16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पीएमओ के साथ चुनाव आयोग की बैठक से सियासत गरमायी, खड़गे बोले- कैसे होंगे निष्पक्ष चुनाव

Advertisement

चुनाव आयोग के साथ पीएमओ की हुई एक बैठक ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है. विपक्ष ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को पंगु बनाने का आरोप लगाया है. जानें क्या है पूरा मामला...

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की चुनाव आयोग के साथ बैठक ने सियासी रंग ले लिया है. कांग्रेस ने चुनाव की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब प्रधानमंत्री कार्यालय में चुनाव आयुक्तों की बैठक होती है, तो चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठना लाजिमी है.

- Advertisement -

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विधि मंत्रालय के अधिकारी की एक चिट्ठी के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में यह बैठक हुई. यह सामान्य घटना नहीं है. विधि मंत्रालय की ओर से लिखी गयी चिट्ठी में कुछ असामान्य शब्दों का इस्तेमाल हुआ था. श्री खड़गे ने दावा किया कि चिट्ठी में लिखा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एक बैठक करने वाले हैं. इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त की उपस्थिति जरूरी है.

सूत्र बताते हैं कि विधि मंत्रालय की ओर से चिट्ठी में जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है, मुख्य चुनाव आयुक्त उससे नाराज हुए. बताया जा रहा है कि जिस तरह से चिट्ठी लिखी गयी, उसकी भाषा किसी को समन करने जैसी थी. खबर है कि इसके पहले भी ऐसी दो बैठकें हो चुकीं हैं. इन बैठकों में चुनाव आयुक्त नहीं, चुनाव आयोग के अधिकारी शामिल हुए थे.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि पीएमओ ऐसा नहीं कह सकता. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है. उसे स्वतंत्र रहना चाहिए. जब पीएमओ चुनाव आयोग को बैठक के लिए बुलाते हैं, तो हम कैसे उम्मीद करें कि चुनाव निष्पक्ष होंगे. श्री खड़गे ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं और उससे ठीक पहले चुनाव आयोग को पीएमओ में बुलाकर बैठक करना उनकी मंशा पर सवाल खड़े करता है.

अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट बताती है कि किस तरह से सरकार ने चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि पीएमओ ने चुनाव आयोग को बैठक के लिए बुलाया हो.

सरकार अत्याचारी, चुनाव आयोग लापरवाह- सीताराम येचुरी

सीताराम येचुरी ने भी इस रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर अपनी भड़ास निकाली. श्री येचुरी ने कहा कि मोदी रकार अत्याचारी है. उन्होंने सवाल किया कि स्वतंत्र संवैधानिक संस्था को पीएमओ कैसे बुला सकता है? उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर चुनाव आयोग इतना गैरजिम्मेदार कैसे हो सकता है कि पीएमओ उसे बैठक में बुलाये और वह शामिल होने के लिए चला जाये.

नरेंद्र मोदी सरकार पर पहले भी चुनाव आयोग को पंगु बनाने और उसे निर्देशित करने के आरोप लगते रहे हैं. ममता बनर्जी ने बंगाल चुनाव 2021 के दौरान कहा था कि केंद्र की बीजेपी सरकार जैसा कहती है, चुनाव आयोग वैसे ही काम करती है.

Posted By: Mithilesh Jha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें