25.1 C
Ranchi
Tuesday, February 4, 2025 | 06:14 pm
25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Solar Eclipse: बिहार में लिखी गई ग्रहण माला, इसमें मिलेगी 1100 साल तक लगने वाले सूर्य व चंद्र ग्रहण की जानकारी

Advertisement

Solar Eclipse 2021 ‘ग्रहण माला’ पुस्तक के लेखक हेमांगद ठाकुर दरभंगा राज परिवार के सदस्‍य थे. उनकी दिलचस्पी ज्‍योतिष व खगोल विज्ञान में खास थी. उनका जीवन काल सन् 1530 से 1590 के बीच का था. दरभंगा में 26 जनवरी 1961 को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित की गई.

Audio Book

ऑडियो सुनें

आज साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण है. आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. हालांकि इस ग्रहण का असर भारत में जरूर पड़ेगा. अब बात करते है 2022 में कब सूर्य और चंद्र ग्रहण लगेगा. क्योंकि अगला ग्रहण अब 2022 में ही लगेगा. आइए जानते है एक ऐसी पुस्तक के बारे में, जिसमें 1100 वर्षों तक लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण की जानकारी आपको मिली जाएगी. इस पुस्तक का नाम है ‘ग्रहण माला’ (Grahan Mala). ग्रहण माला पुस्तक बिहार में लिखी गई है. ग्रहण माला पुस्तक करीब चार सौ साल पहले महामहोपाध्याय हेमांगद ठाकुर द्वारा लिखी गई है. ‘ग्रहण माला’ पुस्‍तक बिहार के दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में उपलब्‍ध है.

- Advertisement -

चार सौ साल पहले लिखी गई थी यह पुस्तक

‘ग्रहण माला’ पुस्तक करीब चार सौ साल पहले लिखी गई है. चार सौ साल पहले ग्रहण माला पुस्तक लिखे जाने के कारण आज भी अगले 708 वर्षों तक लगने वाले सूर्य व चंद्र ग्रहणों की पूरी जानकारी मिलती है. ‘ग्रहण माला’ पुस्तक में 1088 वर्षों तक के सूर्य व चंद्र ग्रहणों की जानकारी दी गई है. इस पुस्तक में कहीं-कहीं गणना में थोड़ा अंतर दिखता है, जानकारों का मानना है कि यह पुस्‍तक चार सौ साल पहले लिखी गई थी. यह अंतर उस वक्‍त लिखने की विधि लिपिबद्ध करने वाले पर भी निर्भर करता है.

दरभंगा संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय में उपलब्‍ध है ‘ग्रहण माला’ पुस्तक

‘ग्रहण माला’ पुस्तक के लेखक हेमांगद ठाकुर दरभंगा राज परिवार के सदस्‍य थे. उनकी दिलचस्पी ज्‍योतिष व खगोल विज्ञान में खास थी. उनका जीवन काल सन् 1530 से 1590 के बीच का था. दरभंगा में 26 जनवरी 1961 को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित की गई. इसके बाद राज परिवार के विद्वान सदस्‍य रहे हेमांगद ठाकुर की उक्‍त पुस्‍तक ‘ग्रहण माला’ को विश्‍वविद्यालय के प्रकाशन विभाग ने प्रकाशित किया. यह पुस्तक विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी व पुस्तक विक्रय केंद्र से खरीदी जा सकती है. इस पुस्तक की गणना शक संवत 1542 से 2630 के बीच की है. अंग्रेजी साल की बात करें तो पुस्‍तक सन् 1620 से 2708 तक के 1088 साल तक लगने वाले ग्रहणों की जानकारी देती है.

Also Read: Surya Grahan 2021 : सूर्य ग्रहण के दौरान प्रेगनेंट महिलाएं न करें ये काम, हो सकता है स्वास्थ्य संबंधी नुकसान

Posted by: Radheshyam Kushwaha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें