21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

किस्सा नेताजी का: यूपी के पहले सीएम ने बरेली से शुरू किया था सियासी सफर, बाद में देश के गृह मंत्री भी बने

Advertisement

स्वतंत्रता सेनानी से राजनेता बने गोविंद बल्लभ पंत ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद 1957 में गृह मंत्री की शपथ ली. उन्होंने भारत को भाषा के अनुसार विभक्त करने का कार्य किया. इसके साथ ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के पहले और देश के चौथे मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बरेली से की थी. उनका बरेली से लगाव कम था, लेकिन कांग्रेस ने देश के पहले विधानसभा चुनाव-1951 में बरेली शहर सीट से चुनाव लड़ने भेज दिया. वह शहर सीट से चुनाव लड़े और विजयी हुए. इसके बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गोविंद बल्लभ पंत को यूपी का पहला मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी. इस तरह वह यूपी के पहले और देश के चौथे मुख्यमंत्री बन गए.

- Advertisement -

इसके बाद शहर सीट से कांग्रेस के जगदीश सरन अग्रवाल ने वर्ष 1957, 62 और 67 में जीत दर्ज की. मगर, 1974 में बीकेडी के राम सिंह ने जगदीश सरन को हरा दिया. हालांकि, यह सीट 1985 से भाजपा के पास है.

Also Read: Atal Bihari Vajpayee: जब उदास होकर अटल जी बोले- बरेली ने दागदार कर दिया मेरा दामन, बेहद दिलचस्प है वजह

स्वतंत्रता सेनानी से राजनेता बने गोविंद बल्लभ पंत ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद 1957 में गृह मंत्री की शपथ ली. उन्होंने भारत को भाषा के अनुसार विभक्त करने का कार्य किया. इसके साथ ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया.

Also Read: Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary:
बरेली को अटल बिहारी वाजपेयी ने दी ऐसी सौगात, हर दिन करते हैं लोग याद

गांधी जी के थे सहयोगी गोविंद बल्लभ पंत

गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते थे. वर्ष 1921 में उन्होंने असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया. इसके बाद 9 अगस्त 1925 को काकोरी कांड में क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाना लूट लिया, जिस पर उन्हें जेल में डाल दिया गया. उनका मुकदमा भी पंडित मदन मोहन मालवीय के साथ गोविंद बल्लभ पंत ने लड़ा था. मदन मोहन मालवीय के साथ वायसराय को पत्र लिखने में भी उनका खास समर्थन था.

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्म, इलाहाबाद में परवरिश

यूपी के पहले सीएम गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 1 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. पिता की बचपन में मृत्यु हो गई. वह नाना बद्रीदत्त जोशी के साथ इलाहाबाद चले गए. यहीं पर पढ़ाई की. वह कांग्रेस के स्वयंसेवक का कार्य करते थे. उन्होंने 1907 में बीए और 1909 में कानून की डिग्री हासिल की.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद, बरेली

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें