16.1 C
Ranchi
Saturday, February 22, 2025 | 03:14 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अपने पितरों को विष्णु लोक की प्राप्ति के लिए श्रद्धालुओं ने मुंड पृष्ठा और धौतपद वेदियों पर किया श्राद्धकर्म

Advertisement

Gaya Ji Shradh: पूरी दुनिया में गयाजी मोक्षदायिनी के रूप में स्थापित है. वायु पुराण, नारद पुराण सहित अन्य हिंदू धार्मिक ग्रंथों में पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति के निमित्त गयाजी में श्राद्धकर्म व पिंडदान का विशेष महत्व माना गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Gaya Ji Shradh: पूरी दुनिया में गयाजी मोक्षदायिनी के रूप में स्थापित है. वायु पुराण, नारद पुराण सहित अन्य हिंदू धार्मिक ग्रंथों में पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति के निमित्त गयाजी में श्राद्धकर्म व पिंडदान का विशेष महत्व माना गया है. यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष आश्विन मास में यहां 17 दिवसीय पितृपक्ष श्राद्ध का आयोजन प्राचीन काल से होता आ रहा है. कोरोना संक्रमण के बीच इस बार भी 19 सितंबर से पितृपक्ष श्राद्ध शुरू है.

विधान व मान्यता के अनुसार 17 दिवसीय पितृपक्ष श्राद्ध की एकादशी तिथि को मुंड पृष्ठा वेदि, आदि गदाधर (आदि गया) वेदी व धौतपद वेदी पर पिंडदान व श्राद्धकर्म का विधान रहा है. उक्त वेदियां विष्णुपद क्षेत्र स्थित करसिल्ली पहाड़ पर स्थित है. परंपरा का निर्वहन करते हुए रविवार को देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने इन वेदी स्थलों पर अपने पितरों को मोक्ष प्राप्ति के निमित्त पिंडदान व श्राद्धकर्म का कर्मकांड अपने कुल पंडा के निर्देशन में पूरा किया.

श्री विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शंभु लाल विट्ठल ने कहा कि आदि गदाधर भगवान विष्णु का रूप हैं. धौत पद भी विष्णु भगवान विष्णु का ही रूप है. इन वेदी स्थलों पर पिंडदान व श्राद्धकर्म का कर्मकांड करने वाले श्रद्धालुओं के पितरों को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा कि कर्मकांड करने वाले श्रद्धालुओं को भी इसका सुफल मिलता है.

रविवार को इन वेदी स्थलों के अलावा विष्णुपद, वेदी, गया सिर वेदी, गया कूप वेदी, फल्गु नदी, सीता कुंड, देवघाट, गदाधर घाट सहित शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित कई अन्य वेदी स्थलों पर भी हजारों श्रद्धालुओं ने अपने पितरों को मोक्ष प्राप्ति के निमित्त पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड पूरा किया.

यातायात सुचारु बनाने में जुटी रही पुलिस

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण पितृपक्ष मेले को लेकर विष्णुपद क्षेत्र के अलावा राम सागर रोड, चांद चौरा, नारायण चुआं, टिल्हा स्थान, जीबी रोड, पंचायती अखाड़ा रोड, माड़नपुर रोड सहित वेदीदी स्थलों से जुड़ने वाली प्राय: सभी सड़कों पर पूरे दिन रुक-रुक कर जाम लगता रहा. इन जगहों पर ड्यूटी पर तैनात यातायात पुलिस यातायात व्यवस्था को सामान्य करने के लिए जद्दोजहद करते रहे.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें