25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी मिली राहत, कार्रवाई नहीं कर पायेगी बंगाल सरकार

Advertisement

बंगाल बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट ने उनके अंगरक्षक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में बड़ी राहत दी है. जानें क्या है पूरा मामला और क्या है कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश...

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोलकाता/नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से सोमवार को इंकार कर दिया, जिसमें बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामले में पुलिस द्वारा कोई कठोर कार्रवाई करने पर रोक लगा दी गयी थी. इन मामलों में शुभेंदु अधिकारी के अंगरक्षक की असमय मृत्यु की सीआइडी जांच सहित कुल पांच मामले शामिल हैं.

- Advertisement -

हालांकि, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने हाईकोर्ट से मामले के अंतिम निस्तारण में तेजी लाने के लिए कहा है. पीठ ने कहा, ‘विशेष अनुमति याचिका संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत दायर की गयी थी और छह सितंबर 2021 के कलकत्ता हाईकोर्ट के एक अंतरिम आदेश से संबद्ध है. एकल न्यायाधीश ने चार हफ्ते के अंदर प्रतिवादियों को एक हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी थी. आज की तारीख तक पश्चिम बंगाल और जांच अधिकारी ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया है.’

पीठ ने कहा, ‘हाईकोर्ट का आदेश मौजूदा स्तर पर अंतरिम स्थगन के समर्थन में है, जो दिया गया है. चूंकि हाईकोर्ट के पास यह मामला विचाराधीन है और यह विशेष अनुमति याचिका एक अंतरिम आदेश से संबंधित है, ऐसे में हम संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का उपयोग करने को इच्छुक नहीं हैं.’ हालांकि, न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उसने मामले की विषय वस्तु पर कोई विचार नहीं व्यक्त किया है.

Also Read: बॉडीगार्ड मौत मामले में शुभेंदु अधिकारी को बड़ी राहत, कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया बड़ा कदम नहीं उठाने का निर्देश

सुनवाई की शुरुआत में राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बंद्योपाध्याय ने दलील दी कि कि इस न्यायालय की किसी भी शर्त के दायरे में राज्य पुलिस को इस सारे मामले की जांच की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकारी के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है.

हाईकोर्ट के आदेश पर वकील ने खड़े किये सवाल

श्री बंद्योपाध्याय ने दलील दी, ‘एक ऐसा आदेश जारी किया गया है कि भविष्य में कुछ नहीं किया किया जा सकता. मैंने अपने 41 साल की वकालत के पेशे में हाईकोर्ट का इस तरह का आदेश कभी नहीं देखा. कई लोग भाजपा में शामिल हुए और उनके खिलाफ मामले दर्ज नहीं किये गये. यदि संज्ञेय अपराध है, तो मामले दर्ज होने चाहिए.’

शुभेंदु अधिकारी के (दिवंगत) अंगरक्षक की पत्नी सुपर्णा कांजीलाल चक्रवर्ती की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि कथित आत्महत्या की जांच नहीं की गयी. उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ मामले में जांच होनी चाहिए और जांच में भारी खामियां हैं. यह राजनीतिक मामला नहीं है. मेरा किसी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है. वह जब सत्ता में थे, तब मैं शिकायत नहीं कर सकी. मैं एक बेसहारा महिला हूं, मेरे पति एक सुरक्षा अधिकारी थे. प्राथमिकी में प्रतिवादी का नाम नहीं है. मैं भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की लड़ाई के बीच क्यों पिसूं.

उल्लेखनीय है कि सीआईडी ने अधिकारी को हत्या के मामले में जांच के सिलसिले में अपने समक्ष उपस्थित होने को कहा था, लेकिन भाजपा विधायक कई मामलों में अपने खिलाफ लंबित मामलों से संबद्ध प्राथमिकियों को हाईकोर्ट में चुनौती दिये होने का हवाला देते हुए उपस्थित नहीं हुए. हत्या का मामला सुरक्षा अधिकारी की पत्नी ने 2021 में दर्ज कराया था.

Posted By: Mithilesh Jha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें