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Blockchain प्रणाली से बीज वितरण करने में झारखंड बना देश का पहला राज्य, इस मॉडल को जानें

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बीज वितरण के मामले में झारखंड Blockchain प्रणाली अपना कर देश का पहला राज्य बना है. बीज वितरण के लिए कृषि निदेशालय और जिला कृषि अधिकारी से आपूर्ति आदेश जारी करने एवं बीज उत्पादक एजेंसी से गोदाम तक बीज आपूर्ति का पता लगाने के लिए इस प्रणाली का उपयोग हो रहा है.

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Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर Blockchain आधारित ट्रेसबिलिटी प्लेटफार्म के जरिए बीज का वितरण किया जा रहा है. समय से बीज मिलने के कारण पिछले साल की तुलना में इस बार करीब चार गुणा अधिक मांग है. खरीफ फसल में धान, अरहर, रागी, मूंगफली, मक्का, उड़द और मूंग के 38,640 क्विंटल बीज की मांग पूरी की जा चुकी है. खरीफ में खेती करनेवाले एक लाख से अधिक किसानों को बीज वितरण योजना से निबंधित किया गया है. रजिस्टर्ड किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर बीज दिया जाएगा. 11 मई, 2022 से बीज वितरण शुरू हो गया है.

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ब्लॉकचेन प्रणाली वाला पहला राज्य

ब्लॉकचेन प्रणाली का उपयोग करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है. खरीफ मौसम में सिर्फ एक महीन में 1,01,065 किसानों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. साथ ही 123 किसान उत्पादक समूह (Farmer Producer Group) को भी रजिस्टर्ड किया गया है. इधर, सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने पर किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी आएगा, जिसके माध्यम से ही बीज वितरण की पुष्टि होगी. बीज वितरण के लिए कृषि निदेशालय और जिला कृषि अधिकारी से आपूर्ति आदेश जारी करने, बीज उत्पादक एजेंसी से गोदाम तक बीज आपूर्ति का पता लगाने के लिए इस प्रणाली का उपयोग हो रहा है.

क्या है ब्लॉकचेन प्रणाली

डिजिटल बहीखाता के तौर पर ब्लॉकचेन प्रणाली को माना जाता है. यह प्रणाली ना सिर्फ क्रिप्टोकरेंसीज में दिखता है, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव देखा जाता है. इसी के तहत झारखंड में कृषि बीज वितरण में इस प्रणाली को अपनाया गया है. यह प्रणाली बीजों की सूचना का समय पर प्रसार और गुणवत्तापूर्ण रख-रखाव, किसानों तक बीज की पहुंच और उसकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगी. साथ ही इस प्रणाली के माध्यम से किसानों का एक डाटा बेस तैयार किया जाएगा. साथ ही इस तकनीक के सहारे नेटवर्क से जुड़ हर व्यक्ति के पास सूचना का रिकॉर्ड मौजूद होगा. ब्लॉकचेन आधारित बीज ट्रेसबिलिटी प्लेटफार्म के माध्यम से किसान सक्षम पदाधिकारी से बात कर सकेंगे.

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16 फीसदी तक घटी बीज की कीमत

बीज एजेंसी के मनोनयन से बीज की कीमत पिछले वर्ष की तुलना में चार से 16 प्रतिशत तक कम हो गयी है. किसानों की समृद्धि के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में बजटीय आवंटन पिछले वर्ष से करीब दोगुना किया गया है. किसानों को समर्थन देने के लिए सरकार ने बीज मद में 40 करोड़ रुपये का आवंटन किया है.

किसानों को सही समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता : कृषि निदेशक

इस संबंध में झारखंड की कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि सरकारी योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन को मापने के लिए ब्लॉकचेन प्रणाली का उपयोग करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है. पारदर्शिता से योजनाओं का संचालन करने में इसकी अहम भूमिका होगी. किसानों को सही समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो, यह सरकार की प्राथमिकता है.

Posted By: Samir Ranjan.

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