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मॉब लिंचिंग पर लगाम लगाने के लिए हेमंत सरकार लेकर आएगी कानून, विधानसभा में पेश हो सकता है विधेयक

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झारखंड सरकार ने मॉब लिंचिंग पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है, जिसे वो इसी शीतकालीन सत्र में पास करा सकती है. बता दें कि इस संबंधित पूरा मसौदा तैयार कर लिया गया है. इसंमें दोषी के लिए उम्र कैद की सजा के अलावा 25 लाख तक का आर्थिक जुर्माना भी शामिल है.

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Jharkhand Assembly Winter Session 2021 रांची : राज्य सरकार ने मॉब लिंचिंग पर लगाम लगाने के लिए भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया है. इसके तहत मॉब लिंचिंग के दोषी को सश्रम आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकेगा. झारखंड विधानसभा के चालू शीतकालीन सत्र में इस पर कोई निर्णय हो सकता है. दो या दो से अधिक व्यक्तियों के समूह द्वारा धर्म, वंश, जाति, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, आहार, व्यवहार, लैंगिक, राजनैतिक संबद्धता, नस्ल अथवा किसी अन्य आधार पर किसी को लिंच करने के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप सिद्ध होने पर यह सजा मिल सकती है.

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राज्य सरकार नियुक्त करेगी नोडल अधिकारी :

इसके लिए राज्य सरकार एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी. डीजीपी लिंचिंग की रोकथाम की निगरानी और समन्वय के लिए अपने समकक्ष के अधिकारी को राज्य समन्वयक नियुक्त करेंगे. वहीं इसके नोडल अधिकारी कहलायेंगे. नोडल अधिकारी जिलों में स्थानीय खुफिया इकाइयों के साथ माह में एक बार नियमित रूप से बैठक करेंगे.

इसका उद्देश्य अतिरिक्त सतर्कता और भीड़ द्वारा हिंसा या लिंचिंग की प्रवृत्तियों के अस्तित्व की निगरानी करना है. नोडल अधिकारी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म या किसी अन्य माध्यमों से आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए भी कदम उठायेंगे. हर जिले में एसपी या एसएसपी समन्वयक होंगे. वह डीएसपी के माध्यम से हिंसा और लिंचिंग रोकने के उपाय पर काम करेंगे.

पीड़ित और गवाहों के क्या होंगे अधिकार

गवाह का नाम और पता गोपनीय रखा जायेगा. पीड़ित अगर चाहेंगे, तो उन्हें नि:शुल्क कानूनी सहायता दी जायेगी. गवाह का संरक्षण किया जायेगा. पीड़ित के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था भी की जायेगी.

सजा का क्या-क्या होगा प्रावधान

लिंचिंग का अपराध सिद्ध होने पर शुरुआत में एक साल का कारावास हो सकता है, जिसे तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. जुर्माना राशि भी एक लाख से तीन लाख तक हो सकती है. दोषी का कृत सामान्य से ज्यादा होने पर जुर्माना तीन से पांच लाख रुपये तथा एक से दस वर्ष तक की सजा हो सकती है. लिंचिंग के दौरान पीड़ित की मौत होने पर सश्रम आजीवन कारावास के साथ पांच लाख तक का जुर्माना होगा. जुर्माने की राशि 25 लाख तक बढ़ायी जा सकती है.

Posted By : Sameer Oraon

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