17.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 11:29 pm
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कोरोना की वजह से भारतीयों की उम्र 2 साल घटी- IIPS के वैज्ञानिकों का रिसर्च

Advertisement

Coronavirus Pandemic: लोगों की जिंदगियों पर विभिन्न स्तरों पर असर डालने वाली कोरोना वायरस महामारी ने किसी व्यक्ति के जीने की औसत अवधि यानी जीवन प्रत्याशा तकरीबन दो साल तक कम कर दी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुंबई: वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों को न केवल बीमार बनाया, बल्कि उनकी उम्र भी घटा दी. जी हां, कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से भारतीयों की उम्र दो साल घट गयी है. मुंबई के IIPS के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद यह दावा किया है.

वैज्ञानिकों ने डाटा एनालिसिस के बाद कहा है कि लोगों की जिंदगियों पर विभिन्न स्तरों पर असर डालने वाली कोरोना वायरस महामारी ने किसी व्यक्ति के जीने की औसत अवधि यानी जीवन प्रत्याशा तकरीबन दो साल तक कम कर दी है.

मुंबई के अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस) के वैज्ञानिकों ने इस विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में महामारी के कारण पुरुषों और महिलाओं दोनों में जन्म के समय जीवन प्रत्याशा में कमी का उल्लेख किया है. यह रिपोर्ट हाल में पत्रिका ‘बीएमसी पब्लिक हेल्थ’ में प्रकाशित हुई है.

Also Read: कोरोना काल में ज्यादा आंसू बहाना भी है खतरनाक, तेजी से फैल सकता है वायरस का संक्रमण

आईआईपीएस के प्रोफेसर सूर्यकांत यादव ने यह रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वर्ष 2019 में पुरुषों के लिए जीवन प्रत्याशा 69.5 वर्ष और महिलाओं के लिए 72 वर्ष थी, जो वर्ष 2020 में कम होकर क्रमश: 67.5 वर्ष और 69.8 वर्ष रह गयी है.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर शिशु के जन्म के समय मृत्यु की प्रवृत्ति भविष्य में स्थिर रहती है, तो किसी नवजात के जीवित रहने की संभावना के औसत वर्ष के आधार पर जन्म के समय जीवन प्रत्याशा की गणना की जाती है.

जीवनकाल की असमानता

प्रोफेसर यादव के अध्ययन में ‘जीवनकाल की असमानता’ पर भी गौर किया गया. उन्होंने अपने रिसर्च में पाया कि कोविड-19 से 39-69 आयु वर्ग में सबसे अधिक पुरुषों की मौत हुई. यादव ने कहा, ‘वर्ष 2020 में सामान्य वर्षों के मुकाबले कोविड-19 से 35-79 आयु वर्ग में बहुत ज्यादा मौत हुईं और यह समूह जीवन प्रत्याशा में कमी के लिए अधिक जिम्मेदार है.’

आईआईपीएस के निदेशक डॉ केएस जेम्स ने कहा, ‘हर बार जब हम किसी महामारी की चपेट में आते हैं, तो जन्म के समय जीवन प्रत्याशा कम हो जाती है. उदाहरण के लिए अफ्रीकी देशों में एचआईवी-एड्स महामारी के बाद जीवन प्रत्याशा कम हो गयी थी. जब यह नियंत्रण में आती है, तो जीवन प्रत्याशा में सुधार आता है.’

एजेंसी इनपुट के साथ

Posted By: Mithilesh Jha

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें