Aligarh News: कोरोना की दूसरी लहर के बाद 12वीं तक पब्लिक स्कूल खुल जाने के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस की स्थिति स्कूलों में अलग-अलग है. कुछ स्कूल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कुछ स्कूल केवल ऑफलाइन पढ़ा रहे हैं. अभी स्कूलों में अभिभावकों ने अपने नौनिहालों को पूरी तरीके से पढ़ने के लिए नहीं भेजा है. अधिकतर स्कूलों में बच्चे 50 से 60% ही बामुश्किल पढ़ाई के लिए आ रहे हैं. शेष बच्चे घर पर होने के कारण स्कूलों को ऑफलाइन यानी कि कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ ऑनलाइन यानी घरों में बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए व्यवस्था बनानी पढ़ रही है.
ऑफलाइन क्लास के लिए जैसे-जैसे बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस महीने या अगले महीने तक स्कूल पूरी तरीके से ऑनलाइन क्लासेस को बंद कर देंगे और ऑफलाइन यानी स्कूलों में पहले की भांति बच्चों की पढ़ाई व परीक्षा आदि होंगी.
कोरोना की दूसरी लहर के बाद बारहवीं तक स्कूल खोलने को लेकर सरकार ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोरोना के बचाव के लिए गाइडलाइंस को पूरी तरीके से लागू किया जाएगा और कोई भी स्कूल किसी भी बच्चे को स्कूल में पढ़ाई के लिए आने को बाध्य नहीं करेगा. उस बच्चे की पढ़ाई बाधित ना हो, इसके लिए स्कूल ऑनलाइन जैसी वैकल्पिक व्यवस्था को लागू करेगा.
स्कूलों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं को डबल मेहनत करनी पड़ रही है क्योंकि सामने बैठे हुए कक्षा में बच्चों को भी मैनेज करना है, पढ़ाना है और साथ ही साथ मोबाइल, नेट आदि के माध्यम से घर पर बैठे बच्चों को भी ऑनलाइन पढ़ाई, गृह कार्य आदि निर्देशन भी देने हैं. अभी जब परीक्षाएं शुरू होंगी तब शिक्षक-शिक्षिकाओं की मेहनत और बढ़ जाएगी क्योंकि ऑनलाइन और ऑफलाइन एग्जाम कराने के लिए अलग-अलग प्रकार के प्रश्न पत्र फॉर्मेट तैयार करने पड़ेंगे.
स्कूल एसोसिएशन का है यह कहनाAligarh news: ऑनलाइन पढ़ाई कराना स्कूलों की बनी मजबूरी, ऑफलाइन को बढ़ावा 4
अलीगढ़ के पब्लिक स्कूल डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने प्रभात खबर को बताया कि अभी तो लगभग सभी स्कूलों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पढ़ाई कराई जा रही है क्योंकि अधिकतर स्कूलों में 50 से 60 परसेंट तक ही बच्चे आ पा रहे हैं. बाकी शेष बच्चे घर पर ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करते हैं. शायद ऑनलाइन क्लासेस को कुछ समय बाद पूरी तरीके से बंद कर दिया जाएगा.
स्कूल प्रधानाचार्य का है यह कहनाAligarh news: ऑनलाइन पढ़ाई कराना स्कूलों की बनी मजबूरी, ऑफलाइन को बढ़ावा 5
निहार मीरा नेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रधानाचार्या कल्पलता चंद्रहास ने कहा कि अभी स्कूल में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है क्योंकि अभी पूरी तरीके से बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं और अभिभावकों को बच्चों को भेजने के लिए स्कूल के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
श्री राजेंद्र सिंह इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या डॉक्टर मंजू गौड़ ने कहा कि अभी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से पढ़ाई को सुचारू रूप से कराया जा रहा है, जब तक पूरी तरीके से बच्चे स्कूल ऑफलाइन क्लास के लिए नहीं आ पाते. तब तक ऑनलाइन क्लासेस को जारी रखा जाएगा क्योंकि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य अभिभावकों के साथ-साथ स्कूल के लिए भी बहुत महत्व रखता है.
(रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़)
Aligarh News: कोरोना की दूसरी लहर के बाद 12वीं तक पब्लिक स्कूल खुल जाने के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस की स्थिति स्कूलों में अलग-अलग है. कुछ स्कूल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कुछ स्कूल केवल ऑफलाइन पढ़ा रहे हैं. अभी स्कूलों में अभिभावकों ने अपने नौनिहालों को पूरी तरीके से पढ़ने के लिए नहीं भेजा है. अधिकतर स्कूलों में बच्चे 50 से 60% ही बामुश्किल पढ़ाई के लिए आ रहे हैं. शेष बच्चे घर पर होने के कारण स्कूलों को ऑफलाइन यानी कि कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ ऑनलाइन यानी घरों में बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए व्यवस्था बनानी पढ़ रही है.
ऑफलाइन क्लास के लिए जैसे-जैसे बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस महीने या अगले महीने तक स्कूल पूरी तरीके से ऑनलाइन क्लासेस को बंद कर देंगे और ऑफलाइन यानी स्कूलों में पहले की भांति बच्चों की पढ़ाई व परीक्षा आदि होंगी.
कोरोना की दूसरी लहर के बाद बारहवीं तक स्कूल खोलने को लेकर सरकार ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोरोना के बचाव के लिए गाइडलाइंस को पूरी तरीके से लागू किया जाएगा और कोई भी स्कूल किसी भी बच्चे को स्कूल में पढ़ाई के लिए आने को बाध्य नहीं करेगा. उस बच्चे की पढ़ाई बाधित ना हो, इसके लिए स्कूल ऑनलाइन जैसी वैकल्पिक व्यवस्था को लागू करेगा.
स्कूलों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं को डबल मेहनत करनी पड़ रही है क्योंकि सामने बैठे हुए कक्षा में बच्चों को भी मैनेज करना है, पढ़ाना है और साथ ही साथ मोबाइल, नेट आदि के माध्यम से घर पर बैठे बच्चों को भी ऑनलाइन पढ़ाई, गृह कार्य आदि निर्देशन भी देने हैं. अभी जब परीक्षाएं शुरू होंगी तब शिक्षक-शिक्षिकाओं की मेहनत और बढ़ जाएगी क्योंकि ऑनलाइन और ऑफलाइन एग्जाम कराने के लिए अलग-अलग प्रकार के प्रश्न पत्र फॉर्मेट तैयार करने पड़ेंगे.
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अलीगढ़ के पब्लिक स्कूल डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने प्रभात खबर को बताया कि अभी तो लगभग सभी स्कूलों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पढ़ाई कराई जा रही है क्योंकि अधिकतर स्कूलों में 50 से 60 परसेंट तक ही बच्चे आ पा रहे हैं. बाकी शेष बच्चे घर पर ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करते हैं. शायद ऑनलाइन क्लासेस को कुछ समय बाद पूरी तरीके से बंद कर दिया जाएगा.
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निहार मीरा नेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रधानाचार्या कल्पलता चंद्रहास ने कहा कि अभी स्कूल में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है क्योंकि अभी पूरी तरीके से बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं और अभिभावकों को बच्चों को भेजने के लिए स्कूल के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
श्री राजेंद्र सिंह इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या डॉक्टर मंजू गौड़ ने कहा कि अभी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से पढ़ाई को सुचारू रूप से कराया जा रहा है, जब तक पूरी तरीके से बच्चे स्कूल ऑफलाइन क्लास के लिए नहीं आ पाते. तब तक ऑनलाइन क्लासेस को जारी रखा जाएगा क्योंकि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य अभिभावकों के साथ-साथ स्कूल के लिए भी बहुत महत्व रखता है.