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चुनावी शंखनाद से पहले BJP का ‘मथुरा’ राग, राज्यसभा में पार्टी सांसद ने की पूजा स्थल कानून रद्द करने की मांग

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बीजेपी सांसद हरनाथ यादव द्वारा शून्यकाल में इस मुद्दा को उठाने को लेकर विपक्षी सांसदों ने विरोध किया. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का विवाद का मामला वर्तमान में निचली अदालत में है और इसपर सुनवाई चल रही है.

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यूपी में चुनावी शंखनाद से पहले भाजपा मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद स्थल को मुद्दा बनाने में जुटी है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट के बाद अब पार्टी के राज्यसभा में सांसद हरनाथ यादव ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार के पूजा स्थल कानून, 1991 को अतार्किक और असंवैधानिक बताते हुए इसे समाप्त करने की मांग की. संसद में मुद्दे को उठाते हुए भाजपा के हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि यह कानून भगवान राम और भगवान कृष्ण में भेदभाव पैदा करता है.

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संसद में बोलते हुए हरनाथ यादव ने कहा कि इसमें प्रावधान किया गया है कि पूजा स्थलों की जो स्थिति 15 अगस्त 1947 को थी, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इस कानून में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि को अलग रखा गया है. यह प्रावधान संविधान में प्रदत्त समानता और जीवन के अधिकार का ना सिर्फ उल्लंघन करते हैं. बल्कि धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करते हैं.

उन्होंने इसे संविधान की प्रस्तावना और मूल संरचना के विपरीत करार दिया और कहा कि इस कानून में कहा गया है कि श्रीराम जन्मभूमि मुकदमे के अतिरिक्त अदालतों में लंबित सभी ऐसे मुकदमे समाप्त माने जाएंगे. यादव ने आगे कहा, ‘आश्चर्य का विषय है कि इस कानून में प्रावधान किया गया है कि इस कानून के खिलाफ कोई नागरिक अदालत में भी नहीं जा सकता है.’

विपक्षी सांसदों ने किया विरोध- बीजेपी सांसद हरनाथ यादव द्वारा शून्यकाल में इस मुद्दा को उठाने को लेकर विपक्षी सांसदों ने विरोध किया. व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि सद्भाव और सौहार्द की भावना को बनाए रखने के लिए 1991 का यह कानून संसद से पारित हुआ है. हालांकि उपसभापति हरिवंश ने मनोज झा के व्यवस्था के प्रश्न की दलील को खारिज कर दिया.

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(भाषा के इनपुट के साथ)

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