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Kharmas 2021: जानें कब से शुरू हो रहा है खरमास, बंद रहेंगे सारे मांगलिक काम

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Kharmas 2021: इस बार खरमास 14 दिसंबर से शुरू होने वाला है. पूरे माह के बाद यह 14 जनवरी को समाप्त होगा. इस दौरान किसी तरह का शुभकार्य नहीं किया जाता है. मान्यता के अनुसार इस माह में सूर्य की चाल धीमी पड़ जाती है, जिसके कारण कोई शुभ कार्य होना मुमकिन नहीं है.

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Kharmas 2021: हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार कोई भी शुभ कार्य करने से पहले सही मुहूर्त का होना जरूरी है. इसके साथ सूर्य की चाल पर भी जरूर ध्यान दिया जाता है. मगर खरमास माह में किसी तरह का शुभकार्य नहीं होता है. इस बार खरमास 14 दिसंबर से शुरू होने वाला है. पूरे माह के बाद यह 14 जनवरी को समाप्त होगा. इस दौरान किसी तरह का शुभकार्य नहीं किया जाता है.

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इस दशा में लगता है खरमास

जब से सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास शुरूआत होती है. हिन्दू धर्म में यह माह शुभ नहीं माना जाता है, ऐसे में इस माह में नए या शुभ काम नहीं होते हैं. खरमास माह के अपने कुछ नियम बताए गए हैं. इस माह में हिन्दु धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं करे जाते हैं. मलिन मास के कारण कारण इस माह को मलमास भी कहा जाता है.

क्यों लगता है मलमास

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव एक राशि में एक माह तक रहते हैं। इसके बाद ये राशि परिवर्तन करते हैं जिसे संक्रांति कहते हैं, जिस भी राशि में सूर्य जाते हैं उसी राशि के नाम से संक्रांति जानी जाती है. ऐसे ही जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है. मीन संक्रांति होने पर भी खरमास लगता है. खरमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहप्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत उद्यापन आदि वर्जित माने जाते हैं.

खरमास से जुड़े नियम

इस महीने सुबह जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करना चाहिए. इसके बाद सूर्य देव की उपासना करनी चाहिए. मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि खरमास में दान पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए इस महीने गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन खिलाना चाहिए. संभव हो तो उन्हें कंबल बांटें. खरमास में गौ पूजन और गौ संवर्धन करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है. घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

इन गलतियों को न करें

1. वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन आदि कोई भी मांगलिक कार्य न करें.

2. मन में किसी के प्रति बुरी भावना न लाएं. किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें और न ही झूठ बोलें.

3. इस माह के दौरान मांस-मदिरा और शराब का सेवन न करें. संभव हो तो प्याज और लहसुन से भी परहेज करें

4. ऐसी मान्यता है कि खरमास के दौरान मांस-मदिरा आदि का सेवन अशुभ होता है.

5. खरमास में भगवान विष्णु की पूजा बहुत लाभकारी माना जाता है. मां लक्ष्मी की कृपा होती है.

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