Service Plus Portal: पटना. आय,जाति,निवास आदि प्रमाणपत्र के लिए जिस सर्विस प्लस पोर्टल पर आवेदन किया जाता है, पीक आवर्स में डेढ़ लाख तक आवेदन से आयी तकनीकी खराबी को लगभग दूर कर लिया गया है. एनआइसी की टीम ने एडवांस सॉफ्टवेयर डेवलप कर राज्यभर में लोक सेवाओं के अधिकार आरटीपीएस के तहत दी जाने वाले सेवाओं के निस्तारण की क्षमता को लगभग डेढ़ से दोगुना कर दिया है.
इससे आवेदन जारी करने की संख्या पांच लाख हो गयी है. हालांकि, आवेदनों की संख्या में भी कई गुना बढ़ोतरी होने से लंबित आवेदन की संख्या अभी कम नहीं हो पा रही है. सर्विस प्लस पोर्टल पर कुल आवेदनों में 90 फीसदी आवेदन आय प्रमाणपत्र एवं जाति व निवास प्रमाणपत्र के आ रहे हैं.
सर्विस पोर्टल पर आवेदन को स्वीकारने और उसका निबटारा करने में जो वह बदलाव इस तरह समझा जा सकता है. 12 सितंबर को एक दिन में करीब डेढ़ लाख से अधिक आवेदन आये. इनमें 36 हजार के करीब का समाधान हो पाया.
एनआइसी के वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है कि 28 सितंबर को दो लाख 73 हजार 91 आवेदन प्राप्त किये गये थे. इनमें एक लाख 1015 का निस्तारण किया गया था. पांच हजार को रिजेक्ट कर दिया गया था.
एनआइसी निदेशक आरके सिंह बताते हैं कि सर्विस प्लस बेहतर काम करे इसके लिए सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया है. सर्विस प्लस अब तक एक ही डाटा बेस पर काम कर रहा था. एनआइसी वैज्ञानिकों ने लोड बांटने के लिए दो डाटा बेस वाला सॉफ्टवेयर डिजाइन किया है.
आवेदन और प्रोसेसिंग के लिए अलग- अलग डाटा बेस है. दो अलग- अलग सर्वर लगाये गये हैं. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने एनआइसी को हार्डवेयर और नेटवर्क उपलब्ध कराया था.
Posted by: Radheshyam Kushwaha