26.4 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 03:42 pm
26.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार के एकमात्र प्रयोगशाला में नहीं हो पाती इंजेक्शन की जांच,गुवाहाटी और कोलकाता के लैब पर निर्भर बिहार

Advertisement

औषधि विभाग के सहायक निरीक्षक विश्वजीतदास गुप्ता ने कहा कि नकली दवा माफियाओं के खिलाफ लगातार मुहिम चलायी जा रही है. कई दुकानों पर कार्रवाई भी हुई है. जहां तक इंजेक्शन आदि दवाओं की जांच रिपोर्ट की बात है, तो इसकी सुविधा फिलहाल में हमारे लैब में नहीं है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

आनंद तिवारी, पटना. पटना सहित पूरे बिहार में मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन असली हैं या नकली, इसकी जानकारी औषधि विभाग को भी नहीं मिल पा रही है. अगर औषधि विभाग की टीम दुकानों पर छापेमारी कर इंजेक्शन या किसी अन्य दवाई के नमूनों का सैंपल लेती है, तो उस सैंपल की जांच रिपोर्ट आने में वर्षों लग जाते हैं. वहीं, पटना के अगमकुआं स्थित राज्य की इकलौती औषधि जांच प्रयोगशाला में इंजेक्शन व कफ सिरप की गुणवत्ता की जांच की सुविधा नहीं है.

- Advertisement -

स्थिति ऐसी है कि पिछले दो साल में औषधि विभाग ने छापेमारी कर 185 तरह के इंजेक्शन को जब्त किया, लेकिन उनकी जांच रिपोर्ट आज तक नहीं आ पायी. यहां तक कि दुकानदारों ने सैंपल लिये गये इंजेक्शन के बैच के इंजेक्शन भी बेच दिये. ऐसे में बाजार में मिल रही दवाओं और इंजेक्शन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होते हैं.

गुवाहाटी व कोलकाता के लैब पर निर्भर हैं ड्रग विभाग

राज्य की इकलौती औषधि प्रयोगशाला में इंजेक्शन जांच के लिए एचपीएलसी और लैमिनर फ्लो मशीन जर्जर हो चुकी हैं. ऐसे में पकड़े गये इंजेक्शन के सैंपल को जांच के लिए गुवाहाटी के रिजनल ड्रग टेस्टिंग लैब और कोलकाता स्थित सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी में भेजा जाता है. जानकारों की मानें, तो 2019 से अब तक 650 से ज्यादा दवाएं, लिक्विड कफ सिरफ व इंजेक्शन के नमूने जांच के लिए भेजे गये हैं.

इनमें करीब 185 तरह के इंजेक्शन भी हैं. लेकिन, जांच रिपोर्ट नहीं मिली. इनमें सबसे अधिक गोविंद मित्रा रोड की दवा दुकानें शामिल हैं. इसके बावजूद अब तक जांच रिपोर्ट पेडिंग है. सूत्रों की मानें, तो गुवाहाटी व कोलकाता से रिपोर्ट आने के बाद पटना प्रयोगशाला में तीन साल बाद रिपोर्ट मिलती है. वह भी उस वक्त जब दवा एक्सपायर होने वाली होती है. ऐसे में रिपोर्ट आने तक इंजेक्शन बिकते रहते हैं.

छापेमारी में पकड़े जा चुके हैं ये इंजेक्शन

पटना जिले में हर महीने 100 से अधिक दवा दुकानों पर छापेमारी की जाती है. दो साल में अब तक करीब पांच करोड़ से अधिक की दवाएं पकड़ी गयी थीं. इनमें हेपामर्ज (लिवर का इंजेक्शन), डायलोना (दर्द निवारक इंजेक्शन), एंटीबायोटिक, इंफ्यूजन, आरएल, डीएनएस 5, डीएनएस 10 इंजेक्शन भारी मात्रा में पकड़े गये थे. इन्हें जांच के लिए गुवाहाटी व कोलकाता स्थित सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा गया है.

औषधि विभाग के सहायक निरीक्षक विश्वजीतदास गुप्ता ने कहा कि नकली दवा माफियाओं के खिलाफ लगातार मुहिम चलायी जा रही है. कई दुकानों पर कार्रवाई भी हुई है. जहां तक इंजेक्शन आदि दवाओं की जांच रिपोर्ट की बात है, तो इसकी सुविधा फिलहाल में हमारे लैब में नहीं है. सैंपल गुवाहाटी व कोलकाता भेजना पड़ता है. वहीं लैब की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित दुकान के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें