15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

हजारीबाग पेयजल व स्वच्छता विभाग में खर्च के नाम पर अफसर, कर्मियों ने किया करोड़ों का घोटाला, अब होगी कार्रवाई

Advertisement

हजारीबाग पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में खर्च के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले हुए हैं. जिले में 2014 से 2018 तक शौचालय निर्माण और जागरूकता पर राशि खर्च होनी थी लेकिन करोड़ों की राशि अधिकारियों ने अपनी सुविधाओं पर खर्च कर डाला. अब सभी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

हजारीबाग : पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल हजारीबाग में लगभग एक हजार करोड़ के खर्च में कई गड़बड़ियां उजागर हुई हैं. मोटरसाइकिल को कार बताकर विभिन्न मदों में राशि निकाल ली गयी. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2014 से 2018 तक में सभी तरह के शौचालय निर्माण और जागरूकता पर राशि खर्च होनी थी, लेकिन करोड़ों की राशि अधिकारियों ने केवल अपनी सुविधाओं और अन्य कार्यों पर खर्च कर दी. इस घोटाले का खुलासा स्वच्छ भारत मिशन कार्यालय निदेशालय की चार सदस्यीय टीम ने जांच के बाद किया.

- Advertisement -

टीम को यह जानकारी 26 जुलाई 2021 को योजना स्थलों का निरीक्षण, वित्तीय लेखा से संबंधित जांच प्रतिवेदन और उपलब्ध राशि के खर्च व ब्योरे की जांच के बाद मिली है. जांच टीम में निदेशक सह संयुक्त सचिव इंद्रदेव मंडल, उपनिदेशक अनिल कुमार, सहायक प्रशाखा पदाधिकारी चंदन कुमार और राज्य परामर्शी मो आजाद हुसैन शामिल थे. जांच के बाद संविदा पर कार्यरत दो कर्मियों को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है. दोनों विभाग में कई कार्य करते थे. गड़बड़ी में शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मियों पर भी कार्रवाई होनी है.

जांच टीम ने किया उजागर :

पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यालय निदेशक की जांच रिपोर्ट में बरही के रानीचुआं गांव में 100 शौचालय के निर्माण पर भुगतान दिखाया गया है. लेकिन इसमें ग्राम स्तर पर निर्मित शौचालय के उपयोगिता प्रमाण पत्र और एसबीएम के आइएमआइएस में किये गये भौतिक एवं वित्तीय मिलान पर 32 लाभुकों के नाम नहीं मिले.

पलामू जिले की तीन वर्ष पुरानी मोटरसाइकिल (जेएच03यू- 9922) को मारुति सेलेरियो वाहन दिखाकर पैसे निकाल लिये गये. प्रशिक्षण के दौरान प्लाटिना एलोय कार दिखाकर मोटरसाइकिल (जेएच02जे- 2914) से प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों को लाया गया. इसी तरह, बोकारो की आठ साल पुरानी मोटरसाइकिल (जेएच09यू- 4422) के माध्यम से हजारीबाग शहर नगर भवन से बनहा व नवादा गांव से नगर भवन तक लोगों को लाया गया.

निर्गत पंजी को खाली छोड़ा :

जांच टीम ने पाया कि स्वच्छ भारत मिशन में हजारीबाग पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल में फर्जीवाड़ा को छुपाने के लिए चार साल तक 413 पत्रांक को खाली छोड़ दिया गया था. यह काम हजारीबाग जिले को खुले में शौच मुक्त होने के बाद किया गया. 2018 से 2021 तक यह अनियमितता लगातार चल रही थी. इसका खुलासा स्वच्छ भारत मिशन के कार्यालय निदेशालय की जांच के बाद हुआ है. निर्गत पंजी में खाली छोड़े गये पत्रांक में बैक डेट से पत्र जारी किया जा रहा था. जांच में खुलासा हुआ कि कैश बुक में दो ऑपरेटरों के अलावा छह अन्य कंप्यूटर ऑपरेटर के मानदेय का भुगतान कर दिया गया था.

विभिन्न मदों में किये गये अनावश्यक खर्च

जांच में पाया गया कि अनावश्यक कार्यों पर 6 लाख 92 हजार का भुगतान किया गया. वहीं लॉकडाउन में प्रशिक्षण पर नियम विरुद्ध 15 लाख रुपये खर्च किये गये. फर्जी नाम और पता पर 400 लोगों को टीएडीए दिया गया है. वहीं दो एजेंसियों का जीएसटी नंबर एक है और लाखों रुपये का भुगतान किया गया.

लॉकडाउन में भी वाहनों के नाम पर निकाली राशि

जांच में खुलासा हुआ कि लॉकडाउन में आवश्यक कार्य के लिए वाहन को जिला प्रशासन से अनुमति लेकर चलाने दिया जा रहा था. इसके बावजूद हजारीबाग स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने करीब 13.50 लाख रुपये वाहनों के ईंधन और किराया के रूप में खर्च दिखाये. वाहन आपूर्ति के लिए किसी एजेंसी का चयन नहीं किया गया. कार्यपालक अभियंता ने बगैर निदेशालय की अनुमति के जल जीवन मिशन के नाम पर वाहन के किराये व ईंधन के नाम पर व्यय किया.

Posted By : Sameer Oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें