे बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत की है.

Posted by : Achyut Kumar

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