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यूपी-कर्नाटक के 30 परिसरों में इनकम टैक्स की छापेमारी, सपा नेताओं के यहां 244 करोड़ की गड़बडी की खुलासा

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आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में सिविल भवन-निर्माण एवं रियल एस्टेट के कारोबार में संलग्न तथा शैक्षणिक संस्थानों को चलाने वाले विभिन्न व्यक्तियों और उनकी व्यावसायिक संस्थाओं पर तलाशी व जब्ती अभियान चलाया.

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आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के विभिन्न स्थानों पर टैक्स चोरी को लेकर छापेमारी अभियान चलाया. तलाशी अभियान में लखनऊ, मैनपुरी, मऊ, कोलकाता, बेंगलुरु और एनसीआर सहित विभिन्न स्थानों में फैले 30 से अधिक परिसरों को कवर किया गया. तलाशी के दौरान हार्ड कॉपी दस्तावेजों और डिजिटल डेटा सहित कई सबूत मिले जोकि जब्त किए गए हैं.

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सपा नेताओं के यहां करोड़ों की गड़बडी की खुलासा

दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेताओं पर यूपी और कर्नाटक में आयकर छापों में 244 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. करोड़ों के अवैध लेन-देन में मुखौटा कंपनियों से करोड़ों के फर्जीवाड़े का भी खुलासा हुआ है

संस्थाओं ने दिखाया करोड़ों रुपए का फर्जी खर्च

जांच के दौरान पाया गया कि सिविल भवन-निर्माण के व्यवसाय में लगी कई संस्थाएं करोड़ों रुपए के फर्जी खर्च के दावे में शामिल थीं. जाली बिल बुक, स्टांप एवं नकली सप्लायरों की हस्ताक्षरित चेक बुक सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है. एक कंपनी के मामले में इसके निदेशकों की 86 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित आय का पता चला है. कंपनी से संबंधित व्यक्ति ने अपनी अघोषित आय के रूप में 68 करोड़ रुपये की राशि स्वीकार की है और उस पर कर का भुगतान करने की पेशकश की है.

3.5 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्तियों की पहचान

इसके अलावा एक अन्य संस्था की जांच में पाया गया कि उसने अपनी अघोषित आय और निवेश को रूट करने के लिए अन्य कंपनियों के माध्यम का इस्तेमाल किया है. जांच के दौरान 12 करोड़ रुपए के ऐसे अस्पष्ट निवेश की पहचान की गई है. एक अन्य व्यक्ति के केस में एक मुखौटा कंपनी में 11 करोड़ रुपये के रहस्यमय निवेश और 3.5 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों में निवेश की पहचान की गई है.

हवाला लेनदेन का डिजिटल डेटा जब्त

इन व्यक्तियों को आवास प्रविष्टियां प्रदान करने के संबंध में कोलकाता स्थित एक आवास प्रवेश प्रदाता को भी शामिल किया गया था. जांच में यह पाया गया कि इन जालसाज कंपनियों के माध्यम से एंट्री ऑपरेटर ने 408 करोड़ रुपए की फर्जी शेयर पूंजी और 154 करोड़ रुपए के फर्जी असुरक्षित ऋण की आवास प्रविष्टियां प्रदान करने के लिए विभिन्न मुखौटा कंपनियों का गठन किया था. तलाशी अभियान के दौरान हवाला लेनदेन का पर्याप्त मात्रा में डिजिटल डेटा भी मिला और जब्त किया गया. एंट्री ऑपरेटर ने 5 करोड़ रुपए की बेहिसाब कमीशन आय का भी खुलासा किया है.

ट्रस्ट फंड दान की आड़ फर्जी लेनदेन

इस पूरी कार्रवाई में शामिल बेंगलुरु स्थित ट्रस्ट और उससे संबंधित संस्थाओं के संबंध में पता चला है कि 80 लाख रुपए की पर्याप्त मात्रा में ट्रस्ट फंड दान की आड़ में गैर-भरोसेमंद उद्देश्यों के लिए केरल स्थित कुछ संस्थाओं को हस्तांतरित किया गया है, जिसमें मरकज़ु सकफाथी सुन्निया ट्रस्ट और मरकज़ नॉलेज सिटी ट्रस्ट शामिल हैं, जो खाड़ी देशों से जुड़े हुए हैं.

मामले में जारी हैं जांच

पिछले तीन वर्षों में न्यासियों के व्यक्तिगत लाभ के लिए लगभग 10 करोड़ रुपए के कैपिटेशन शुल्क के संग्रह के संबंध में और ट्रस्ट के खाते से किए गए 4.8 करोड़ रुपए से अधिक के खर्च के संबंध में साक्ष्य भी प्राप्त किए गए हैं. तलाशी अभियान में कुल 1.12 करोड़ रुपए की बेहिसाबी नकदी बरामद हुई है. मामले में आगे की जांच जारी है.

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