17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पीएम मोदी ने कृषि जगत को दी सौगात, झारखंड के बीएयू के वैज्ञानिकों ने भी विकसित की हैं फसलों की कई किस्में

Advertisement

रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के वैज्ञानिकों ने धान, गेहूं, मकई, मड़ुआ, गुंदली, अरहर, उड़द, सोयाबीन, कुलथी, चना, मूंगफली, सरसों, सरगुजा, तीसी एवं बैंगन की किस्में विकसित की हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News, रांची न्यूज (गुरुस्वरूप मिश्रा) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को देश के कृषि जगत को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने 35 नई फसलों की वेरायटी देश को समर्पित की. झारखंड की राजधानी रांची के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के वैज्ञानिकों ने भी धान, गेहूं, तीसी, सोयाबीन समेत कई फसलों की नयी वेराइटी विकसित की है, जिसका लाभ किसानों द्वारा उठाया जा रहा है.

- Advertisement -

बीएयू के वैज्ञानिकों ने अपनी शोध की बदौलत कई फसलों की नयी किस्में विकसित की हैं. इनमें धान, गेहूं, मकई, मड़ुआ, गुंदली, अरहर, उड़द, सोयाबीन, कुलथी, चना, मूंगफली, सरसों, सरगुजा, तीसी एवं बैंगन शामिल हैं. इतना ही नहीं, पशुओं की नयी प्रजातियां भी विकसित की गयी हैं. इनमें सूअर व मुर्गी शामिल हैं.

Also Read: झारखंड के इन 800 गांवों में दबदबा रखने वाले नक्सली आखिर गढ़वा के बूढ़ा पहाड़ तक कैसे सिमट गये

धान की विकसित किस्में ये हैं

बिरसा धान, 101, 102, 103, 104, 105, 106, 107, 108, 109, बिरसा विकास धान 110, बिरसा विकास धान 111, राजेंद्र धान 202, बिरसा धान 201, बिरसा धान 202, बिरसामति, बिरसा विकास सुगंधा 1, ललाट, बिरसा विकास धान 203

गेहूं की विकसित की गयी किस्में

बिरसा गेहूं 1, बिरसा गेहूं 2, बिरसा गेहूं 3

मकई की विकसित वेराइटी

बिरसा मकई 1, बिरसा विकास मक्का 2, बिरसा बेबी कॉर्न 1, सुआन कंपोजिट-1

मड़ुआ की विकसित किस्में

बिरसा मड़ुआ 2, ए 404, बिरसा मड़ुआ 3

गुंदली की विकसित किस्म

बिरसा गुंदली 1

अरहर की विकसित की गयी वेराइटी

बिरसा अरहर 1, बिरसा अरहर-2

उड़द की विकसित वेराइटी

बिरसा उड़द 1, बिरसा उड़द 2

सोयाबीन की नयी वेराइटी

बिरसा सोयाबीन 1, बिरसा सफेद सोयाबीन 2, बिरसा सोयाबीन 3

Also Read: बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की टीम झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के पदाधिकारियों को सौंपेगी ध्वज,ये है संदेश

कुलथी की विकसित किस्म

बिरसा कुलथी 1

चना की विकसित किस्म

बिरसा चना 3

मूंगफली की विकसित किस्म

बिरसा मूंगफली 1, बिरसा मूंगफली 2 बिरसा मूंगफली 3, बिरसा बोल्ड, बिरसा मूंगफली 4

सरसों की विकसित वेराइटी

सरसों शिवानी, बिरसा भाभा मस्टर्ड

सरगुजा की विकसित किस्म

बिरसा सरगुजा 1, बिरसा सरगुजा 2, बिरसा सरगुजा 3, पूजा 1

तीसी की विकसित किस्म

बिरसा तीसी 1, दिव्या, प्रियम

बैंगन की विकसित वेराइटी

बिरसा चियांकी बैंगन-1, बिरसा चियांकी बैंगन-2

Also Read: Jharkhand Weather Forecast : झारखंड में कब से दिखेगा तूफान गुलाब का असर, कब तक होती रहेगी भारी बारिश

झारखंड के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने न सिर्फ फसलों की नयी वेराइटी विकसित की है, बल्कि सूअर व मुर्गी की नयी प्रजातियां भी विकसित की हैं. इनमें झारसूक (सूअर) और झारसिम (मुर्गी) शामिल हैं.

ये भी जानिए

बिरसा उड़द-2 : वैज्ञानिक डॉ सीएस महतो (पौधा प्रजनन) द्वारा विकसित की गयी है. इस किस्म की उत्पादन क्षमता 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. फसल लगभग 82 दिनों में परिपक्व होती है. एक फली में 6-7 बड़े भूरे दाने होते हैं.

बिरसा अरहर-2 : वैज्ञानिक डॉ नीरज कुमार द्वारा विकसित की गयी है. इस दलहनी किस्म में प्रोटीन की मात्रा 22.48 प्रतिशत है. अंडाकार दाना भूरे रंग का होता है. इसकी उत्पादन क्षमता 27.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. परिपक्वता अवधि 235-240 दिन है.

बिरसा सोयाबीन-3 : यह किस्म डॉ नूतन वर्मा द्वारा विकसित है. इसका बीज हल्का पीला रंग का अंडाकार होता है, जिसमें तेल की मात्रा 19% तथा प्रोटीन 38.8 प्रतिशत है. उत्पादन क्षमता 27.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. परिपक्वता अवधि 115-120 दिन है.

Also Read: Jharkhand News : झारखंड के एक प्लांट में बड़ा हादसा, 3 मजदूरों की मौत, विधायक अमर बाउरी ने लगाये ये आरोप

बिरसा भाभा मस्टर्ड-1 : भाभा आण्विक अनुसंधान केंद्र के सहयोग से बीएयू वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार द्वारा ये किस्म विकसित की गयी है. सरसों के इस किस्म का दाना बड़े आकार का होता है. तेल की मात्रा लगभग 40% है. 112-120 दिनों में परिपक्व होने वाली इस किस्म की उत्पादन क्षमता 14.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

तीसी : मुख्य वैज्ञानिक डॉ सोहन राम द्वारा तिलहनी फसल तीसी की 3 किस्में विकसित की गई हैं. बिरसा तीसी-1 में तेल की मात्रा 34.6% है. इसकी औसत उपज 11.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुई है, लेकिन उपज क्षमता 17.12 क्विंटल तक है. फसल 128-130 दिनों में तैयार होती है.

बिरसा बेबी कार्न-1 : मुख्य वैज्ञानिक डॉ मणिगोपा चक्रवर्ती द्वारा विकसित इस किस्म की औसत उपज क्षमता 16.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. परिपक्वता अवधि 50-65 दिन है. फसल की कटाई 48वें दिन से शुरू हो जाती है. 65वें दिन तक जारी रहती है. इसमें तीन बार तुड़ाई होती है. ये अच्छी जल निकास वाली ऊपरी भूमि में खेती के लिए उपयुक्त है.

बिरसा मड़ुआ-3 : पौधा प्रजनन विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ जेड ए हैदर द्वारा विकसित इस किस्म की औसत उपज क्षमता 28.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. परिपक्वता अवधि लगभग 110-112 दिन है.

बैंगन : क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी में कार्यरत रहने के दौरान डॉ अब्दुल माजिद अंसारी द्वारा बैंगन की दो किस्में विकसित की गई हैं. बिरसा चियांकी बैंगन-1 गोल अंडाकार होता है. इसकी औसत उपज 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और परिपक्वता अवधि 110 दिन है. बिरसा चियांकी बैगन-2 लंबे आकार की किस्म है, जिसकी उत्पादन क्षमता 375 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और परिपक्वता अवधि लगभग 120 दिन है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें