28.1 C
Ranchi
Tuesday, February 4, 2025 | 02:22 pm
28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सेमीकंडक्टर उत्पादन में बड़ी पहल

Advertisement

चिप उत्पादन करनेवाली कंपनियों को साफ लगने लगा है कि भारत एक अहम बाजार है और विकास के साथ इस बाजार का आकार भी बढ़ता जायेगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भारत सरकार चिप मैनुफैक्चरिंग उद्योग के लिए पूरी व्यवस्था विकसित करने की दिशा में काम कर रही है तथा इंसेंटिव स्कीम के तहत एक जनवरी, 2022 से संयंत्र स्थापित करने के लिए आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे. यह जानकारी देते हुए केंद्रीय तकनीक मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उम्मीद जतायी है कि आगामी दो-तीन सालों में उत्पादन भी शुरू हो जायेगा. सेमीकंडक्टर यानी चिप लगभग सभी उद्योगों के लिए आधारभूत तत्व है.

- Advertisement -

आप वाहन, रेल, जहाज आदि देखें, सूचना तकनीक के तमाम उपकरण लें, मेडिकल उपकरण जितने हैं, हर जगह इसका इस्तेमाल किया जाता है. आज दुनियाभर में सेमीकंडक्टर की आपूर्ति बड़ा मसला बन चुकी है. इसके निर्माण उद्योग में ताइवान, चीन, यूरोप और अमेरिका की लगभग एक दर्जन बड़ी कंपनियों का वर्चस्व है. इनके अधिकतर संयंत्र भी ताइवान और चीन जैसे देशों में स्थापित हैं, जिन्हें फैब्रिकेशन यूनिट भी कहा जाता है.

इन इकाइयों की स्थापना के लिए अत्याधुनिक और जटिल मशीनों की आवश्यकता होती है, गुणवत्ता का निरंतर ध्यान रखना पड़ता है तथा बहुत ही स्वच्छ परिस्थितियों में सेमीकंडक्टरों का उत्पादन होता है क्योंकि चिप में किसी प्रकार का धूल कण उसे बेकार कर सकता है. ऐसे में स्वाभाविक है कि इन संयंत्रों की स्थापना के लिए बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है. साथ ही, इसके लिए जरूरी विशेषज्ञता भी कम लोगों के पास है.

भारत सरकार ने उच्च कोटि के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ा इंसेंटिव देने की बड़ी योजना (पीएलआइ स्कीम) बनायी है, जिसमें सेमीकंडक्टर निर्माण भी शामिल है. इसके लिए 76 हजार करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है. हम जानते हैं कि अनेक कारणों से चीन से सेमीकंडक्टरों की आपूर्ति में अवरोध आया है. साथ ही, चीन के साथ भू-राजनीतिक समस्याएं भी जुड़ी हुई हैं.

चीन और ताइवान के बीच पिछले कुछ समय से तनाव बहुत बढ़ गया है. ताइवान की जो कंपनियां चीन में चिप निर्माण कर रही हैं, उनके मन में कुछ वर्षों से आशंकाएं हैं कि गंभीर तनाव की स्थिति में उनके संयंत्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है. वे वैकल्पिक देशों की तलाश भी कर रहे हैं. ये सभी कारक एक साथ सक्रिय हैं, इसीलिए भारत की इस महत्वाकांक्षी पहल को गति मिल रही है.

हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बीते दस सालों में सूचना तकनीक, अस्पतालों के उपकरण, वाहन उद्योग तथा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए सेमीकंडक्टरों की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है. इस वजह से हमारा घरेलू बाजार ही काफी बड़ा हो चुका है और बढ़ोतरी लगातार जारी भी रहेगी.

भारत के बड़े बाजार के रूप में उभरने से सेमीकंडक्टर उत्पादन करनेवाली कंपनियां हमारी ओर आकर्षित हो रही हैं. उन्हें यह साफ लगने लगा है कि भारत उनका अहम बाजार है और विकास के साथ इस बाजार का आकार भी बढ़ता जायेगा. यह एक आधारभूत कारक है. भारत के प्रति आकर्षण की दूसरी वजह है चीन को लेकर समकालीन अनिश्चितता.

मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल में कंपनियां यह सोचने पर विवश हुई हैं कि अगर बहुत सारे उत्पादन संयंत्र चीन में होंगे, तो आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा और कारोबार भी कमजोर होगा. इसके लिए वे ऐसे देश की ओर देख रही हैं, जहां फैक्टरियां लगाकर वे संकट की स्थिति का सामना कर सकें. तीसरा महत्वपूर्ण कारक भारत सरकार की नीतियां और योजनाएं हैं. पीएलआइ स्कीम तथा अन्य योजनाओं से सेमीकंडक्टर उत्पादकों को आकर्षित करने का प्रभावी प्रयास किया जा रहा है.

इन कारकों का सम्मिलित असर अभी हम देख रहे हैं, जब चीन की कुछ कंपनियों को छोड़कर ताइवानी और अन्य कंपनियां भारत को एक संभावित निवेश गंतव्य के रूप में गंभीरता से देख रही हैं. केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने भी कहा है कि कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ रही है.

सेमीकंडक्टरों का उत्पादन होना महत्वपूर्ण तो है ही, साथ में इसकी वजह से विभिन्न उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा. ‘मेक इन इंडिया’ के भारत सरकार के महत्वपूर्ण संकल्प को इससे बड़ा आधार मिलेगा. जैसा कि पहले रेखांकित किया गया है, किसी भी उपकरण को बनाने में जो वस्तुएं इनपुट के रूप में लगती हैं, उनमें सेमीकंडक्टर बहुत अहम हैं. किसी भी डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक सामान की कल्पना इनके बिना नहीं की जा सकती है.

लेकिन हमें केवल इन्हीं चीजों की ओर नहीं देखना चाहिए. आज रोजमर्रा इस्तेमाल होनेवाली तमाम चीजें डिजिटल होती जा रही हैं. स्कूटर-मोटरसाइकिल, कार, बस देख लें, अस्पताल में जांच के साजो-सामान हों या गहन चिकित्सा कक्ष में बीमार की निगरानी में लगे उपकरण हों, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर हों, स्मार्ट डिवाइस हों, सभी में सेमीकंडक्टर जरूरी हैं.

ये वस्तुएं ऐसी हैं, जो कुछ साल के उपयोग के बाद बदल दी जाती हैं. आज स्मार्ट फोन और अन्य डिजिटल उपकरण तो लोग बहुत जल्दी बदल लेते हैं. सड़क और भवन निर्माण में या फैक्टरी में प्रयुक्त होनेवाली बड़ी मशीनों में भी चिप लगे होते हैं. यह सूची अंतहीन है. इन सभी वस्तुओं की मांग बढ़ती जा रही है.

इस प्रकार, सेमीकंडक्टर के घरेलू उत्पादन से सभी उद्योगों को बड़ा लाभ होगा. रोजगार के साथ नवोन्मेष, शोध और प्रशिक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा. अगले कुछ सालों में सेमीकंडक्टर के वैश्विक बाजार कम से कम दस फीसदी हिस्सा भारत के पास होगा. चिप उत्पादन कंपनियों को बड़ा बाजार तो हासिल होगा ही, वे अन्य देशों, विशेषकर दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका के देशों, को निर्यात भी कर सकेंगी.

चीन में उत्पादन कर रहीं कंपनियां पांच साल पहले तक यह सोचती थीं कि जब उन्होंने वहां संयंत्र स्थापित किया है, तो उसे वहीं विस्तार किया जाये. लेकिन अब उन्हें यह एहसास हो गया है कि अपने सभी अंडे एक ही बास्केट में रखना समझदारी नहीं है. भू-राजनीतिक आयामों के अलावा चीन सरकार के साथ यह समस्या भी है कि वह अपनी कंपनियों को आगे बढ़ाने के लिए सेमीकंडक्टरों की आपूर्ति को बाधित करती है. ताइवान-चीन तनाव के वातावरण में भारत और ताइवान के बीच में सहयोग समझौता भी अहम है. भारत सरकार ने सही समय पर देश में उच्च स्तरीय उत्पादन को बढ़ाने की नीति से कंपनियों को आने के लिए प्रोत्साहित किया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें