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श्रावणी मेला 2022: सुल्तानगंज गंगा घाट खतरनाक, कांवरिया पथ अभी तक जर्जर, शौचालय व्यवस्था भी फेल

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सावल मेला 2022 की शुरुआत जल्द ही होने वाली है. सुल्तानगंज के गंगा घाट पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और कांवरिया पथ की हालत अभी तक जर्जर ही है. शौचालय और ठहरने की व्यवस्था भी फेल है. जबकि अब 40 दिन से भी कम समय शेष है.

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श्रावणी मेला 2022 (shravani mela 2022) शुरू होने में 40 दिन से भी कम बचे हैं, कुछ दिनों बाद ही अजगैवीनगरी, सुल्तानगंज में बोलबम का नारा गूंजने लगेगा. सुलतानगंज में मुख्य कांवरिया मार्ग की हालत जर्जर है. गंगा घाट से ध्वजागली तक कई जगह सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. मुख्य सड़क कृष्णगढ़ तक भी कई जगह सड़क की हालत ठीक नहीं है. इसकी मरम्मत के लिए काम तेजी से कराने की जरूरत है.

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घाट हो गये हैं खतरनाक, बैरिकेड भी ध्वस्त

गंगा घाट खतरनाक बन गये हैं. गंगा में सुरक्षा के लिए करायी गयी बैरिकेडिंग भी ध्वस्त हो गयी है. कांवरियों की सुरक्षा के लिए गंगा घाट की समय से पहले मरम्मत और समतलीकरण कराये जाने की जरूरत है.बता दें कि पूर्व के वर्षों में प्रशासनिक दावे के बावजूद तेजी से काम नहीं कराये जाने के कारण बेहतर व्यवस्था नहीं हो पाती थी.

इस बार अधिक कांवरियों का होगा आगमन

ऐसा देखा गया है कि सावन मेला (sawan mela 2022) से एक पखवारे पहले काम में तेजी आती है और आनन-फानन में ही कामचलाऊ सुविधाएं ही उपलब्ध हो पाती हैं. इस बार दो साल बाद मेला लगने वाला है, इसलिए संभावना है कि पिछले वर्षों के मुकाबले कहीं अधिक कांवरियों का आगमन होगा. इसलिए अभी से हर विभाग को तेजी से काम कराना होगा, तभी समय पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो पायेंगी.

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शौचालय व ठहराव की मुकम्मल व्यवस्था नहीं

अनुमान है कि इस बार हर दिन दो लाख कांवरिये आ सकते हैं. इनके ठहराव के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. मेला क्षेत्र में सरकारी धर्मशालाओं की संख्या काफी कम है. इसमें वृद्धि करने की जरूरत है. शौचालय व पेयजल की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. कृष्णगढ़ चौक, रेलवे ओवरब्रिज, एके गोपालन कॉलेज परिसर, कच्चा कांवरिया पथ में महिलाओं के लिए अलग शौचालय काफी कम संख्या में बनाये जाते हैं, जिससे महिला कांवरियों को परेशानी होती है.

व्यवस्था के नाम पर कांवरियों का शोषण

कांवरिया के भीड़ से शहर में आवागमन की ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न हो जाती है. जिसका समाधान करने की आवश्यकता समय पूर्व जरूरी है. गंगा घाट का सौंदर्यीकरण,कांवरियों की ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था, पेयजलापूर्ति, शौचालय, साफ-सफाई के अलावे कांवरियों को अत्यधिक परेशानी रास्ते में होती है. जहां व्यवस्था के नाम पर कांवरियों का शोषण खुले आम होता है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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