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भारत को यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत नहीं, ओवैसी ने पूछा सवाल- आज शराब बंद क्यों नहीं कराती बीजेपी

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ओवैसी ने कहा कि यूनिफॉर्म और कॉमन कोड में जमीन आसमान का फर्क है. दायभाग स्कूल ऑफ थॉट्स रहेगा या मिताक्षरा स्कूल ऑफ थॉट्स रहेगा, आप बताओ हमारे को?

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नई दिल्ली : समान नागरिक संहिता के मामले पर एक नया बयान देकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत की सियासत में एक नया बवाल खड़ा कर दिया है. मीडिया को दिए एक बयान में ओवैसी ने कहा है, ‘यूनिफार्म सिविल कोड की इस देश को जरूरत नहीं है. उन्होंने बीजेपी से सवाल पूछा है कि आज सरकार देश में शराब बंद क्यों नहीं कराती. इक्वलिटी कहां है. देश की 90 परसेंट दौलत 10-15 पूंजीपतियों के पास है. कहां है इक्वल डिस्ट्रीब्यूशन और रिसोर्सेज?’

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड की इस देश को जरूरत नहीं है. हमको आप ये बताइए कि यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड की आज देशें को क्यों जरूरत है? उन्होंने कहा कि आज बीजेपी-अमित शाह साहब… ये सब बोल रहे हैं… आपको मालूम, गोवा में जो सिविल कोड है, कैसा सिविल कोड है. अगर गोवा में हमारा कोई हिंदू भाई शादी करता है और उसकी वाइफ की उमर 25 और 30 साल की हो जाती है. उसका बेटा नहीं हुआ तो हिंदू भाई सेकंड मैरिज कर सकता है. अब इस पर क्या बोलेंगे बीजेपी वाले. सरकार आपकी है वहां पर.

शराब पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाते

ओवैसी ने कहा कि कॉन्स्टीट्यूशन में पार्ट फोर है डाइरेक्टिव प्रिंसिपल. उसमें आर्टिकल 47 पढ़ लो आप. प्रोहिबिशन लगाओ अल्कोहल के ऊपर. क्यों नहीं लगाते भई आप? उन्होंने कहा कि शराब के ऊपर आप पाबंदी क्यों नहीं आयद करते. शराब पर पाबंदी क्यों नहीं लगाते. बंद करो शराब. बीजेपी सरकार में है. महात्मा गांधी ने भी कहा था. जैसा आपने गुजरात में किया, वैसा ही थोड़ा-बहुत कुछ करके लगाओ न. लगाओ आप, आप सरकार में हैं. बीजेपी सरकार में है. शराब आप बंद नहीं करना चाहते. क्यों नहीं करना चाहते, क्योंकि शाम में साढ़े छह बजते ही होना है आपको, ठंडा होना है आपको. नहीं तो आप ढीले पड़ जाते हैं.

सारी बुराइयों की जड़ है शराब

उन्होंने कहा कि लगाओ न पाबंदी. मैं तो उसे गंदी चीज बोलता हूं. सारी बुराइयों की जड़ शराब है, जिसकी वजह से भारत में हर साल दो या तीन लाख मरते हैं लोग एक्सीडेंट की वजह से. महिलाओं पर वाइलेंस होता है, बच्चों पर वाइलेंस होता है. शराब क्यों नहीं बंद करना चाह रही बीजेपी. बंद करो न. आप अपने स्टेट में बंद कर दो, लेकिन आप वहां बंद नहीं करोगे.

देश की 90 परसेंट दौलत 10-15 पूंजीपति के पास

ओवैसी ने कहा कि डाइरेक्टिव प्रिंसिपल में लिखा हुआ है, शायद आर्टिकल 38 में कि सबको इनकम बराबर होनी चाहिए. कहां है इनकम, किधर है बराबर इनकम. देश की 90 परसेंट दौलत, देश के 10-15 पूंजीपति के पास है. पीसीयू से डाइरेक्ट रिक्वेस्ट में लिखा हुआ है कि इक्वल डिस्ट्रीब्यूशन और रिसोर्सेज होना चाहिए. कहां है ये, क्या हो रहा है.

यूनिफॉर्म और कॉमन कोड जमीन-आसमान का फर्क

ओवैसी ने कहा कि यूनिफॉर्म और कॉमन कोड में जमीन आसमान का फर्क है. दायभाग स्कूल ऑफ थॉट्स रहेगा या मिताक्षरा स्कूल ऑफ थॉट्स रहेगा, आप बताओ हमारे को? और टैक्स रिबेट हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली, मुसलमानों को, सिख को, क्रिश्चिएन को क्यों नहीं मिलता? ये राइट टू इक्वलिटी का वाइलेशन नहीं है? और हमने मेघालय, मिजोरम, नगालैंड में हमने कॉन्स्टीट्यूशन में उनके कल्चर को प्रोटेक्शन करने का वादा किया है. आप उसे निकाल देंगे? और मेरा जो कल्चर है मुस्लिम का, आर्टिकल 26 का प्रोटेक्शन है उसको.

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यूनिफॉर्म सिविल कोड की फिकर क्यों?

उन्होंने आरोप लगाया कि इकोनॉमी बैठ गई. कोयला निकालने के लिए आपको पैसेंजर ट्रेन को कैंसल करना पड़ रहा. अनएम्प्लॉयमेंट बढ़ रहा, महंगाई बढ़ रही, पर आपको फिकर है यूनिफॉर्म सिविल कोड की. हम इसके खिलाफ हैं और लॉ कमीशन ने खुद इसे कह दिया कि भारत में इसकी जरूरत नहीं है.

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