17.1 C
Ranchi
Tuesday, February 4, 2025 | 08:35 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jharkhand : गर्माता जा रहा कफ सीरप के सैंपल गायब का मामला, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने दिये जांच के आदेश

Advertisement

सदर अस्पताल से गायब हुआ कफ सीरप के सैंपल गायब का मामला गर्माता जा रहा है, ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि नशे के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. अब जांच के दायरे में ड्रग कंट्रोलर रितु सहाय भी आ गयी हैं. क्यों कि स्वास्थ्य मंत्री ने जांच आदेश दिये हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची : सदर अस्पताल के औषधि निरीक्षक कार्यालय से संदेहास्पद दवा (कफ सीरप) का सैंपल गायब होने का मामला गहरता जा रहा है. जांच के दायरे में ड्रग कंट्रोलर रितु सहाय भी आ गयी हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिये हैं. साथ ही एक सप्ताह में पूरे मामले की जांच कर आठ बिंदुओं पर सिलसिलेवार रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है.

- Advertisement -

पत्र में कहा गया है कि औषधि निरीक्षक-2 पुतली बिलुंग ने रांची के पंडरा स्थित फार्मा कंपनी मेसर्स विश्वनाथ फार्मास्युटिकल का चार बार निरीक्षण किया. इस क्रम में उन्होंने दवा का सैंपल और रिपोर्ट तैयार कर ड्रग कंट्रोलर रितु सहाय को सौंपा़ रिपोर्ट में बताया गया कि रांची की फार्मा कंपनी मेसर्स विश्वनाथ फार्मास्युटिकल ने स्माइलेक्श कंपनी से फेनसीरेस्ट की कफ सीरप (100 एमएल) की 5,46,048 बाेतलें खरीदी हैं.

फार्मा कंपनी ने इस संदेहास्पद दवा को उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित विंध्यवासिनी फार्मास्युटिकल और लखनऊ स्थित मेसर्स मेडा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर को बेचा है. बड़ी मात्रा में इस दवा की खरीद-बिक्री और भंडारण पर औषधि निरीक्षक ने आशंका जतायी कि इस दवा का इस्तेमाल नशे के रूप में किया जा रहा है.

उन्होंने ड्रग कंट्रोलर को रिपोर्ट सौंपते हुए नारकोटिक्स ब्यूरो अथवा सक्षम एजेंसी से सहयोग से मामले की जांच कराने का आग्रह किया. लेकिन, ड्रग कंट्रोलर ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. इधर, सदर अस्पताल में रखा दवा का सैंपल भी गायब हो गया. बाद में इस मामले में औषधि निरीक्षक की ओर से चोरी की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.

कार्यालय से सैंपल गायब होना संदेह पैदा करता है

सदर अस्पताल के औषधि नियंत्रण कार्यालय से सैंपल का गायब होना शंका पैदा करता है. क्योंकि संदिग्ध दवा का निरीक्षण और सैंपल संग्रहित किया गया था. नारकोटिक्स ब्यूरो अथवा सक्षम एजेंसी से सहयोग लेने की बात होने और सैंपल के गायब होने से मामला और संदिग्ध लगता है. ड्रग कंट्रोलर की भूमिका पर भी सवाल उठता है. ऐसे में विभागीय जांच के लिए विभागीय कमेटी गठित करने को कहा गया है.

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री

Posted By : Sameer Oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें