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राइमा सेन का खुलासा, कहा – ऑडिशन देने से डरती थी, इसलिए माई के लिए चार घंटे तक दिया था टेस्ट

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नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज माई आज दस्तक दे रही है. अभिनेत्री राइमा सेन इस सीरीज में नीलम की भूमिका में नजर आएंगी. अपने किरेदार पर उन्होंने खुलकर बात की है.

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नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज माई आज दस्तक दे रही है. अभिनेत्री राइमा सेन इस सीरीज में नीलम की भूमिका में नजर आएंगी. राइमा ओटीटी प्लेटफार्म को सभी क्रिएटिव लोगों के लिए खास करार देती हैं, क्योंकि यह सभी को लीग से हटकर काम करने का मौका दे रहा है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश

माई आपको क्या अलग करने का मौका दे रही थी, जो आप इस प्रोजेक्ट से जुड़ी

मैंने अब तो जो भी कुछ किया है.उससे यह वेब सीरीज मुझे कुछ अलग करने का मौका दे रही है. मेरे किरदार का नाम नीलम है, जो क्राइम वर्ल्ड में काम करती है. उसका सिर्फ एक ही दोस्त है केशव. इसके सामने ही वह इमोशनल होती है. वरना वह किसी के सामने इमोशनल नहीं होती है. क्राइम वर्ल्ड से है तो वह आदमियों से डील करती है. उसके पास बहुत पावर है. यह बहुत ही स्ट्रांग और आत्मविश्वास से भरा किरदार है लेकिन उसका एक पास्ट भी है. मैंने पहले इस तरह का किरदार कभी नहीं किया था.

आपका किरदार कुल मिलाकर बॉस लेडी का है निजी जिंदगी में आप इससे कितना जुड़ाव महसूस करती हैं

मैं नीलम से बहुत कुछ रिलेट कर सकती हूं. मैं कोलकाता में रहती हूं. जब मैं अपने दोस्तों के साथ होती हूं तो मैं ही सारे फैसले लेती हूं. जिस तरह से नीलम को पता है कि सबको कैसे हैंडल करना है. मुझे भी पता है. मैं भी अपने इमोशन आसानी से किसी को नहीं दिखाती हूं. मैं भी नीलम की तरह बहुत हद तक स्ट्रांग भी हूं.

आपने ओटीटी प्लेटफार्म के लिए ऑडिशन पहली बार दिया है,आपका एक्टिंग में लंबा अनुभव है ऑडिशन प्रोसेस पर आपकी क्या सोच है?

पहले मैं ऑडिशन्स देने से डरती थी. अमेज़ॉन की सीरीज लास्ट ऑवर के लिए मैंने पहली बार ऑडिशन दिया था. माई में बहुत मुश्किल ऑडिशन था. मुझे माई के लिए चार घंटे ऑडिशन देना पड़ा था. वो भी दो बार एक बार निर्देशकअब तो मेरा डर ही निकल गया है. मुझे मज़ा आता है ऑडिशन देने में. माई के ऑडिशन के दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा है.

सीरीज में आपके साथ साक्षी तंवर भी हैं क्या कभी प्रतिस्पर्धा की भावना भी आयी

बिल्कुल भी नहीं वह बहुत ही कमाल की कलाकार होने के साथ-साथ जमीन से जुड़ी हुई इंसान हैं. जब आपके अपोजिट बेहतरीन को एक्टर हो तो आपका परफॉर्मेंस भी निखरता है.आपको अच्छे क्यूज मिलते हैं.

आप दो दशकों से अभिनय में सक्रिय हैं ओटीटी के लिए कितना अप्रोच चेंज होता है

ओटीटी बहुत चुनौतीपूर्ण है.यहां आपको दिन में 12 से 14 सीन का टारगेट रखना पड़ता है जबकि फिल्मों में आपको एक दिन में चार से पांच सीन ही करते हैं. ओटीटी मैं जब आप पहले ही दिन से इतने सीन्स करने लगते हो तो आप किरदार को और करीब से जानने लगते हैं.जो बहुत अच्छी बात है.

इस वेब सीरीज का शीर्षक माई है आपकी मां के साथ अपने रिश्ते को किस तरह से परिभाषित करेंगी

बचपन में मैं अपनी मां से बहुत डरती थी लेकिन समय के साथ हमारी अच्छी दोस्ती हो गयी है. वैसे मेरी मां मेरी सबसे बड़ी क्रिटिक्स भी है.

जब हमारे माता पिता उम्रदराज होते हैं तो क्या उस वक़्त हमारी जिम्मेदारियां बढ़ जाती है, आपको इसका एहसास होता है?

हां होता है, मैं कोलकाता में ही रहती हूं तो मेरी कोशिश होती है कि मुझे जैसे काम से ब्रेक मिले .मैं अपने परिवार के साथ समय बिताऊं. लॉकडाउन के बाद से ही मैंने यह तय कर लिया था और उसको अभी भी फॉलो कर रही हूं.

आपने हिंदी फिल्म गॉडमदर से अपनी शुरुआत की थी, लेकिन आप बहुत कम हिंदी फिल्मों में नज़र आयी थी. ओटीटी आने के बाद आप एक बार फिर से हिंदी में सक्रिय हैं

हिंदी फिल्मों में मैंने कई बेहतरीन निर्माता निर्देशक के साथ काम किया है .उस ववत बांग्ला फिल्मों से ज़्यादा अच्छे ऑफर्स मिलने लगे थे जिस वजह से मैं बंगाली फिल्मों में काम करने लगी थी.ओटीटी के आने के बाद चीज़ें बदली हैं. काफी अलग और चैलेंजिंग किरदार आफर हो रहे हैं तो मैंने एक बार फिर से हिंदी प्रोजेक्ट्स को चुनना शुरू कर दिया.

क्या हिंदी फिल्मों को मिस करती हैं खासकर बड़े परदे पर जो रिलीज होती है?

मेरे लिए किरदार,स्क्रिप्ट सबसे अहम है. अच्छा प्रोजेक्ट अच्छा होता है फिर चाहे वह फ़िल्म के लिए हो या ओटीटी के लिए.

अपने अभिनय को निखारने के लिए आप क्या करती हैं?

मुझे लगता है कि आप करते हुए बहुत कुछ सीखते रहते हैं. मैं बांग्ला में बहुत सारे प्रोजेक्ट्स करती रहती हूं. जो मुझे बेहतर बनाता है क्योंकि उससे पहले वर्कशॉप्स होती है. शूटिंग करने से पहले रिहर्सल होती है. इसके अलावा मैं किताबें भी खूब पढ़ती हूं.

आपकी आनेवाली फिल्में

एक तमिल फिल्म कर रही हूं. एक हिंदी फिल्म विनय पाठक के साथ और एक बांग्ला वेब सीरीज है.

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