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बिजली विभाग ने जब मुंह मोड़ा तो चतरा के इस गांव के लोगों ने खुद किया व्यवस्था को दुरुस्त

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किसी भी क्षेत्र की सड़कें व बिजली आपूर्ति व्यवस्था देख उस क्षेत्र के विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है. जर्जर सड़क, बिजली नहीं या बिजली की लचर आपूर्ति व्यवस्था उस क्षेत्र की पोल खोल कर रख देती है.

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किसी भी क्षेत्र की सड़कें व बिजली आपूर्ति व्यवस्था देख उस क्षेत्र के विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है. जर्जर सड़क, बिजली नहीं या बिजली की लचर आपूर्ति व्यवस्था उस क्षेत्र की पोल खोल कर रख देती है. इसके लिए सरकारी सिस्टम को दोषी ठहराया जाता है. कुछ इसी तरह का हाल प्रतापपुर के 15 गांवों में देखने को मिला. इन गांवों के लोगों ने छह माह से बिजली नहीं होने की शिकायत सरकारी बाबुओं से करते रहे, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इनकी परेशानियाें की ओर ध्यान नहीं दिया.

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बिजली विभाग की अनदेखी के बाद ग्रामीणों ने स्वयं से बिजली बहाल करने का जिम्मा उठाया और श्रमदान के लिए एकजुट हुए. निर्णय के तहत प्रखंड के 15 गांव के लोगों ने श्रमदान कर ढाई किमी तार व पोल लगा कर बिजली बहाल कर दी. इस क्रम में 25 पोल व तार लगाया गया. इसके साथ 15 गांव बिजली की रोशनी से जगमग हो गया. ग्रामीणों ने कहा कि छह माह से 15 गांवों में बिजली नहीं थी, जिससे परेशानी हो रही थी.

कई बार विद्युत विभाग के पदाधिकारियों को तार व पोल लगा कर बिजली व्यवस्था बहाल करने की मांग की गयी, लेकिन हमारी मांगों की ओर से किसी ने ध्यान नहीं दिया. बिजली नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी. कृषि कार्य नहीं कर पा रहे थे. मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहा था.

परेशान होकर ग्रामीणों ने तार-पोल को दुरुस्त करने का निर्णय लिया. इसके बाद सहयोग राशि इकट्ठा कर व श्रमदान से तार-पोल खींच इन गांवों में बिजली बहाल की गयी. श्रमदान करने वालों में समशेर मियां, शमशाद कुरैशी, आजाद कुरैशी, गुड्डू कुमार, संजय भारती, अर्जुन भारती, अजय यादव, मनोज दास, हाफीज कुरैसी, शंभु चौधरी, मिनहाज, विक्रम, पवन कुमार समेत कई शामिल थे.

प्रखंड के इन गांवों में था अंधेरा

प्रखंड के जीरावार, संग्रामपुरकला, संग्रामपुरखुर्द, दुंदु, भंडार, सिंदुरिया, जमुआ, गेडे, हिंदियाकला, हिंदियाखुर्द, सुरही, टडवाही, सुकनडीह, बेलवाटांड़ व एक अन्य गांव में अंधेरा छाया था. छह माह पूर्व आयी आंधी के कारण कई जगहों पर तार व पोल टूट कर गिर गये थे, जिससे इन गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित थी.

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