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Jagannath Rath Yatra 2022: 1 जुलाई को है रथयात्रा, यहां जानें इसका धार्मिक महत्व

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Jagannath Rath Yatra 2022: इस बार रथ यात्रा द्वितीया तिथि का प्रारंभ 30 जून को सुबह 10 बजकर 49 मिनट से हो रहा है. वहीं यह तिथि 1 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 9 मिनट तक रहेगी.

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Jagannath Rath Yatra 2022: रथ यात्रा इस साल 1 जुलाई को है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है. भगवान जगन्नाथ जी के स्मरण में निकाली जाने वाली जगन्नाथ यात्रा हिन्दू धर्म का बेहद प्रसिद्ध त्योहार है.

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जानें रथयात्रा की तिथि

इस बार रथ यात्रा द्वितीया तिथि का प्रारंभ 30 जून को सुबह 10 बजकर 49 मिनट से हो रहा है. वहीं यह तिथि 1 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 9 मिनट तक रहेगी. चूंकि हिंदू धर्म में किसी भी चीज का प्रारंभ उदयातिथि पर होता है, एसे में इस साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 1 जुलाई यानी शुक्रवार से शुरू होगी.

यात्रा के लिए हर साल बनाएं जाते हैं नए रथ

भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदीघोष कहते है जिसकी ऊंचाई 45.6 फुट होती है. बलराम के रथ का नाम ताल ध्वज और उंचाई 45 फुट होती है वहीं सुभद्रा का दर्पदलन रथ 44.6 फुट ऊंचा होता है. अक्षय तृतीया से नए रथों का निर्माण आरंभ हो जाता है. प्रतिवर्ष नए रथों का निर्माण किया जाता है. इन रथों को बनाने में किसी भी प्रकार के कील या अन्य किसी धातु का प्रयोग नहीं होता है.

जानें रथयात्रा का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व

इस यात्रा का धार्मिक एवं सांस्कृतिक दोनों महत्व है. धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो पुरी यात्रा भगवान जगन्नाथ को समर्पित है जो कि भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. हिन्दू धर्म की आस्था का मुख्य केन्द्र होने के कारण इस यात्रा का महत्व और भी बढ़ जाता है. कहते हैं कि जो कोई भक्त सच्चे मन से और पूरी श्रद्धा के साथ इस यात्रा में शामिल होते हैं तो उन्हें मरणोपरान्त मोक्ष प्राप्त होता है.

वे इस जीवन-मरण के चक्र से बाहर निकल जाते हैं. इस यात्रा में शामिल होने के लिए दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं. देश-विदेश के शैलानियों के लिए भी यह यात्रा आकृषण का केन्द्र मानी जाती है. इस यात्रा को पुरी कार फ़ेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. ये सब बातें इस यात्रा के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं.

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