26.1 C
Ranchi
Monday, February 3, 2025 | 07:32 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

नेहरू, माउंटबेटन के निजी पत्रों के कुछ हिस्से को क्यों गोपनीय रखना चाहता है ब्रिटिश न्यायाधिकरण

Advertisement

अपनी पुस्तक ‘द माउंटबेटन : द लाइव्स एंड लव्स ऑफ डिकी एंड एडविना माउंटबेटन’ के लिए दस्तावेज जारी करने को लेकर चार वर्ष लंबी लड़ाई लड़ने वाले इतिहासकार एंड्रयू लॉनी ने कहा, माउंटबेटन संग्रह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

लंदन: ब्रिटेन के एक न्यायाधिकरण के फैसले के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन एवं उनकी पत्नी एडविना द्वारा लिखी गयी निजी डायरी तथा पत्र के कुछ खास अंश गोपनीय बने रहेंगे.

- Advertisement -

न्यायाधिकरण के समक्ष दायर अपील का केंद्र बिंदु

न्यायाधिकरण के समक्ष दायर अपील का केंद्र बिंदु यह था कि क्या इन निजी डायरी और पत्रों को पूर्ण रूप से सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराया जा सकता है या नहीं? ब्रिटेन की ‘फर्स्ट-टियर ट्रिब्यूनल’ (सूचना अधिकार) की न्यायाधीश सोफी बकले को इन निजी डायरी के कुछ गोपनीय हिस्से और 1930 के दशक के दौरान के पत्रों के बारे में फैसला करना था.

विशिष्ट पत्राचार उपलब्ध नहीं

न्यायाधीश सोफी ने हाल में निष्कर्ष निकाला था कि साउथहैंप्टन विश्वविद्यालय के व्यापक संग्रह में ‘स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को भेजे गये लेडी माउंटबेटन के पत्र (33 फाइल्स, 1948-60), साथ ही उनके (नेहरू) द्वारा उन्हें (लेडी माउंटबेटन) भेजे गये पत्रों की प्रति’ शीर्षक संबंधी कोई पत्राचार ‘उपलब्ध’ नहीं है.

Also Read: नेहरू-एडविना की नज़दीकी से जलने वाली महिला कौन थीं?

चार वर्ष तक एंड्रयू लॉनी ने लड़ी लड़ाई

अपनी पुस्तक ‘द माउंटबेटन : द लाइव्स एंड लव्स ऑफ डिकी एंड एडविना माउंटबेटन’ के लिए दस्तावेज जारी करने को लेकर चार वर्ष लंबी लड़ाई लड़ने वाले इतिहासकार एंड्रयू लॉनी ने कहा, ‘माउंटबेटन संग्रह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है. हालांकि, सरकार के स्तर पर महत्वपूर्ण मुद्दे भी थे, जो सरकार की शक्ति के दुरुपयोग और हमारे इतिहास को छुपाने से कम नहीं है.’

अधिक जानकारी सामने आने की संभावना नहीं

इस मामले में अपनी बचत का 2,50,000 पाउंड खर्च करने वाले एंड्रयू ने कहा कि अब इन डायरी और पत्रों के 30,000 से अधिक पन्ने जारी किये जा चुके हैं. इससे अधिक के सामने आने की संभावना नहीं है, क्योंकि लगभग इतनी जानकारी अन्य पुस्तकों और डायरी में उपलब्ध है.

अन्य राष्ट्रों से ब्रिटेन के संबंध होंगे प्रभावित

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के मंत्रिमंडल ने कहा था कि इन दस्तावेजों से जुड़ी अधिकांश जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है और भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में ‘रोकी गयी जानकारी अन्य राष्ट्रों के साथ ब्रिटेन के संबंधों को प्रभावित करेंगे.’

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें