17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

UP Chunav 2022: बरेली की फरीदपुर विधानसभा से बदली थी BJP की तस्वीर, जब सबसे पहले मतदाताओं ने जताया था भरोसा

Advertisement

आज बीजेपी राज्य और केंद्र में भारी बहूमत से जीत के बाद सत्ता में काबिज है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि बीजेपी पर सबसे पहले बरेली की फरीदपुर विधानसभा के मतदाताओं ने भरोसा जताया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

UP Chunav 2022: केंद्र और प्रदेश की सत्ता पर काबिज बीजेपी देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है, लेकिन बीजेपी पर सबसे पहले फरीदपुर के मतदाताओं ने भरोसा जताया था. यहां से नंदराम को विधायक बनाकर भाजपा को तोहफा दिया था. पहली बार चुनाव में यूपी की 425 सीट में से सिर्फ 11 सीट भाजपा ने जीती थीं.

- Advertisement -

जब भाजपा के मात्र 11 विधायक जीते

दरअसल, भाजपा का गठन 6 अप्रैल 1980 को हुआ था. इसके कुछ महीने बाद ही आठवीं विधानसभा के लिए 1980 में चुनाव हुआ था. इसमें यूपी विधानसभा के साथ ही लोकसभा की सीटों पर चुनाव हुआ था.1980 में भाजपा ने भी प्रत्याशी उतारे. उस दौरान यूपी में 425 विधानसभा सीट थी. कांग्रेस ने 425 में से 309 सीट पर जीत दर्ज की थी. बाकी पर निर्दलीय और भाजपा के मात्र 11 विधायकों को जीत मिली.

भाजपा की जीत का सिलसिला

इसमें बरेली की फरीदपुर सीट से नंदराम ने कांग्रेस के नत्थू लाल विकल को हराया. नंदराम को 18206 और नत्थू राम विकल को 14215 मत मिले थे, जबकि इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा था. इसके अलावा अफजलगढ़ विधानसभा से तम्मान सिंह, रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा से बलवीर सिंह, सिधौली विधानसभा से रामलाल, सीतापुर विधानसभा से राजेंद्र कुमार गुप्ता, अहिररोई से परमाई लाल, नानपारा से जटाशंकर सिंह, बहराइच से धर्मपाल सिंह, सलेमपुर से दुर्गा प्रसाद मिश्रा, कमालगंज से बलवीर सिंह और झांसी सीट से राजेंद्र अग्निहोत्री ने जीत दर्ज की थी. दरअसल, यहीं से भाजपा की जीत का सिलसिला शुरू हुआ था.

Also Read: UP Chunav 2022: UP चुनाव की तैयारी में जुटा इलेक्शन कमीशन, कभी भी हो सकता है तारीखों का ऐलान
9वीं विधानसभा में जीती 16 सीट, बरेली की चार पर कब्जा

भाजपा ने 1985 में 9वीं विधानसभा गठन के चुनाव में 16 सीट पर जीत दर्ज की. इसमें बरेली मंडल से चार सीट पर जीत का परचम फहराया था. बरेली शहर सीट से डॉ. दिनेश जौहरी, आंवला सीट से श्याम बिहारी सिंह, बदायूं की दातागंज से अविनाश कुमार सिंह, पीलीभीत की बरखेड़ा से किशन लाल ने जीत दर्ज की, जबकि सीतापुर से राजेंद्र गुप्ता, फ़ख्रपुर से मयंकर सिंह, नौगढ़ से धनराज यादव, बांसी से हरीश चंद्र, बिधूना से ओसान सिंह, फर्रुखाबाद से ब्रह्मदत्त द्विवेदी, महरौनी से देवेंद्र कुमार सिंह, गरौठा से कुंवर मानवेंद्र सिंह, आगरा पूर्व सीट से सत्यप्रकाश विकल, अतरौली से पूर्व सीएम कल्याण सिंह और कोल विधानसभा से किशनलाल दिलेर ने जीत दर्ज की थी.

Also Read: UP Chunav 2022: किसानों के वोट बैंक पर सपा की नजर, बनायी यह खास रणनीति
2017 में बदल गई बीजेपी की तस्वीर

यूपी की सत्तरहवीं विधानसभा के लिए आम चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक सात चरणों में आयोजित हुए. इन चुनावों में मतदान प्रतिशत लगभग 61% रहा. बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया, जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी गठबन्धन को 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था, अब आगामी विधानसभा में किस पार्टी को कितने सीट मिलती है, ये देखने वाली बात होगी

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें